गोण्डा जनपद में अवैध कब्जे को रुकवाने का हुआ आदेश ,आखिर कब चलेगा बुलडोजर? सोहिला झील की जमीन में इतनी झाल क्यों ?

गोण्डा जनपद के विशंभरपुर गांव की ग्राम समाज की जमीन पर अवैध कब्जे का बदस्तूर सिलसिला चल रहा है ।अधिकारियों की मिलीभगत से सोहिल झील के अस्तित्व को भी मिटाने की साजिश हो रही है।  धड़ल्ले से रसूखदार ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा कर रहे हैं ।आखिर जिला प्रशासन नियमों को ताक पर रखकर समाज की जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है?  
मगर ग्राम प्रधान ने जिस तरह से बंदोबस्त अधिकारी के यहां शिकायत करके ग्राम समाज की जमीन पर अवैध कब्जे को रुकवाने का काम किया है अब ऐसे में अवैध कब्जे पर बुलडोजर कब चलेगा।  इसको लेकर भी मुहिम शुरू की जा रही है।

 ग्राम सभा विश्म्भरपुर में स्थित ग्राम समाज की भूमि गाटा संख्या 1537 पर अवैध निर्माण किये जाने का विरोध करते हुए ग्राम प्रधान द्वारा इसकी शिकायत किये जाने के बाद बन्दोबस्त अधिकारी ने एस.ओ धानेपुर को पुलिस बल के साथ निर्माण कार्य रुकवाने का आदेश दिया है।

आपको बता दें कि गोण्डा से उतरौला मुख्य मार्ग पर स्थित सोहिला झील अथवा सामिलाती ग्राम समाज की बेशकीमती जमीनों पर पिछले  कई सालों से कब्जे का खेल चल रहा है। रसूख के बल पर यहां कई लोगों द्वारा बैनामा कराने का भी दावा किया जा रहा है। इसी दावे के साथ मुजेहना क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य के पति राम उदार वर्मा द्वारा भी बैनामा लिए जाने की बात की जा रही है।

ग्राम प्रधान का कहना है कि जिस जमीन को बैनामा कराने का दावा किया जा रहा है वो भूमि ग्राम समाज की बंजर भूमि गाटा संख्या 1537 है।
 इन्ही दावों के बीच का ये विवाद अब धीरे धीरे तूल पकड़ता जा रहा है। चूँकि क्षेत्र चकबन्दी प्रक्रिया में है इस दौरान भूमि विवाद में जब कोई निर्णय नही हो जाता। जबरन निर्माण कराया जाना उचित नहीं है।

बताया जा रहा है कि करीब दस माह पूर्व भी ग्राम प्रधान ने आपत्ति दाखिल की गयी थी, उस दौरान भी निर्माण कार्य रोके जाने का आदेश जारी किया गया था।किन्तु आदेशों की अवहेलना करते हुए निर्माण कार्य लगातार कराया जा रहा था।   ग्राम प्रधान ने बन्दोबस्त अधिकारी के यहां आपत्ति दाखिल की है जिसके बाद निर्माण कार्य कर को रोकने का आदेश किया गया है

फिलहाल अवैध कब्जे को लेकर जिस तरह से फिलहाल जिस तरह से ग्राम समाज की जमीन पर अधिकारियों की अनदेखी और रसूखदारकी मिलीभगत से कब्जा करने का धड़ल्ले से खेल हो रहा है । ऐसे में बड़ा सवाल है कि आखिर दोषी अधिकारी बेनकाब कब होंगे ? और सरकारी ग्राम समाज की जमीन पर हो रहे अवैध खिलाफ प्रशासन सख्त से सख्त कार्रवाई कब करेगा उधर पैंतरा बदलने में माहिर अवैध कब्ज़े दार ने थाने में तहरीर देकर ग्राम प्रधान के खिलाफ ही जान से मारने और फिरौती मांगने का आरोप लगाया है । पुलिस मामले की जांच कर रही है मगर जिस तरह से झील की जमीन पर झाल हो रही है ऐसे में प्रशासन को सख्त कदम उठाना होगा वरना झील का अस्तित्व रसूख दारों  की झाल में समा जाएगा ।


रिपोर्ट : भरत कसौधन

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