हेल्थ के लिए खतरनाक है मलेरिया,1 साल में 6 लाख़ से ज्यादा लोगो की ली थी जान

आज देशभर में विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है. मलेरिया होने पर न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम्स से लेकर रीनल फेलियर तक की प्रॉब्लम्स देखने को मिलती हैं. करीब 100 साल से भी पुराना है मलेरिया रोग हर साल 25 अप्रैल के दिन दुनियाभर में मलेरिया दिवस मनाया जाता है. वैसे तो मलेरिया चार प्रकार का होता है. लेकिन भारत में यह दो प्रकार के होते है. जिसमें एक प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम दूसरा प्लाज्मोडियम वैवाक्स मलेरिया पाया जाता है. दोनों खतरनाक होते हैं. यह मच्छर सूर्यास्त के बाद काटता है. विश्व मलेरिया दिवस पहली बार 2008 में आयोजित किया गया था. इसे अफ्रीका मलेरिया दिवस से विकसित किया गया था, जो एक ऐसी घटना थी जिसे 2001 से अफ्रीकी सरकारों द्वारा मनाया जाता रहा है.


मलेरिया से 2020 में 6 लाख 27 हजार लोगो कि मौत हुई थी 

मलेरिया एक ऐसी बीमारी है ये जिस व्यक्ति को पकड़ लेती है उसे बुरी तरह तोड़ देती है यहाँ तक की उसकी जान के भी लाले पड़ जाते है. विश्व मलेरिया रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में मलेरिया से अनुमानित 24 करोड़ मामले सामने आए और 6,27,000 मौतें हुईं. दुनिया में 95 फीसदी मलेरिया मरीज अभी भी अफ्रीकी देशों में मिलने का अनुमान है. भारत इस बीमारी से प्रभावित वह अकेला देश है जहां 2018 के मुकाबले 2019 में इस बीमारी के मामलों में 17.6 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है.

भारत ने 2030 तक मलेरिया को निपटाने का रखा लक्ष्य 

मलेरिया को लेकर भारत ने पहले से ही आपनी रणनीति बना चुकी है. हर साल भारत में मलेरिया के आकड़ों में लगातार कमी देखी जा रही है. डब्ल्यूएचओ विश्व मलेरिया रिपोर्ट 2021 के अनुसार, भारत ने मलेरिया के मामलों में 1.7 प्रतिशत और वैश्विक स्तर पर 1.2 प्रतिशत मौतों का योगदान दिया. भारत का लक्ष्य 2030 तक मलेरिया को खत्म करना है. वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन की भी कोशिश है कि दुनिया में मलेरिया को आने वाले समय में अंत के रूप में देखा जाए.

मलेरिया को फैलने से कैसे रोके 

यदि मलेरिया का निदान किया गया है, तो बीमारी को दूसरों तक फैलने से रोकने के लिए सही कदम उठाना महत्वपूर्ण है. इसमें निर्धारित दवा लेना, मच्छर विकर्षक का उपयोग करना और दूसरों के साथ निकट संपर्क से बचना शामिल है.

आज के दिन का महत्व

मलेरिया के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना एक बड़ा मिशन है. आमतौर पर लोग मच्छरों से खुद को बचाने के प्रति भी गंभीर नहीं रहते हैं. ज्यादातर लोग मलेरिया के सभी प्रकार और उनकी गंभीरता से भी वाकिफ नहीं हैं. मच्छर को छोटा जीव समझ उनके तेजी से पनपने को अनदेखा करना और मलेरिया के प्रति लोगों के लापरवाह रवैये को बदलने के लिए ये दिन महत्वपूर्ण माना जाता है.

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