महिलाओं के साथ ऐसा करने पर क्यों नाराज़ हो जाते है, न्यायाधीश शनिदेव

शनिदेव भगवान को सूर्यदेव का सबसे बड़ा पुत्र कहा जाता हैं, ऐसा माना जाता है शनिदेव जिससे नाराज़ हो जाते हैं फिर उसका जीना मुश्किल हो जाता हैं. उन्हें कर्मफल दाता भी कहा जाता हैं. भगवान शनिदेव को संसार का सबसे पहला न्यायाधीश माना गया हैं. पुरानी मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता हैं कि भगवान सूर्य राजा हैं, बुध मंत्री हैं, मंगल सेनापति हैं और शनिदेव को न्यायधीश बताया गया हैं. गुरु है अच्छे मार्ग का प्रदर्शक, चंद्र है माता और मन का प्रदर्शक, शुक्र है. जब कोई भी व्यक्ति कभी भी कोई गलती या अपराध करता हैं तो उसे शनि के आदेश के तहत राहू और केतु उसे दंड देने के लिए सक्रीय हो जाते हैं. भगवान शनि के अदालत में सजा पहले दिया जाता हैं और बाद में मुकदमा इस बात के लिए चलता है कि आगे यदि इस व्यक्ति के चाल-चलन ठीक रहे तो दंड की अवधि बीतने के बाद इसे फिर से खुशहाल कर दिया जाए या नहीं. 

ऐसे में लोग उनकी नाराजगी से बचने के लिए अनेक तरह के उपाय करते हैं. हालांकि, फिर भी लोग इस बात को लेकर असमंजस में होते हैं कि आखिर शनिदेव की उन पर कृपा दृष्टि पड़ रही है या फिर वह उनसे नाराज होकर दंड दे रहे हैं. ऐसे में बहुत से लोग डर जाते है उन्हें लगता है कि शनिदेव की कोप से उन्हें कोई नहीं बचा सकता हैं, ऐसा बिलकुल भी नहीं है, आप बहुत ही आसन उपाय कर के महाराज शनिदेव को प्रसंद कर सकते हैं. आइये जानते है कैसे ख़ुश होते है न्यायाधीश महाराज शनि...

- शनिदेव को क्रोध बहुत ही जल्द आ जाता है और ऐसा माना जाता हैं यदि किसी नारी, बुजुर्गों और विधवाओं का कभी भी अपमान न करें और न ही इनके साथ किसी प्रकार की मानसिक, भावनात्मक या शारीरिक हिंसा करें. नहीं तो शनि देव नाराज हो जाते हैं.

- शनिदेव को प्रकृति का प्रेमी माना जाता हैं. शनि देव के प्रकोप से बचने के लिए पशु-पक्षियों और प्रकृति को कभी भी नुकसान न पहुंचाएं. नहीं तो मान्यता है कि शनिदेव नाराज होते हैं.

- कहा जाता है कि पीपल के पेड़ में सभी देवी-देवताओं का वास होता है. जो भी व्यक्ति शनिवार के दिन सूर्योदय के बाद पीपल की पूजा करने, जल अर्पित करने हुए तेल का दीया जलाने से शनि देव की कृपा हमेशा मिलती है. पीपल के पेड़ की पूजा से शनिदेव जल्द प्रसन्न होते हैं.

- ऐसा कहा जाता है कि ग़रीबों को दान करने वाले और जरूरतमंदों कि सहायता करने वाले लोगों इनकी विशेष कृपा रहती हैं. ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, शनिदेव की कृपा पाने के लिए शनिवार के दिन काला तिल, काला छाता, सरसों का तेल, काली उड़द और जूते-चप्पल का दान करना चाहिए. इससे जीवन की समस्याएं कम होती हैं.

- शनिवार के दिन शनिदेव की कृपा पाने और कुंडली से साढ़ेसाती का प्रभाव कम करने लिए शनिदेव के मंत्रों और चालीसा का पाठ करना चाहिए. साथ ही संभव हो तो शनि मंदिर जाकर शनि चालीसा और आरती भी करें. अगर इन मन्त्रों का जाप करेंगे तो अवश्य लाभ मिलेगा..

शनि बीज मंत्र- ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
सामान्य मंत्र- ॐ शं शनैश्चराय नमः।

शनि महामंत्र- ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
 शनि का वैदिक मंत्र- ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।

शनि गायत्री मंत्र­- ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।
तांत्रिक शनि मंत्र- ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।

शनि दोष निवारण मंत्र- ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम। उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।।

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