सपा , सारस और सरकार का खेल !

राजनीति जो ना करवा लें वो कम है ... इंसानों पर राजनीति होते तो आपने पहले भी देखा होगा ,लेकिन किसी ने क्या सोचा था...कि एक दिन आएगा जब पशुओं और पक्षियों को भी राजनीति में धकेल दिया जाएगा ..आपको वो स्टोरी तो जरूर याद होगी , जो कुछ दिनों पहले हमने आपको दिखाई थी,अमेठी के आरिफ और सारस की कहानी ......इंसान और पक्षी की ऐसी प्रेमकथा शायद ही आपने पहले सुनी और देखी होगी. घायल सारस का इलाज करके किसान आरिफ ने उसे अपना दोस्त बना लिया था.....आरिफ ने कभी उसे पाला नहीं था,कैद में नहीं रखा था....फिर भी आज वो आऱिफ इस जुर्म में फंसाया जा रहा है कि उसने सारस जैसे राज्यीय पक्षी को पाला ..एक समय था...जब आऱिफ और सारस की दोस्ती देखने लोग आ रहे थे....इतना ही नहीं , सारस को देखने पिछले दिनों यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव भी पहुंचे थे .... बस फिर क्या था....जाने अंदाजे ही सहीं , बेचारा सारस राजनीति में फंस गया ..

जिस सारस पर पिछले कई महिनों से वन विभाग की नजर नहीं पड़ी जबकि उसके वीडियो वायरल होते रहे...वहीं जैसे की अखिलेश यादव सारस से मिलने पहुंच तो वन विभाग का कानून और कायदे याद आ गए है .. और वन विभाग की टीम सारस को अपने साथ ले गई और इतना ही नहीं आरिफ को नोटिस भी थमा दी गई,कि उसने सारस को पाल कर जुर्म किया है .......बस इतनी घटना घटी नहीं कि राजनीति अपने चरम पर पहुंच गई ... सबसे पहले आरिफ और सारस के अलग होने पर अखिलेश यादव आगबबूला हुए और उन्होंने ट्वीट कर कहा कि -

'उप्र वन-विभाग द्वारा अमेठी से ज़बरदस्ती ले जाकर रायबरेली के समसपुर पक्षी विहार में छोड़ा गया ‘बहुचर्चित सारस’ अब लापता है। उप्र के राज्य-पक्षी के प्रति ऐसी सरकारी लापरवाही एक गंभीर विषय है।

जिसके बाद सारस मिल गया और लोगों ने सारस का ख्याल रखा ..जिसके बाद फिर अखिलेश यादव ने ट्वीट किया औऱ लिखा कि- 

'उप्र के पक्षी-प्रेमी ‘बी सैया’ नामक गाँव को बहुत धन्यवाद जिसने सारस को बचाया, खिलाया पिलाया और वो काम कर दिखाया, जिसमें उप्र की सरकार नाकाम रही'

 जिसके बाद अखिलेश यादव ने लगातार कई ट्वीट्स किए और सारस को लेकर सरकार को घेरा ... जिसके बाद कल फिर से अखिलेश यादव आऱिफ से मिले औऱ उन्हे लेकर पहुंच गए वन विहार जहां सारस को रखा गया है .... सारस को एक जगह बंद देखकर अखिलेश यावन ने फिर से ट्वीट कर कहा कि -

उप्र की भावना प्रधान जनता की भाजपा सरकार से अपेक्षा है कि :

- ‘राज्य पक्षी सारस’ को राजनीतिक विद्वेष की प्रताड़ना के बंधन से मुक्त करके प्राकृतिक वातावरण में भेजा जाए। 
- सारस को बचानेवाले को ‘सारस-मित्र’ के रूप में सम्मानित किया जाए।
- सरकार चाहे तो इसके लिए जनमत करवाकर देख ले।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस मामले में प्रतिक्रिया दी थी,. प्रियंका ने भी आरिफ को वन विभाग द्वारा नोटिस भेजने का विरोध जताया.. उन्होंने कहा, 'रक्षकों का सम्मान करना हमारे देश की परंपरा है.. प्रेम की मिसाल कायम करने वालों को इस देश में सराहा जाता है. लेकिन, यूपी सरकार को क्या सूझा जो सारस की जान बचाने वाले, उसको दोस्त की तरह रखने वाले रक्षक को नोटिस भेजा जा रहा है. प्रेम, संवेदना के प्रति ये अन्याय कतई सही नहीं है..'

लेकिन अब इन सभी सवालों के जवाब यूपी की भाजपा सरकार ने देने शुरू कर दिए हैं .... भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि सपा मुखिया अखिलेश यादव सारस की आड़ में आरिफ के नाम पर राजनीति कर रहे हैं...सारस को चिड़ियाघर में कैद नहीं, बल्कि संरक्षित किया गया है.. सपा प्रमुख के लिए एक क्षेत्र विशेष ही सब कुछ है, लेकिन सीएम योगी के लिए पूरा प्रदेश ही परिवार है....

फिलहाल अब भी लगातार सारस पर राजनीति चालू है .....नेता अलग अलग तरह से सारस को लेकर प्रतिक्रिया दे रहे है .....लेकिन आज के समय में अगर सारस जैसे संवेदनशील पक्षी पर राजनीति हो और पक्षी को खुद ही इसका  खामियाजा भुगतना पड़े तो ये आज की राजनीति के लिए शर्मनाक बात है ...

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.