असम में बाढ़ के कहर से अबतक 134 लोगों की गई जान,लाखों लोग प्रभावित

मयूरी श्रीवास्तव -

गुवाहटी.असम में बाढ़ की तस्वीरे देख कर ही आप अंदाज़ा लगा सकते हैं.कि कितनी भयावह स्थिति हो चुकी है. करीब एक महीने से असम के कई ज़िलों में बाढ़ ने अपना भयानक प्रकोप दिखाया है. जिससे लाखों लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. और तमाम लोगों ने अपनी जानें गवाई हैं .वही दूसरी तरफ सरकार बाढ़ पीड़ितों की मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है पीड़ितों को हर तरह की सुविधा मुहैया कराने में जुटी हुई है.राज्य सरकार प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचा रही है.सबकुछ सरकार का खर्च हो रहा है. किसी भी पीड़ित को पैसे देने की जरूरत नहीं है. हमें शिकायत मिली है और इससे संबंधित एक्शन लिया जाएगा.

इसके अलावा उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि हम पीड़ितों को अब तक तीन दिन की राहत सामग्री भेज रहे थे.लेकिन अब हम तैयारी कर रहे हैं कि ट्रांसपोर्ट के जरिये लोगों को पांच दिन की राहत सामग्री भेजी जाए. और यह भी कहा की यह बिल्कुल मुफ्त हैं. किसी को भी पैसे देने की जरूरत नहीं है.

वही असम आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, सोमवार को बाढ़ से 8 लोगों की जान गई थी, और करीब 21 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. मृतकों की संख्या बढ़ने पर असम में अब तक बाढ़ संबंधित घटनाओं में 134 लोगों की मौत हो चुकी है.

अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर नदियों में जल स्तर घट रहा है. हालांकि, नगांव में कोपिली, कछार में बराक और करीमगंज में करीमगंज और कुशियारा खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.एएसडीएमए के बुलेटिन के अनुसार, 22 जिलों में कुल प्रभावित आबादी घटकर 21.52 लाख हो गई, जबकि पिछले दिन 28 जिलों में यह संख्या 22.21 लाख थी

एक सप्ताह से अधिक समय से पानी में डूबे सिलचर कस्बे में उन इलाकों में राहत पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है जहां प्रशासन को वायुसेना के हेलीकॉप्टर से भोजन, पीने के पानी और अन्य आवश्यक वस्तुओं के पैकेट गिराने के लिए हवाई मार्ग से पहुंचना बाकी है.

राज्यभर में 61 राजस्व मंडलों के तहत 2,254 गांव बाढ़ की मौजूदा लहर से प्रभावित हैं, जबकि 1,91,194 लोगों ने 538 राहत शिविरों में शरण ली है. बाढ़ के पानी से 79 सड़कों और पांच पुलों को नुकसान पहुंचा है, जबकि छह तटबंध टूट गए हैं. 74,655.89 हेक्टेयर फसल क्षेत्र अभी भी जलमग्न है, और अब तक 2,774 जानवर पानी में बह गए हैं.

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