सूखे पुआल से कमज़ोर हो रहे गौशालाओं में संरक्षित मवेशी।
बांदा :- तिंदवारी क्षेत्र के आधा दर्जन गौशालाओं की जमीनी हकीकत देख नोडल अधिकारी/उपनिदेशक पशुपालन मनोज अवस्थी ने कहा कि गौशालाओं में संरक्षित किये मवेशियों को सूखा पुआल ही दिया जा रहा है, खाने में चूनी, चोकर, हरा चारा आदि न दिए जाने से मवेशी शारिरिक रूप से कमज़ोर होते जा रहे हैं, जिसके कारण ठंड से जल्द मौतें हो रही हैं। उनके खाने में पौष्टिक आहार चूनी, चोकर, भूसा हरा चारा सामिल करने की बात पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. मनोज कुमार अवस्थी ने निरीक्षण के दौरान कही।
उन्होंने ने कस्बे की कान्हा गौशाला के अलावा गरौती, तेरही माफ़ी, पिपरगवां, भुजौली आदि गांवों की गौशालाओं का निरीक्षण किया। कस्बे के कान्हा पशुआश्रय केंद्र में गोबर, लाइट, पानी, सफाई आदि की व्यवस्था देखी। पिपरगवां गांव की गौशाला में ठंड से बचाव के लिए पन्नी का खुला छप्पर था, सफाई आदि भी ठीक नही थी, जल्द चारों ओर से बन्द छप्पर बनाने व गोबर को एकत्र कर खाद तैयार करने को कहा। तेरही माफी की गौशाला में मिट्टी की पुराई कराने के निर्देश दिए। कस्बों और गांवों में घूम रहे अन्ना मवेशियों को जल्द ही गौशालाओं में संरक्षित कर तत्काल उनके टैगिंग करने को कहा।
निरीक्षण के दौरान बीडीओ अमित कुमार यादव, एडीओ पंचायत विनोद कुमार झा, पशुचिकित्सक डॉ. नंदलाल कुशवाहा आदि मौजूद रहे।
रिपोर्टर :- क़ासिद अली सिद्दीकी
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