मालवीय जी के आदर्शों की घोर निंदा करती बिसौली की एसडीएम ज्योति शर्मा

बिसौली/बदायूं: महामना मदन मोहन मालवीय जिनके आदर्शों पर हर पीढ़ी अग्रसर है। जिनके नेक इरादों और उनके व्यवहार कि आज भी चर्चाएं विख्यात है। पत्रकारिता जगत और समाज सुधार का काम करने वाले मालवीय जी के नेक इरादों पर चलना लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। और लोग इनके नेक इरादों पर चलकर समाज सुधार का काम कर भी रहे हैं लेकिन वहीं एक चर्चित नागरिक द्वारा जब बिसौली की एसडीएम महोदया ज्योतिष शर्मा को मालवीय जी के 160 वें जन्मोंत्सव समारोह का निमंत्रण दिया गया तो उन्होंने नियंत्रण लेने से इनकार कर दिया। या यह कह सकते हैं कि ब्राह्मण समाज से तालुकात रखने वाली बिसौली की एसडीएम महोदया ज्योति शर्मा मालवीय जी का नाम सुनते ही ज्वाला हो उठी 'ज्योति बनी ज्वाला'।

ज्ञात हो मालवीय जी विश्वविद्यालय के प्रणेता तो थे ही इस युग के आदर्श पुरुष भी थे। वे भारत के पहले और अन्तिम व्यक्ति थे जिन्हें महामना की सम्मानजनक उपाधि से विभूषित किया गया। पत्रकारिता, वकालत, समाज सुधार, मातृ भाषा तथा भारतमाता की सेवा में अपना जीवन अर्पण करने वाले इस महामानव ने जिस विश्वविद्यालय की स्थापना की उसमें उनकी परिकल्पना ऐसे विद्यार्थियों को शिक्षित करके देश सेवा के लिये तैयार करने की थी जो देश का मस्तक गौरव से ऊँचा कर सकें। महामना की उपाधि से सम्मानित मालवीय जी देश को इतना कुछ देकर गए ताकि देश का गौरव हमेशा ऊंचा रहे लेकिन वही इतना कुछ कर देने के बाद भी मालवीय जी को वह सम्मान ना मिल सके तो यह सभी के लिए एक शर्म का विषय है जो कि एसडीएम महोदया को भी सोचना चाहिए। देश के हर एक नागरिक को सही दिशा में ले कर जाने वाले ऐसे महान व्यक्ति की अधिकारियों द्वारा निंदा एक शर्म का विषय है। हांलांकि मालवीय जी अपने व्यवहार में सदैव मृदुभाषी रहे थे। लेकिन वहीं उनके इरादों पर चलने वाले उनके ही देश के नागरिक यानी बिसौली की एसडीएम ज्योति शर्मा द्वारा मालवीय जी के प्रति सम्मानित व्यवहार प्राप्त नहीं हो पाया।

व्यवहार तो बहुत दूर की बात है उनकी 160 में जन्मोत्सव समारोह का निमंत्रण तक बिसौली की एसडीएम ने स्वीकार करने से मना कर दिया और निमंत्रण को पढ़े बिना ही समय नहीं है कह कर वहां से एसडीएम महोदया चली गई। आखिर क्या कारण हैं जो एसडीएम महोदया अपने काम से विमुख होती नजर आ रही है आम जनता की तो छोड़ो पत्रकारों तक का फोन नहीं उठाती है, बिसौली की एसडीएम ज्योति शर्मा तो फरियादी अपनी फरियाद लेकर कहां जाए। एसडीएम की मालवीय जी के प्रति व्यवहार और उनके भाव कि नगर में घोर निंदा है।

रिपोर्टर: अंकुर

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