बलिया में बालू लदे ट्रकों का आवागमन धड़ल्ले से जारी अधिकारियों के नाक के नीचे होता है सारा खेल

शासन की मंशा के बिल्कुल विपरीत बलिया में ओवरलोड बालू लदी गाड़ियों का आवागमन धड़ल्ले से जारी है । शासन से इसको रोकने के लिए अनगिनत प्रयास किए गए पर परिणाम शून्य ही रहा । प्रतिदिन सैकड़ों गाड़ियों का आना- जाना लगा है और ये सारा खेल अधिकारियों के नाक के नीचे होता है। ए आर टी ओ बलिया से प्राप्त सूचना के अनुसार 10 चक्का ट्रक में बालू लोड की क्षमता 450 फीट,12 चक्का ट्रक में 550 फीट तो वहीं 14 चक्का ट्रक में लोड की क्षमता 650 फीट है।

जो गाडियां ओवरलोड बालू ले के आ रही हैं उनमें 1000 फीट,1100 फिट,1200 फीट तक लादकर लाया जा रहा है वहीं कुछ गाड़ियों की हालत ये है की उनमें बॉडी से 1 फीट उपर तक लादा जा रहा है।

इस बारे में हमने जब ए आर टी ओ बलिया संतोष कुमार सिंह से बात करनी चाही तो उनका कहना था कि "मेरी ड्यूटी आजमगढ़ में है और मैं बलिया के चार्ज पर हूं और हफ्ते में एक ही दिन ऑफिस आ पाता हूं और ऑफिस का ही काम इतना होता है की इन सब चीजों के लिए वक्त नहीं मिलता ये सारा काम पीटीओ साहब देखते हैं आप उनसे बात कर लीजिए।"
उसके बाद पीटीओ राधेश्याम गौतम से इस बारे में बात करने पर बेहद असंतोष जनक जवाब मिला उनका कहना था कि "मैं अभी 2 दिन की छुट्टी पर हूं जब वापस आऊंगा तो देखा जायेगा मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।"सूत्रों के हवाले से पता चला है कि जो प्रवर्तन दल चेकिंग में उनके साथ चलता है उसमें आधे लोग प्राइवेट हैं जो बिना किसी वेतन के कई सालों से है ऐसे में इन लोगों की भूमिका पर लगातार सवाल उठते रहे हैं।बरसात के दिन में कई जगह सड़कों पर पानी लगा है और बहुत बड़े-बड़े गड्ढे भी हैं ऐसे में अगर जल्द ही इन ओवरलोड ट्रकों के आवागमन पर रोक नहीं लगाई गई तो किसी भी वक्त कोई बड़ा हादसा हो सकता है साथ ही साथ इसके चलते जो सरकार के राजस्व को लगातार नुकसान हो रहा है उसे रोकना बड़ी चुनौती होगी।

रिपोर्टर - मंगलेश कुमार तिवारी

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