17 अक्टूबर दुर्गा महोत्सव के अवसर पर सन 1939 में स्थापित कस्बे के पुरातन

तिंदवारी (बांदा) 17 अक्टूबर दुर्गा महोत्सव के अवसर पर सन 1939 में स्थापित कस्बे के पुरातन, पारंपरिक 11 दिवसीय श्री रामलीला का समापन शनिवार को मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के राज्याभिषेक के साथ किया गया। जहां वैदिक उच्चारण और मंगल गीतों के बीच श्रद्धालुओं ने भगवान का तिलक कर आरती की।

14 वर्ष के वनवास की अवधि समाप्त होने पर प्रभु श्री राम इस धरा पर आने का उद्देश्य पूर्ति करते हुए, लंकापति रावण पर विजय प्राप्त कर, सभी वानरी सेना से भावपूर्ण विदाई लेकर , माता जानकी, लक्ष्मण, हनुमान जी एवं विभीषण सहित अयोध्या आते हैं। जहां सभी प्रजावासियों की सहमति से गुरु वशिष्ठ ने राम को राजा बनने का आदेश दिया। प्रभु श्री राम के अयोध्या आने का सुखद समाचार सुनकर सभी अयोध्यावासी खुशी से झूम उठे, परंतु सबसे अधिक प्रसंता भरत जी को थी। प्रसन्नता वश भरत की आंखों से आंसू छलक आए। प्रथम तिलक वशिष्ठ मुनि कीन्हा। पुनि सब विप्रन आयसु दीन्हा ।। गुरु वशिष्ट ने प्रभु श्री राम का तिलक कर उनके राजा बनने की घोषणा की। जहां श्री रामलीला कमेटी प्रबंधक आनंद स्वरूप द्विवेदी, अध्यक्ष अनिल कुमार लखेरा के नेतृत्व तथा महामंत्री अरविंद कुमार गुप्ता के संचालन में कमेटी द्वारा भगवान का तिलक व मंगल आरती की गई। 11 दिवसीय श्री रामलीला में उत्कृष्ट अभिनय का प्रदर्शन करने वाले कलाकारों को कमेटी द्वारा पुरस्कार प्रदान किए गए।
इस अवसर पर नीलकंठ गुप्ता, श्रद्धा निगम, डॉक्टर देवेंद्र गोयल, ठाकुर सत्येंद्र प्रताप सिंह, रमेश चंद्र गुप्ता, श्रीनिवास गुप्ता, दिनेश कुमार गुप्ता, धीरज गुप्ता, राहुल गुप्ता, संदीप कुमार गुप्ता, हरबंस श्रीवास्तव, प्रशांत कुमार गुप्ता, मनीष बजाज, नमन गुप्ता, दीपू सोनी, कृष्ण कुमार नामदेव, शिव शंकर सोनी, अखिलेश गुप्ता, सुनेद्र देवा, दीनू गुप्ता, किशन गुप्ता, अतुल दीक्षित प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

रिपोर्टर : क़ासिद अली सिद्दीकी

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