मोदी ,बांग्लादेश और बंगाल का क्या है कनेक्शन ?

पश्चिम बंगाल में चुनावी रण का माहौल अभी गर्म है और सियासी  गर्मागर्मी के इस दौर में सरकारें अपना दम दिखाने में कहीं पीछे नहीं रहना चाहती है , बंगाल में चुवानी सत्ता के इस युद्ध में भाजपा की कमान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संभालते नजर आ रहे हैं . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बंगाल में अलग अलग जगह चुनावी रैली करते आजकल खूब नजर आए ...लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे के लिए बांग्लादेश पहुंचे. बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना ने उनका स्वागत किया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया. 

बांग्लादेश के दो दिवसीय दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी 

                                       

बांग्लादेश की आजादी की 50वीं वर्षगांठ का जश्न मनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी बांग्लादेश पहुंचे ..लेकिन अब लोग इस यात्रा को भी बंगाल चुनाव से जोड़ रहे हैं ...मगर बंगाल चुनाव का बांग्लादेश से कैसे सीधा संबन्ध हो सकता है ये बात बहुत लोगों को समझ नहीं आ रही . प्रधानमंत्री के इस दौरे को सीधे बंगाल चुनाव से जोड़कर क्यों देखा जा रही हैं इस समीकरण को समझने के लिए देखें हमारी ये खास रिपोर्ट – 

बांग्लादेश और बंगाल का कनेक्शन 

                                               

बांग्लादेश पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री सबसे पहले ढाका में सावर में शहीद स्मारक पहुंचे. वहां उन्होंने एक पौधारोपण किया. और वहीं शहीद स्मारक में पीएम मोदी ने विजिटर्स बुक में संदेश लिखकर अपने हस्ताक्षर किए. वही पीएम मोदी इस दौरे में सुगंधा शक्तिपीठ और ओरकांडी मंदिर सरीखे धार्मिक स्थल भी जाएंगे. बता दे कि बरीसाल जिले में सुगंधा शक्तिपीठ को 51 शक्तिपीठ में से ये एक माना गया है. ये हिंदुओं की आस्था से जुड़ा हुआ केंद्र है. 

क्या है मतुआ समुदाय के लोग? 

ओरकांडी मंदिर मतुआ महासंघ के संस्थापक हरिचंद्र ठाकुर की है, जिन्हें मानने वालों की बड़ी तादाद पश्चिम बंगाल में रहती है. बांग्लादेश में पीएम मोदी जिस वक्त मंदिरों में सिर झुका रहे होंगे, उसी समय पश्चिम बंगाल में पहले चरण की वोटिंग हो रही होगी. जी हां, 27 मार्च यानी शनिवार को बंगला में 30 सीटों पर मतदान होगा. बंगाल के मतुआ समुदाय के लोग हरिचंद्र ठाकुर को भगवान का अवतार मानते हैं. ऐसे में पीएम मोदी बंग्लादेश की जमीन से मतुआ समुदाय के हरिचंद्र ठाकुर की जन्मस्थली और उनकी मंदिर जाकर बड़ा राजनीतिक संदेश देने की कवायद करेंगे.

‘बंगाल की 21 सीटों पर मतुआ मतदाताओं को अच्छा प्रभाव’

                                                    

जानकारी के मुताबिक बांग्लादेश की आजादी से पहले वहां की बड़ी आबादी पश्चिम बंगाल आ गई थी. इसमें मतुआ समुदाय भी शामिल है. बंगाल में मतुआ समुदाय की बड़ी आबादी रहती है. ये राज्य की कुल अनुसूचित जाति का पांचवां हिस्सा है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक बंगाल में अनुसूचित जाति की 23.51 फीसदी है. और  राज्य में 294 विधानसभा सीटों में से 21 सीटों पर मतुआ मतदाताओं को अच्छा प्रभाव है. साल 1947 के बाद जब लोग आए तो वह पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और नदिया में आ कर बसे. वही बांग्लादेश के दौरे पर बांग्लादेश के विदेश मंत्री अब्दुल मोमेन ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में कोरोना जैसी वैश्विक बीमारी से लड़ने में मदद मिली.

BY- NAVED MAJID

 

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