सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम अत्यंत ही महत्वपूर्ण योजना, जल्द से जल्द पूर्ण करायें लंबित योजनाएं : जिलाधिकारी

गड़बड़ी करने वालों के विरूद्ध होगी कड़ी कार्रवाई।

भिखनाठोरी सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में जल संचयन के विभिन्न स्रोतों को अविलंब करायें विकसित।

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुयी जिलास्तरीय चयन समिति की बैठक।

जिला योजना पदाधिकारी एवं कार्यपालक अभियंता, एलएईओ से शोकॉज करने का निदेश।

बेतिय। जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार ने कहा कि सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम अत्यंत ही महत्वपूर्ण योजना है। इसके तहत अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित दुर्गम एवं सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले व्यक्तियों की आवश्यकताओं को विशेष योजनाओं के माध्यम से पूरा किया जाना है। उन्होंने कहा कि इस योजना का उदेश्य सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों को विभिन्न मदों के माध्यम से आवश्यक आधारभूत संरचनात्मक विकास द्वारा संतृप्त करना है।

उन्होंने कहा कि नेपाल सीमावर्ती भिखनाठोरी एवं आसपास के क्षेत्रों में पानी की किल्लत से आमजन को जूझना पड़ता है। साथ ही वन्य प्राणियों को भी प्यास बुझाने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस क्षेत्र में विभिन्न जल स्रोतों का निर्माण कराना जरूरी है। इसके लिए एक बड़ा वाटर कंजरवेशन प्रोजेक्ट चलाया जाय। प्रोजेक्ट-जल संचय के माध्यम से विभिन्न प्रकार के जल संचयन के उपाय किये जाय। प्रोजेक्ट जल संचय से ज्यादा से ज्यादा हरियाली आएगी तथा आमजन सहित जानवरों को भी पानी की कमी नहीं होगी।

जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निदेश दिया कि इन क्षेत्रों में बड़े-बुजुर्गों से बात कर पम्परागत जल स्रोत जो अब लुप्त हो गये हैं, जानकारी प्राप्त करें तथा इनके जीर्णोंद्धार हेतु आवश्यक कार्रवाई करें। साथ ही अंचलाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी को एसएसबी से समन्वय स्थापित कर वाटर रिचार्ज टैंक निर्माण हेतु स्थल का चयन शीघ्र करने को कहा गया। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त अन्य कारगर उपाय करने की आवश्यकता है ताकि लोगों को पानी के लिए परेशनियां नहीं झेलनी पड़ी।

जिलाधिकारी सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत सीमावर्ती प्रखंडों बगहा-02, रामनगर, गौनाहा, मैनाटांड़ एवं सिकटा में विभिन्न विकासात्मक एवं कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु आज जिलास्तरीय चयन समिति की बैठक में अधिकारियों को निदेशित कर रहे थे। इस बैठक में लगभग 50 करोड़ की लागत से कृषि, शिक्षा, खेल, स्वास्थ्य, सड़क/पुल आदि से संबंधित विभिन्न स्ट्रॉक्चर के निर्माण से संबंधित प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया गया।

जिलाधिकारी ने कहा कि पूर्व के वितीय वर्षों में लंबित योजनाओं को अविलंब पूर्ण कराना सुनिश्चित किया जाय। बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत क्रियान्वित योजनाओं में गुणवता का पूरा ख्याल रखा जाय। गुणवता के साथ कोई समझौता नहीं किया जायेगा। गड़बड़ी करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

उन्होंने कहा कि बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत विभिन्न विद्यालयों में बनने वाले एडिशनल क्लास रूम के निर्माण में आ रही बाधाओं को तुरंत दूर करते हुए अविलंब एडिशनल क्लास रूम का निर्माण कराया जाय ताकि छात्र-छात्राओं को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।

समीक्षा के क्रम में बताया गया कि पूर्व के वितीय वर्ष में लिये गये कई योजनाओं को ड्रॉप करने की आवश्यकता है। जिलाधिकारी ने निदेश दिया कि ड्रॉप करने से पूर्व सभी योजनाओं का पुनः भौतिक सत्यापन कराया जाय। संबंधित अधिकारी स्थलीय निरीक्षण करेंगे तथा प्रतिवेदन उपलब्ध करायेंगे।

कार्य में लापरवाही, शिथिलता एवं कोताही बरतने को लेकर जिला योजना पदाधिकारी एवं कार्यपालक अभियंता, एलएईओ से शोकॉज करने तथा कार्य प्रगति में सुधार नहीं होने की स्थिति में प्रपत्र-क गठित करने का निदेश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया है।

इस अवसर पर वन प्रमंडल पदाधिकारी-सह-उप निदेषक, वीटीआर-01 एवं 02, सेनानायक, सशस्त्र सीमा बल-44 वीं वाहिनी/21 वीं वाहिनी, 47 वीं वाहिनी/65 वाहिनी, उप विकास आयुक्त, सिविल सर्जन, जिला शिक्षा पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी/अंचलाधिकारी, सिकटा, मैनाटांड़, गौनाहा, रामनगर एवं बगहा-02 आदि उपस्थित रहे।

रिपोर्टर :रोहित कुमार दुबे

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.