मानसिक प्रदूषण ही सभी प्रदूषणों की जड़ है- राजेन्द्र प्रसाद दूबे

भदोही: कोईरौना क्षेत्र के इटहरा में स्थित एक कालेज में गंगा समग्र की बैठक आयोजित की गई है। जिसमें गंगा समग्र के सोलह आयामों पर विस्तृत रूप से चर्चा हुई। बैठक में काशी प्रांत के संगठन मंत्री अम्बरीष जी ने लोगो को बताया कि धरती सच में सोना उगलती है बस जरूरत है सच्चे मन से कार्य करने की। कहा कि ज्ञान तो सभी के पास है लेकिन ज्ञान को जीना जरूरी है। क्योकि गंगा की स्वच्छता, गौ पालन, सनातन संस्कृति और आयुर्वेद पर कार्य करना जरूरी है। अम्बरीष जी ने कहा कि सबसे पहले गांव की समिति बनाकर लोगो को जागरूक करें। कहा कि अगले दो माह तक जिले के गंगा किनारे की गांव समिति बना लें। गांवों में बने तालाबों के बारे में कहा कि जो भी गांव में तालाब है उसे स्वच्छ रखने के लिए लोगो को प्रेरित करें। और प्रयास करे कि सभी तालाब को गंगा सरोवर नाम देकर और स्वच्छ बनाया जाये। कहा कि यदि लोग जागरूक हो जायेंगे तो गांवों में टोली बन जायेगी और गंगा के विभिन्न आयामों वृक्षारोपण, गंगा आरती समेत में कार्य आसानी से होगा। कहा कि जब तक हम मन से गंगा की स्वच्छता के लिए खुद आगे नही आयेंगे तब तक कार्य का सही परिणाम नहीं मिलेगा।

 बैठक में काशी प्रांत संयोजक अमिताभ उपाध्याय ने जिले की आयाम प्रमुखों की घोषणा की तथा सभी को गंगा समग्र के विभिन्न आयामों में पूरे मन से कार्य करने की बात कही। काशी प्रांत सह संयोजक चन्द्रशेखर जी ने कहा कि भारतीय संस्कृति आदिकाल से ही विश्व के लिए प्रेरणादायक रही है। और आज हम आधुनिकता के दौर में कही न कही अपनी संस्कृति को भूल रहे है। कहा कि आज भी जैविक खेती, गौ पालन, वृक्षारोपण, नदियो की स्वच्छता और तालाबों का सुन्दरीकरण जरूरी है। कहा कि गंगा समग्र सनातन संस्कृति के उत्थान के लिए काफी सहयोगी है। अध्यक्षता राजेन्द्र प्रसाद दूबे ने कहा कि मानसिक प्रदूषण के वजह से सभी अन्य प्रदूषण की जड है। गंगा को आस्था से जोड़ना जरूरी है। वैज्ञानिक रहस्यों को आस्था में छिपा दिया गया। कहा कि कल्पना करने मात्र से 10 अंश पाप या पुण्य लगता है। इसलिए सही विचार जरूरी है। इस मौके पर साहबलाल पाण्डेय, डा संजय द्विवेदी,  राममिलन तिवारी, श्यामकांत त्रिपाठी, भूपेन्द्र द्विवेदी, विजय शंकर तिवारी, आद्या धर राय समेत काफी संख्या लोग मौजूद रहे।

 रिपोर्टर : गिरीश पाण्डेय।

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