मित्र के विपत्ति में जो काम आये वही सच्चा मित्र है- पं बालकृष्ण दास जी महराज
भदोही : सुरियावां क्षेत्र के मतेथू गांव में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के संगीतमय प्रवचन में पं बालकृष्ण दास जी महराज ने भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा के मित्रता का बडा ही मार्मिक व्याख्या दी और सच्ची मित्रता के बारे में बताया कि जो विपति में मित्र के के काम आता है वही सच्चा मित्र होता है। क्योकि भगवान श्रीकृष्ण अपने मित्र के आगमन की खबर सुनी तो खुद वे अपनी सुधबुध खो कर मित्र से मिलने पहुंचे। प्रेम में तो साक्षात् भगवान है लेकिन जब भक्त और भगवान एक दुसरे से मिलते है तब परमप्रेम होता है।
सुदामा एक ऐसे भक्त हुए जिनकी सेवा साक्षात् नारायण और लक्ष्मी करते है। जिसका प्रेण भगवान के चरण में न हो उसका भौतिक सुख बेकार है। सब कुछ सुख वैभव हो लेकिन परमात्मा से प्रेम व मिलन न हुआ तो सब कुछ मिट्टी के समान है। इस मौके मुकुन्द पाठक, प्रमोद पाठक, संदीप पाठक, राजेश पाठक, दीपक पाठक, मुन्ना पाठक, संगम शुक्ला, राम श्रृंगार पाठक, अच्छेलाल दूबे, रमाशंकर, लालजी, विनोद पाठक समेत काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।
रिपोर्टर : संतोष मिश्र
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