भारत-नेपाल: एक अनकहा रिश्ता, जो कारोबार से गहरा है!

नेपाल – हमारे दिल के बेहद करीब एक पड़ोसी देश, जो सिर्फ भौगोलिक रूप से ही नहीं, बल्कि आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से भी हमारे बेहद जुड़ा हुआ है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत और नेपाल के बीच का कारोबार एक बड़े समुद्र की तरह विशाल और गहराई से भरा हुआ है?
राजनीति के तूफान के बीच भी जुड़ी दोस्ती
जब से नेपाल में केपी शर्मा ओली की सरकार आई है, राजनीतिक उठा-पटक और रणनीतिक बदलावों ने रिश्तों को थोड़ा जरा सा पेचीदा जरूर बना दिया। नेपाल का चीन के करीब जाना और युवाओं का सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ सड़कों पर उतरना – ये सब दिखाता है कि नेपाल में अंदरूनी हलचल ज़ोरों पर है। लेकिन इन सबके बीच भी भारत और नेपाल का कारोबारी रिश्ता आज भी मज़बूत और फलता-फूलता हुआ दिखाई देता है।
भारत-नेपाल का कारोबार: आंकड़ों की ज़ुबानी
क्या आपको पता है? भारत और नेपाल के बीच सालाना 8 बिलियन डॉलर से ज्यादा का ट्रेड होता है! यानी, भारत नेपाल को 7 बिलियन डॉलर का सामान बेचता है, और नेपाल से करीब 1 बिलियन डॉलर का माल खरीदता है। ये आंकड़ा पिछले दस सालों में लगभग दोगुना हो चुका है।
व्यापार के ये हैं मुख्य सूत्रधार
भारत से नेपाल तक बिजली, पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स, लोहा-इस्पात, दवाइयां और ऑटो पार्ट्स की भारी खेप जाती है। खास बात ये कि नेपाल की पेट्रोलियम डिस्ट्रीब्यूशन इंडस्ट्री में भारत की आईओसीएल की पकड़ इतनी मजबूत है कि वहां की जनता पेट्रोल-डीजल के लिए भारत की कंपनी पर निर्भर है।
वहीं, नेपाल से भारत आता है जूट प्रोडक्ट्स, चाय-कॉफी, मसाले, लकड़ी और वनस्पति तेल जैसे जरूरी सामान, जो हमारे बाजारों में खास मांग रखते हैं।
पिछले पांच सालों में कारोबार के उतार-चढ़ाव
वित्त वर्ष 2021 में भारत का नेपाल को एक्सपोर्ट 6.8 बिलियन डॉलर था, जबकि नेपाल से आयात महज 673 मिलियन डॉलर। 2022 में दोनों देशों का कुल व्यापार 11 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो अगले कुछ वर्षों में घट- बढ़ कर आज 8 बिलियन डॉलर के आसपास स्थिर हो गया है।
क्यों है नेपाल भारत के लिए खास?
नेपाल भारत का 14वां सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है, और दोनों देशों की सीमाएं भी इतनी बड़ी हैं कि बिहार और यूपी के कई जिलों की तकदीर नेपाल से जुड़ी है। यही नहीं, दोनों देशों का इतिहास, संस्कृति और लोगों के दिलों का रिश्ता भी एक-दूसरे से घना जुड़ा हुआ है।
राजनीतिक मतभेदों के बीच भी भारत-नेपाल का व्यापारिक रिश्ता उस मजबूत पुल की तरह है, जो दोनों देशों को जोड़ता है। चाहे सड़कों पर युवाओं का प्रदर्शन हो या आर्थिक आंकड़ों की कहानी, ये रिश्ता गहराता ही जाएगा।क्योंकि जब तक ये रिश्ते मजबूत रहेंगे, तब तक दोनों देश सिर्फ पड़ोसी नहीं, एक-दूसरे के सबसे बड़े कारोबार और विश्वास के साथी भी बने रहेंगे।
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