बकरीद का पर्व शांति सौहार्द में मनाई गई
गौरतलब है कि पश्चिम चंपारण नरककियागंज अनुमंडल के सभी मुस्लिम समुदाय ने बड़ी ही अकीदत व शांति सौहार्दपूर्ण में बकरीद पर्व मनाया गया इस पर्व को ईद उल अजहा या फिर ईद-उल-जुहा भी कहा जाता है इस्लाम में बकरीद का विशेष महत्व है इस्लामिक की मान्यता के मुताबिक हजरत इब्राहिम अलेह सलाम ने अपने बेटे हजरत इस्माइल अलेह सलाम को इसी दिन खुदा के हुक्म पर खुदा की राह में कुर्बान किया था तब खुदा ने उनके जज्बे को देखकर उनके बेटे को जीवन दान देकर और उसके जगह बकरे जवह होकर कुर्बानी हो गई थी इसी की याद में मुसलमान भाई बकरीद पर्व को मानते है यह पर्व हर मुसलमान गांव में धूमधाम से मनाते हैं।
इस दिन लाचार वेवश, असहाय गरीबों पर खास ध्यान रखा जाता है कुर्बानी के बाद बकरे का गोश्त तीन हिस्सा किए जाते हैं इस तीन हिस्सों में खुद के लिए एक हिस्सा रखा जाता है एक हिस्सा पड़ोसियों और रिश्तेदारों को बांटा जाता है और एक हिस्सा गरीब और जरूरतमंदों को बांट दिया जाता है इसके जरिए मुस्लिम लोग पैगाम देते हैं कि वह अपने दिल के करीब चीज भी दूसरों के बेहतर के लिए अल्लाह की राह में कुर्बान कर देते हैं इस दिन बच्चे बूढ़े जवान सभी अच्छे-अच्छे लिबास पहनकर इस कोरोनावायरस की स्थिति में सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए अपने अपने घरों में नमाज अदा कर एक दूसरे भाइयों को मुबारकबाद देते हुए देखा गया।
रिपोर्टर:- शेख फखरुद्दीन/विनोद कुमार
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