बेतिया :- ऐहतियात के साथ मनाया गया 75 वां स्वतंत्रता दिवस समारोह

स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतर कार्य करने, घायल व्यक्तियों को मदद पहुंचाने एवं निर्वाचन के क्षेत्र में उत्कृट कार्य करने वाले अधिकारियों, डॉक्टरों, कर्मियों एवं नागरिकों को प्रशस्ति पत्र देकर किया गया सम्मानित।

बेतिया। जिले में स्वतंत्रता दिवस समारोह ऐहतियात के साथ मनाया गया। मुख्य समारोह स्थल महाराजा स्टेडियम, बेतिया में जिलाधिकारी, पश्चिम चम्पारण, बेतिया, श्री कुंदन कुमार द्वारा पूर्वाह्न 09.00 बजे झंडोत्तोलन किया गया। इस अवसर पर उनके द्वारा परेड का निरीक्षण भी किया गया।
 
जिलाधिकारी द्वारा जिले में क्रियान्वित विभिन्न विकासात्मक एवं कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित उपलब्धियों को साझा किया गया। उन्होंने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के समग्र इतिहास में पश्चिम चम्पारण जिले का अतुलनीय योगदान है। वर्ष 1907 ई0 से ही चम्पारण के किसान नीलहो के अत्याचार के विरूद्व समय-समय पर संघर्ष करते आ रहे थे, जिसका नेतृत्व जिला स्तर के नेताओं पंडित राजकुमार शुक्ल, श्री शेख गुलाब, श्री शीतल राय आदि द्वारा किया जा रहा था। पंडित राजकुमार शुक्ल द्वारा सन् 1916 ई0 के काँग्रेस के 31 वें लखनऊ अधिवेशन में सम्पूर्ण जिले के दुख-दर्द से महात्मा गॉधी को अवगत कराया गया जिससे प्रभावित होकर गॉधीजी ने चम्पारण के रैयतो के बारे में एक सहानुभूति प्रस्ताव पारित कराया। पंडित राजकुमार शुक्ल के प्रयास से 15 अप्रैल, 1917 ई0 को चम्पारण की धरती पर महात्मा गाँधी का आगमन हुआ तथा उनके नेतृत्व में नील आंदोलन चलाया गया, जिसके परिणामस्वरूप नीलहो के अमानवीय अत्याचार से चम्पारण के किसानो को मुक्ति मिली। इसी के साथ ही राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ चम्पारण सत्याग्रह के माध्यम से भारतीय स्वाधीनता संग्राम की मजबूत आधारशिला रखी।

    उन्होंने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में चम्पारण के संघर्ष एवं बलिदान को हम नही भूल सकते हैं। सन् 1942 के अगस्त क्रान्ति के दौरान 24 अगस्त, 1942 का वह दिन चम्पारण ही नहीं भारतवर्ष के इतिहास में स्वर्णाक्षरां में दर्ज है। इस दिन चम्पारण के आठ सपूत श्री राजेश्वर मिश्र, श्री गणेश राव, श्री भागवत उपाध्याय, श्री गणेश राय, श्री जगन्नाथपूरी, श्री फौजदार अहिर, श्री तुलसी राउत एवं श्री भिखारी कोइरी ने भारत माता की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहूति दी। चम्पारण के इन क्रान्तिकारी शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं गया। उनकी शहादत स्वतंत्रता का दीप लिए 15 अगस्त, 1947 के रूप में हमारे साथ आया।

उन्होंने कहा कि सरकार का मूल संकल्प राज्य का न्याय के साथ सर्वांगीण विकास है और विकास की इस यात्रा के क्रम मे जो संकल्प लिए गये हैं उसकी प्राप्ति के लिए सरकार पूर्णतः प्रतिबद्व है।

    जिलाधिकारी ने कहा कि विगत वर्षों में राज्य सरकार द्वारा जनहित में कई कदम उठाये गये हैं जिसमें सरकार के सात निश्चय योजना, बिहार मद्यनिषे़द्य और उत्पाद(संशोधन) अधिनियम, 2016 एवं बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 का प्रवर्तन आदि महत्वपूर्ण है। बिहार मद्यनिषेद्य और उत्पाद अधिनियम के तहत 05 अप्रैल 2016 से राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू की गयी है। फलतः राज्य में किसी भी प्रकार के शराब का निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, भंडारण एवं सेवन पूर्णतः प्रतिबंधित है। इसमें आम लोगां का सहयोग अपे़क्षत है।

उन्होंने कहा कि लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम-2015 के लागू होने के बाद जिला के कुल 4 लोक शिकायत निवारण कार्यालयों मे कुल 24873 (चौबीस हजार आठ सौ तीहतर) परिवाद पत्र प्राप्त हुए है, जिसमें से 22707 (बाइस हजार सात सौ सात) परिवाद का निवारण किया जा चुका है। शेष 2166 (दो हजार एक सौ छियासठ) परिवादों की सुनवाई चल रही है।
उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र अल्पसंख्यकों के आर्थिक, समाजिक एवं समावेशी विकास हेतु बिहार सरकार द्वारा जिला अल्पसंख्यक कल्याण कार्यालय की स्थापना इस जिले में की गयी है।

मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना-वर्ष 2021 में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना से मैट्रिक में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण कुल 2261 (दो हजार दो सौ इकसठ) अल्पसंख्यक छात्र/छात्राओं (भाषाई अल्पसंख्यक-बंग्ला सहित) को मो0 10,000/- (दस हजार) प्रति छात्र/छात्रा की दर से कुल 2.261 करोड़ रूपये का वितरण ई कल्याण पोर्टल के माध्यम से सीधे उनके खाते में भेजने की कार्रवाई की जा रही है।

अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति-वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्री-मैट्रिक/पोस्ट-मैट्रिक एवं मेरिट-कम-मिन्स छात्रवृति योजनान्तर्गत कुल 34,461 (चौतीस हजार चार सौ एकसठ) छात्र/छात्राओं द्वारा आवेदन किया गया, जिसमें से 14,982 (चौदह हजार नौ सौ बेरासी) छात्र/छात्राओं को कुल मो0 7,54,41,056/- (सात करोड़ चौवन लाख इक्तालीस हजार छप्पन) रूपये की छात्रवृति की राशि सीधे उनके खाते में हस्तांतरित किया गया।     

मुख्यमंत्री परित्यक्ता/तलाकशुदा योजना -जिला अन्तर्गत कुल 10 मुस्लिम परित्यक्त/तलाकशुदा महिलाओं का चयन कर विभाग को अनुशंसा किया गया है। जिसमें प्रत्येक को 25,000.00 (पच्चीस हजार) रूपये की दर से 2.50 (ढाई) लाख रूपये की सहायता राशि ई-कल्याण पोर्टल के माध्यम से उनके बैंक खाते में भुगतान किया गया।

मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना-मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 हेतु मो0 4.93 करोड़ रूपये के लिए 253 लाभुकों का चयन कर जिला चयन समिति द्वारा अनुशंसा बिहार स्टेट माइनोरिटीज फाइनेन्सियल कॉरपोरेशन लि0, पटना को भेजी गई है।

सात निश्चय योजना अन्तर्गत बिहार स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में कुल 3419 (तीन हजार चार सौ उन्नीस) आवेदन स्वीकृत किया गया है, जिसमें से 3255 (तीन हजार दो सौ पचपन) लाभार्थियों को ऋण भुगतान किया गया है।

लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान ’’घर का सम्मान’’ निश्चय के तहत पश्चिम चम्पारण जिला में कुल 548657 (पाँच लाख अड़तालीस हजार छह सौ सनतावन) व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण किया गया है। पूर्ण शौचालय के विरूद्ध अभी तक कुल 444471 (चार लाख चौवालिस हजार चार सौ एकहतर) योग्य लाभार्थियों को 429.41 करोड़ का प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जा चुका है। शेष बचे योग्य लाभार्थियों को प्रोत्साहन राशि भुगतान की कार्रवाई की जा रही है। पश्चिम चम्पारण जिला में दलित/महादलित बस्तियों में 18.90 करोड़ के लागत से कुल 630 सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण किया जाना है जिसमें से अभी तक कुल 180 सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण किया जा चुका है।

ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन अंतर्गत पश्चिम चम्पारण जिला में 06 प्रखण्डों के 09 पंचायतों में प्रत्येक घर तथा वार्ड के लिए दो डस्टबीन यथा सूखा कचड़ा और गीला कचड़ा तथा प्रत्येक वार्ड में एक ठेला रिक्शा, प्रत्येक 7 वार्ड में एक ई रिक्सा एवं पंचायत स्तर पर सेग्रीगेशन हेतु 09 ग्राम पंचायतों में कुल 1.88 करोड़ राशि का स्थानांतरण किया जा चुका है,  जिसमें से अभी तक कुल 93.00 लाख रुपये खर्च कर ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन का कार्य पंचायत स्तर पर प्रारंभ हो चुका है। ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन अंतर्गत प्रति पंचायत लगभग 30 व्यक्ति कार्यरत है।

लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान फेज-02 अन्तर्गत वर्ष 2021-22 में कुल 60000 (साठ हजार) व्यक्तिगत शौचालय निर्माण का लक्ष्य रखा गया है।

जिलाधिकारी ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जिलान्तर्गत निम्न कार्य सम्पादित किए गए हैं :-
● कुल 5.96 लाख पौधे लगाए गए हैं।
● सार्वजनिक जल संचयन योजनाओं के तहत 197 तलाब/पोखर का निर्माण कार्य प्रारम्भ करते हुए 180 योजनाओं को पूर्ण कराया गया है। साथ ही 01 आहर एवं 1182 पईनों का निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया है।
● जिलान्तर्गत सार्वजनिक चापाकल के किनारे 989 सोख्ता निर्माण कार्य एवं सार्वजनिक कुँओं के किनारे कुल 255 सोख्ता निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया है।
● जल संग्रह हेतु 38 चेकडैम का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है।
● नये जल स्त्रोतों के सृजन हेतु 271 योजनाओं पर कार्य पूर्ण किया गया है।
● जिलान्तर्गत 3384 (तीन हजार तीन सौ चौरासी) भवनों पर छत वर्षा जल संचयन का कार्य पूर्ण कराया गया है।
● कुल 04 पौधशालाओं का निर्माण वन विभाग द्वारा किया गया है, जिसका कुल क्षेत्रफल 13 हेक्टेयर है।
● टपकन सिंचाई प्रणाली के तहत 335.04 एकड़ भूमि पर आच्छादित किया गया है।

महात्मा गाँधी नरेगा-वित्तीय वर्ष 2021-22 में 101661 (एक लाख एक हजार छह सौ एकसठ) परिवारो को रोजगार उपलब्ध कराते हुए 29.55 लाख मानव दिवस का सृजन किया गया है, जिसमें महिलाओं के द्वारा 27.77 लाख मानव दिवस सृजन किया गया है। इस योजनान्तर्गत अबतक 136.05 करोड़ राशि व्यय की गई है जिसमें मजदूरी मद में 64.17 करोड़ राशि शामिल है।

प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण -प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अन्तर्गत अबतक कुल 125573 (एक लाख पच्चीस हजार पाँच सौ तीहतर) परिवारों का आवास स्वीकृति करते हुए 102664 (एक लाख दो हजार छह सौ चौसठ) आवास पूर्ण किया गया है, जो स्वीकृति का 81.75 प्रतिशत है। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अन्तर्गत वर्त्तमान वित्तीय वर्ष में सहायता राशि के रूप में मो0 1485.87 (एक हजार चार सौ पचासी) करोड़ लाभुकों के खाते में अंतरित किया गया है।

मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण गली-नाली पक्कीकरण निश्चय योजना :-मुख्यमंत्री पेयजल निश्चय योजना अन्तर्गत जिले में सभी पंचायतों  के सभी वार्डों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण गली-नाली पक्कीकरण निश्चय योजना के तहत जिले के सभी बसावटों में गली-नाली का पक्कीकरण करते हुए बारहमासी सम्पर्कता प्रदान करके सर्वांगीण विकास की राह को प्रशस्त करते हुए त्वरित गति से काम किया जा रहा है। जिले में कुल 315 पंचायत अन्तर्गत कुल 4194 वार्डों में से पंचायती राज विभाग के द्वारा लक्षित वार्ड 3327 (तेतीस सौ सताईस) वार्डों में से 3324 (तेतीस सौ चौबीस) में कार्य को पूर्ण कर लिया गया है तथा सभी वार्डों में नाली-गली पक्कीकरण की योजनाएँ पूर्ण कर ली गयी है।
 
उन्होंने कहा कि इस जिला के सभी 315 पंचायतों में कार्यपालक सहायक की नियुक्ति कर पंचायत कार्यालयों को सशक्त एवं क्रियाशील बनाया जा रहा है। इस जिला में अवस्थित कुल 30 पंचायतों में पंचायत सरकार भवनों का निर्माण पूर्ण हो चुका है, जहाँ पंचायत कार्यालय क्रियाशील है। इन पंचायत सरकार भवनों में आरटीपीएस काउन्टर स्थापित कर पंचायत स्तर पर बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम के तहत अधिसूचित सेवाओं का लाभ संबंधित पंचायत के लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है तथा 17 ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत के माध्यम से पंचायत सरकार भवन का कार्य चल रहा है। आज से सभी पंचायत भवनों में भी आरटीपीएस काउंटर खोलने की कार्रवाई की जा रही है।

जीविका परियोजना द्वारा गरीबी उन्मूलन एवं महिला सशक्तिकरण के निमित ग्रामीण स्तर पर कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में पश्चिम चम्पारण जिले में अब तक कुल 39,244 (उनतालिस हजार दो सौ चौआलीस) महिला स्वयं सहायता समूहों, 2498 (दो हजार चार सौ अनठानबे) ग्राम संगठनों एवं 53 संकुल स्तरीय संघों का गठन करते हुए कुल 04,81,435 (चार लाख इक्यासी हजार चार सौ पैतीस) परिवारों को सीधे तौर पर इससे जोडते हुए उन्हें स्थायी रोजगार के साधन उपलब्ध कराने हेतु कुल रू0 503/-(पाँच सौ तीन) करोड़ की राशि परियोजना तथा बैंकों द्वारा उपलब्ध कराई गई है।

कोविड-19 महामारी के दूसरे लहर के दौरान कोरोना से बचाव हेतु जीविका दीदियों द्वारा कुल 26 लाख मास्क का उत्पादन करते हुए विभिन्न विभागों एवं पंचायती राज संस्थाओं को आपूर्ति की गई है, इससे इन्हें कुल रू0 56 लाख 50 हजार की आमदनी हुई है। जीविका दीदियों द्वारा खेती-बारी के उत्पादन तथा सहज बाजार उपलब्ध कराने की दिशा में ’’भितिहरवा जीविका महिला किसान प्रोडयूसर कंपनी लिमिटेड’’ की स्थापना करते हुए इससे अबतक कुल 480 किसान दीदियों को जोड़ा गया है।

जीविका द्वारा शराबबंदी के उपरांत देशी शराब/ताड़ी के कारोबार से जुड़े परिवारों एवं अत्यंत निर्धन परिवारों को जीविकोपार्जन गतिविधियों से जोड़ने हेतु सरकार की महत्वकांक्षी योजना ’’सतत जीविकोपार्जन योजना’’ का क्रियान्वयन भी किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत अब तक कुल 3507 (तीन हजार पाँच सौ सात) अत्यंत निर्धन परिवारों को चिन्हित करते हुए उन्हें स्थायी रोजगार के साधन उपलब्ध कराने की दिशा में निरंतर कार्य किए जा रहे हैं।

परिवहन विभाग द्वारा कल्याणकारी योजना के रुप में मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना का क्रियान्वयन किया जाता है। उक्त योजनान्तर्गत पश्चिम चम्पारण जिला हेतु कुल 2183 (दो हजार एक सौ तीरासी) लक्ष्य निर्धारित है, जिसके विरुद्ध 1334 (एक हजार तीन सौ चौतीस) लक्ष्य प्राप्त किया जा चुका है। इस प्रकार जिले की उपलब्धी 61.11 प्रतिशत है। ग्राम परिवहन योजना अन्तर्गत सात लाभार्थियों को एम्बुलेंस क्रय करने हेतु अनुदान दिया गया है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 अब तक विभिन्न आपदाओं से भरा रहा है। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के प्रकोप से जहां जन-जीवन, अस्त-व्यस्त रहा है वहीं मई माह में याश तुफान एवं जून माह में अतिवृष्टि के कारण खेती के कार्यों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। ऐसी संकट की स्थिति में कृषि विभाग, बिहार सरकार किसानों के हित में सतत् कार्य कर रहा है।

संकट में आकस्मिक फसल योजना से किसानों को सहायता-जून माह में अतिवृष्टि एवं जल-जमाव के कारण 2478 हे0 रकबा में धान के बीचड़े का नुकसान हुआ। इसकी भरपाई के लिए आकस्मिक फसल योजना से 1961.48 क्वी0 प्रमाणित धान बीज, 100 क्वी0 संकर धान बीज तथा 01 क्वी0 फूलगोभी बीज का निःशुल्क वितरण प्रभावित किसानों के बीच किया गया है जिससे जिले के 17500 (सत्रह हजार पाँच सौ) से भी अधिक किसानों को लाभ प्राप्त हुआ।

जिले में अभी भी कई पंचायतों में जल जमाव है जिसमें गन्ना, धान एवं अन्य खरीफ की फसलों के प्रभावित होने की संभावना है। फसल क्षति का सर्वेक्षण कराया जा रहा है।

फसल प्रत्यक्षण एवं बीज वितरण कार्यक्रम अन्तर्गत धान, अरहर, मक्का आदि के प्रमाणित, आधार एवं संकर बीज का वितरण-खरीफ 2021 के विभिन्न फसल प्रत्यक्षण एवं बीज वितरण कार्यक्रम अन्तर्गत कुल 2251.66 क्वी0 प्रमाणित धान बीज, 448.20 क्वी0 आधार धान बीज, 49.80 क्वी0 संकर धान बीज, 35.20 क्वी0 अरहर बीज तथा 10.44 क्वी0 संकर मक्का बीज का वितरण कराया गया जिससे जिला के 23645 (तेइस हजार छह सौ पैतालिस) किसानों को लाभ मिला है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से किसानों को खेती में सहायता हेतु प्रतिवर्ष 6000/- रू0 दो-दो हजार रूपये के तीन किस्तों में दी जाती है। अपने जिले में अब तक कुल 2,98,214 (दो लाख अनठानबे हजार दो सौ चौदह) किसानों को इस योजना का लाभ प्राप्त हो रहा है।

उन्होंने कहा कि एग्रीस्मिता के अन्तर्गत कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में उद्यमिता विकास के लिए एक कॉमन प्लेटफॉर्म तैयार करने हेतु जिला में एक एग्रीस्मिता समूह का गठन किया गया जिसके माध्यम से कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में उद्यमिता विकास के लिए एक कॉमन प्लेटफॉर्म तैयार करने का प्रयास किया गया है। इसके अन्तर्गत मशरूम उत्पादन, मखाना की खेती, मोती की खेती, केले के थम्ब से फाइबर निकालना, केला फाइबर के विभिन्न उत्पाद तैयार करना, मसाला की खेती, मसाला प्रसंस्करण आदि विभिन्न क्षेत्रों में उद्यमिता विकास का प्रयास किया जा रहा है जिसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं।

जिले में पहली बार सम्हौता, नरकटियागंज में मखाना की खेती की गई है। प्रखण्ड भीतहां में केले के थम्ब से फाइबर निकालकर विभिन्न उत्पाद तैयार किये जा रहे हैं। मोती की खेती तथा प्रशिक्षण का कार्य प्रारंभ हुआ है। व्यवसायिक स्तर पर बटन मशरूम की खेती नौतन, चनपटिया तथा बेतिया प्रखण्डों में की गयी है।

जिलाधिकारी ने कहा कि राज्य मे बिहार मद्यनिषेध एवं उत्पाद अधिनियम, 2016 के तहत दिनांक 05.04.2016 से राज्य मे पूर्ण शराब बंदी लागू है। जिसके फलस्वरूप राज्य में किसी प्रकार के शराब का निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, ब्रिकी, भंडारण एवं सेवन पर पूर्णतः प्रतिबंध है। शराब के निर्माण/कारोबार में संलग्न लोगों के लिए कड़े कानून बनाये गए हैं। इसके तहत निरोधात्मक कार्रवाई लगातार जारी है। जिला में अभियान चलाकर शराब व्यवसायियों से 2,31,310.00 (दो लाख एकतीस हजार तीन सौ दस) लीटर देशी-विदेशी शराब जब्त कर विनष्ट करा दिया गया है और शराब ढोने में प्रयुक्त वाहनां की जब्ती कर निलामी के माध्यम से 58,00,100.00 (अन्ठावन लाख एक सौ) रूपये राजस्व की प्राप्ति हुई है। इतना ही नहीं वैसे क्षेत्र जहां के लोग शराब धंधे में पूर्व से संलग्न रहकर अपनी आजीविका चलाते थे, उन्हें भी सरकार के संकल्प के आलोक में सतत जीविकोपार्जन योजना से आच्छादित किया जा रहा है। अब तक पूरे जिले में 647 (छह सौ सैतालिस) परिवारों को सतत जीविकोपार्जन योजना से आच्छादित किया गया है। ये परिवार अब शराब का व्यवसाय छोड़कर खेती-बाड़ी और कुटीर व्यवसाय से जुड़कर आजीविका चला रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि जिलान्तर्गत कई बड़ी एवं महत्वपूर्ण परियोजनाओं का कार्यान्वयन किया जा रहा है। बेतिया शहर अंतर्गत बड़ा रमना मैदान में 39.41 करोड़ की लागत से दो हजार क्षमता का प्रेक्षा गृह भवन निर्माणाधीन है। पांच अरब से अधिक की राशि से राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल भवन निर्माणाधीन है। जी.एन.एम., स्कूल, बेतिया ए.एन.एम, स्कूल, बगहा तथा ए.एन.एम. स्कूल, नरकटियागंज का भवन निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उसी प्रकार बेतिया में महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, नरकटियागंज एवं बगहा में औद्योगिक प्रशिक्षण का निर्माण कार्य चल रहा है। आप अवगत हैं कि बिहार में एकमात्र व्याघ्र परियोजना वाल्मीकिनगर में अवस्थित है। वाल्मीकिनगर में इको टुरिज्म के विकास हेतु कई महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं। वन विभाग के द्वारा जंगल सफारी, राफ्टिंग इत्यादि कराया जा रहा है। जल संसाधन विभाग के द्वारा ईको पार्क का निर्माण कराया गया है एव गंडक नदी के किनारे अन्य सौन्दर्यीकरण कार्य कराये जा रहे हैं। वहाँ पर इन्टरनेशनल कन्भेंसन सेंटर का निर्माण प्रक्रियाधीन है। इसके बन जाने से सरकारी एवं निजी संस्थाओं के द्वारा बड़ी-बड़ी कार्यक्रम का आयोजन किया जा सकेगा। जिलान्तर्गत 87.34 करोड़ की लागत से कुमारबाग में अभियंत्रण महाविद्यालय एवं 39.38 करोड़ की लागत से महनागनी में पॉलिटेक्निक कॉलेज का निर्माण प्रक्रियाधीन है।  
उन्होंने कहा कि वर्तमान में संपूर्ण देश कोरोना महामारी (कोविड-19) से जूझ रहा है। जिला प्रशासन, कोविड-19 की रोकथाम के लिए कृतसंकल्पित है तथा इसकी रोकथाम हेतु कारगर कदम उठाये गये हैं।

कोविड टीकाकरण- वर्तमान तिथि तक जिले में 7,87,323 (सात लाख सतासी हजार तीन सौ तेइस) लोगों को कोविड टीकाकरण अन्तर्गत प्रथम खुराक तथा 94,214 (चौरानबे हजार दो सौ चौदह) लोगों को दोनो खुराक लगाया जा चुका है। इसी क्रम में नरकटियागंज एवं चनपटिया नगरपंचायत को 100 प्रतिशत टीकारकरण कराया लिया गया है तथा बेतिया नगर निगम में 99 प्रतिशत टीकाकरण का कार्य कराया जा चुका है। शीघ्र ही इसे भी 100 प्रतिशत सेचुरेटेड कर लिया जाएगा।

कोविड जांच- प0 चम्पारण जिला में कोविड जांच के लिए चिकित्सा महाविद्यलय, बेतिया में आरटीपीसीआर लैब की स्थापना की गई है। वर्तमान तिथि तक 9,53,001 (नौ लाख तीरपन हजार एक) लोगों का कोविड जांच किया गया है। लगभग 4500 (चार हजार पाँच सौ) लोगों का प्रतिदिन आरटीपीसीआर एवं एंटीजन माध्यम से कोविड संक्रमण के निराकरण हेतु लगातार जांच किया जा रहा है।  
पीएसए प्लांट- कोविड के तीसरे लहर की तैयारी के पूर्व जिला में अनुमंडल स्तर पर दोनों अनुमंडलीय अस्पताल यथा-नरकटियागंज में 500 एलपीएम तथा बगहा में 333 एलपीएम का पीएसए प्लांट की स्थापना की जा रही है। इसके कार्यान्वयन होने से दोनों अस्पतालों में अधिष्ठापित बेड पर पाईपलाईन से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जायेगी। इसके लिए पाईप लाईन के साथ सभी प्रारंभिक तैयारिया पूर्ण हो चुका है।

पीकू वार्ड- अनुमंडल अस्पताल, नरकटियागंज में 10 बेड का पीकू वार्ड की स्थापना की गई है। इसके संचालन से गंभीर रूप से बीमार बच्चों का इलाज जिले में संभव हो जाएगा।

बाल हृदय योजना  - बिहार सरकार द्वारा हृदय में छेद के साथ जन्म लेने वाले बच्चों के ईलाज के लिए बाल हृदय योजना का शुभारंभ किया गया है। इस योजना अन्तर्गत हृदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों को पूर्ण सरकारी खर्च पर इलाज हेतु श्री सत्य साई हृदय अस्पताल, अहमदाबाद भेजा जाता है। प्रखंड स्तर पर आर.बी.एस.के. कार्यक्रम के तहत कार्यरत चिकित्सकों के द्वारा चिन्ह्ति कर बच्चों को जिला स्वास्थ्य समिति, प0 चम्पारण भेजा जाता है, जहां आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए आइजीआइएमएस, पटना भेजा जाता है जहां स्क्रीनिंग के उपरान्त उन्हें ईलाज हेतु अहमदाबाद भेजा जाता है।

संजीवनी ओपीडी-इसका शुभारंभ माननीय मुख्यमंत्री, बिहार के द्वारा दिनांक 10.08.2021 को किया गया है। इसके अन्तर्गत घर बैठे ही चिकित्सकों से विडियों कांफ्रेंसिग के माध्यम से चिकित्सीय परामर्श प्राप्त किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के स्वर्णिम अवसर पर यह भी बताना चाहूंगा कि कोरोना महामारी में भी हमने विकास के प्रयास नहीं छोड़े हैं। विगत वर्ष कोविड-19 वैश्विक महामारी के संक्रमण की रोकथाम हेतु लागू देशव्यापी लॉकडाउन के बाद पश्चिम चम्पारण जिले में बड़ी संख्या में कामगार देश के विभिन्न भागों से अपनी आजीविका छोड़कर वापस आए।

कोरोना की वैश्विक महामारी का भय, आजीविका का साधन जाने का दुःख एवं अनिश्चित भविष्य के कारण ये सभी कामगार काफी कठिन समय से गुजर रहे थे। इसी कड़ी में राज्य सरकार द्वारा वापस लौटे कामगारों/श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के साधन उपलब्ध कराने के लिए बिहार औद्योगिक नवप्रवर्तन योजना का क्रियान्वयन भी इस जिले में बेहतर तरीके से कराया जा रहा है।
 
जिला प्रशासन ने आपदा को अवसर में बदलने की ठानी, कामगारों में सकारात्मक उर्जा भरी एवं विभिन्न राज्यों से वापस लौटे इन कामगारों को आत्मनिर्भर बनाने का सपना दिखाया एवं मजदूर से मालिक बनने का नायाब सफर शुरू हुआ। मजदूर को मालिक बनाने की कार्ययोजना तैयार की गई और इसी कड़ी में क्वारंटीन कैम्पों में ही स्किल मैपिंग कराई गई। स्किल मैपिंग में पाया गया कि ये जो कामगार वापस आए थे, ये विभिन्न क्षेत्र यथा टेक्स्टाईल एण्ड एपरेल, लेदर (फूट वेयर), स्टेनलेस स्टील, वूड एण्ड क्राफ्ट इत्यादि क्षेत्र में हाइली स्किल्ड थे। साथ ही विनिर्माण हेतु आवश्यक सामग्री, नवीनतम मशीन, रॉ मटेरीयल इत्यादि के साथ-साथ न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी एक्सपोर्ट के लिए मार्केट लिंकेज की विस्तृत जानकारी थी।
ये कामगार एक सीमित समय के लिए क्वारंटीन कैम्प में रहने वाले थे, इसलिए भविष्य में सम्पर्क करने के दृष्टिकोण से स्किल मैपींग के दौरान ही कामगारों का ‘‘उद्यमी मित्र मंडल’’ बनाया गया।

‘‘प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना’’ के तहत वित्त पोषण कराया गया एवं अभी तक 06 करोड़ रूपए से अधिक की फंडिंग कराई गई है। अब तक 04 करोड़ 55 लाख रू. लागत के मशीनों का क्रय उद्यमियों के द्वारा कर लिया गया है।
अब तक 49 उद्यमियों को चनपटिया स्टार्टअप जोन के अंतर्गत स्थान आवंटित किया जा चुका है, जिसमें से 35 उद्यमियों के द्वारा उत्पादन प्रारम्भ किया जा चुका है। वहीं 105 अन्य उद्यमी स्थान आवंटन की कतार में हैं। प्रत्यक्ष रूप से लगभग 750 कामगारों को रोजगार मिला है। उद्यम स्थापित किए गए उद्यमियों के द्वारा बल्क प्रोडक्शन किया जा रहा है एवं अब तक लगभग 11 करोड़ रूपए से अधिक के विभिन्न प्रोडक्ट्स की बिक्री की जा चुकी है।

उद्यमी जहां एक ओर स्थानीय बाजार में बिक्री कर रहे हैं वहीं अन्य राज्य तथा विदेशों में भी बिक्री कर रहे हैं। इसके साथ ही झारखंड, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, जम्मू एण्ड कश्मीर, न्यू दिल्ली, गुजरात, पंजाब, हरियाणा असम इत्यादि राज्यों में भी यहां के बने उत्पाद निर्यात किए जा रहे हैं। ऑर्डर की बात की जाए तो भूटान एवं दक्षिण अफ्रिका से प्रत्येक माह 100 टन स्टील के बर्तन की सप्लाई का आर्डर भी उद्यमी को मिला है।

जिला प्रशासन के द्वारा किए गए इस पहल का अवलोकन माननीय मुख्यमंत्री, बिहार के द्वारा किया गया तथा उनके द्वारा पूरे राज्य में ‘‘चनपटिया मॉडल’’ को लागू करने संबंधी निदेश दिए गए। पश्चिम चम्पारण जिले को प्रोडक्शन सेंटर के रूप में विकसित करने का लक्ष्य है। सरकार एवं जिला प्रशासन का यह प्रयास है कि आने वाली पीढ़ियों को रोजगार हेतु बाहर नहीं जाना पड़े, उन्हें विभिन्न प्रकार के रोजगार इसी जिले में मुहैया हो सके तथा वे जीविकोपार्जन अच्छे तरीके से कर सके।

स्टार्टअप जोन, चनपटिया के इस अभिनव प्रयोग के कारण दूसरे राज्यों में मजदूरी करने वाले लोग अपने घर में उद्यमी बन गए हैं। इन हुनरमंदों का यहां उद्यमी बनना ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ के सपने की ओर एक सशक्त कदम है।
जिला प्रशासन के द्वारा किए जा रहे प्रयासों से युवाओं में आशा का संचार हुआ है तथा वे प्रेरित होकर टीम के साथ लगातार जुड़ते जा रहे हैं। प्रत्येक युवा जो, बेहतर करने के लिए सपने देख रहे हैं उसको पूरा कराने के लिए जिला प्रशासन कृतसंकल्पित है। जिला प्रशासन का संकल्प है कि मिशन-100 के तहत 100 उद्यमी तैयार किया जाय। इस मिशन में काफी सफलता भी मिली है, शीघ्र ही लक्ष्य को पूरा कर लिया जायेगा।

यहां के युवाओं को उनके हुनर, अनुभव के अनुरूप उद्यमी बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा जिले में स्टार्टअप को बढ़ावा देने हेतु यूथ इंक्यूबेशन सेन्टर की स्थापना जिला औद्योगिक नवप्रवर्त्तन योजना अन्तर्गत जिला निबंधन एवं परामर्श केन्द्र (डीआरसीसी), बेतिया में की गयी है, जहाँ आई (आईडिया ) टू आई (इम्प्लीमेशन) के तर्ज पर युवाओं की सहायता की जाएगी।यहां के युवा अब जॉब सीकर से जॉब क्रिएटर बनें ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका फायदा मिल सके।

सरकार एवं जिला प्रशासन थारूओं के आर्थिक, समाजिक उत्थान के लिए भी कृतसंकल्पित है तथा इस दिशा में कारगर कार्रवाई की जा रही है। थरूहट क्षेत्रों के सम्यक विकास के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार कर ली गयी है, जिसका क्रियान्वयन अविलंब प्रारंभ होगा। प्रशासन का ऐसा प्रयास है कि आने वाली नयी पीढ़ियों को रोजगार, शिक्षा, स्पोर्टस आदि के क्षेत्र में बेहतर भविष्य प्रदान करने के उदेश्य से कार्य किया जा रहा है ताकि थरूहट क्षेत्र का सर्वांगीण विकास हो सके तथा यहां के निवासियों में समृद्धि आ सके। थरूहट क्षेत्र के विकास एवं कल्याण के लिए परंपरागत एवं लेटेस्ट टेक्नोलॉजी को साथ-साथ लेकर चलने की आवश्यकता है।
 
स्टार्टअप के अलावा जिला प्रशासन के द्वारा दुग्ध उत्पादकों के सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान के लिए भी प्रयास किया जा रहा है। असंगठित क्षेत्र के ऐसे गव्य पालक जो दुग्ध की बिक्री विभिन्न जगहों पर करते हैं, उन्हें संगठित क्षेत्र में लाने एवं रोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में काम किया जा रहा है। आंकड़ों के अनुसार फिलवक्त 50 हजार लीटर दुग्ध का उत्पादन हो रहा है। हरनाटांड़ एवं मैनाटांड़ में एक-एक दुग्ध शीतक केन्द्र का अधिष्ठापित किया जा रहा है।

फिशरिज एण्ड एलायड क्षेत्र में तीव्र गति से कार्रवाई करते हुए मॉर्डन टेक्नोलॉजी के माध्यम से मछली पालन कराते हुए प्रोडक्शन बढ़ाने की कार्रवाई की जा रही है। वर्तमान में जिले में 25 हजार मिट्रिक टन मछली की खपत है। जिले में 18 हजार मिट्रिक टन मछली का उत्पादन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त एग्री-अस्मिता के तहत कृषि एवं एलायड क्षेत्र में काम किए जा रहे हैं। जैसे मोती उत्पादन, बायोफ्लाक तकनीक से मछली उत्पादन, मशरूम की खेती, औषधीय फसल की खेती, केले के थम्ब के रेशा से बैग, टोपी इत्यादि का निर्माण कार्य। कृषि क्षेत्र में नवीन उपयोग के तहत जिले में मखाना की खेती भी कराई जा रही है।

उन्होंने कहा कि आप अवगत हैं कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। यहां की गंगा-जमुनी तहजीब विश्व विख्यात है। सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता विधि-व्यवस्था का संधारण एवं कानून का राज स्थापित करना है। राज्य के सभी नागरिक बिना भय के अमन-चैन से रहें तथा साम्प्रदायिक सौहार्द, भाई-चारा बनाये रखें, समाज के सभी वर्गों को न्याय एवं उनका हक मिले, इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है। जिला प्रशासन द्वारा आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने हेतु हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं। जिसके फलस्वरूप कानून एवं विधि-व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

    आज इस महान अवसर पर हम समाज के सभी धर्मो, सम्प्रदायों, वर्गो, जातियों के लोगो का आह्वान करते हैं कि देश एवं राज्य को आगे बढाने में मिलजुल कर काम करेंगे एवं जागरूक रहकर भ्रष्टाचार मुक्त एक स्वस्थ एवं समृद्व देश का निर्माण करेंगे।
 
स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर कोविड टीकाकरण एवं नमूना संग्रह में उत्कृष्ट कार्य करने, गर्भवती कोविड पोजेटिव महिला का सफल सिजेरियन प्रसव करने, कोविड मरीजों का बेहतर उपचार करने, कोविड के दौरान ऑक्सीजन सप्लाई हेतु उत्कृष्ट कार्य करने, सभी प्रतिवेदन ससमय उपस्थापित कराने एवं डीसीएच, बेतिया में उत्कृष्ट कार्य करने को लेकर श्री राहुल कुमार, डॉ0 मालविका कुमुद, डॉ0 अमृता प्रितम, डॉ0 अनुराधा खेमका सिन्हा, सिस्टर अनिता, सिस्टर ऐलिस, डॉ0 सुमित कुमार, श्री शशि सिंह, श्री सोमेश्वर राम, श्री देवेश दिवाकर, डॉ0 आरस मुन्ना कुमार एवं मो0 शहनवाज को जिलाधिकारी द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

वहीं सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को मदद पहुंच

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