डीएसपी तनवीर अहमद के कई ठिकाने पर आर्थिक अपराध इकाई की टीम छापेमारी कर रही है मिले कई अहम सबूत

इस वक्त एक बड़ी खबर बेतिया से सामने आ रही है. पटना के पाली के डीएसपी रहे तनवीर अहमद के कई ठिकानों पर छापेमारी चल रही है. पटना से लेकर बेतिया तक पुलिस की रेड पड़ी है. आर्थिक अपराध इकाई की टीम छापेमारी कर रही है. पता चला है कि छापेमारी दल को कई सबूत मिले हैं.

पटना पाली के डीएसपी रहे तनवीर अहमद बालू के अवैध खनन में संलिप्तता के बाद आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच के घेरे में हैं. इनको सरकार ने पिछले दिनों 15 जुलाई को पद से हटाते हुए  हेडक्वार्टर क्लोज किया था. बिहार गृह विभाग की ओर से जारी पत्र संख्या 4744 के मुताबिक पटना जिले के पाली डीएसपी तनवीर अहमद, औरंगाबाद जिले के सदर डीएसपी अनूप कुमार, भोजपुर जिले के आरा डीएसपी पंकज रावत और रोहतास जिले में तैनात डिहरी के डीएसपी संजय कुमार को तत्काल पटना स्थित पुलिस हेडक्वार्टर तलब किया गया था. सस्पेंड किए गए डीएसपी के खिलाफ बालू माफियाओं से सांठगांठ के सबूत मिले है। अब इस मामले में आर्थिक अपराध इकाई की कार्रवाई तेज हो  गई है. ईओयू की टीम ने शिकंजा कैसा है. डीएसपी तनवीर अहमद के कई ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है बताया जा रहा है कि टीम के हाथ कई अहम सबूत हाथ लगे हैं. बेतिया से भी कई कागजात मिले हैं. गौरतलब हो कि इसी साल जुलाई महीने में 18 तारीख को पाली के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के पद पर तनवीर अहमद को तैनात किया गया था।फिलहाल तनवीर अहमद सस्पेंड हैं और इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई संचालित की गई है. पिछले दिनों 27 अगस्त को शो कॉज लेटर जारी कर इनके जवाब मांगा गया था. बिहार में अवैध बालू खनन के मिलीभगत में फंसे चार डीएसपी की नौकरी खतरे में हैं. नीतीश सरकार ने इन सभी चारों डीएसपी के ऊपर निलंबन बड़ी कार्रवाई करने के बाद शो कॉज नोटिस थमा दिया था. इन चारों पुलिस पदाधिकारियों से सरकार ने महज 15 दिन के भीतर जवाब मांगा गया है. बिहार सरकार के उप सचिव सुधांशु कुमार चौबे की ओर से इन्हें नोटिस जारी किया गया था.

बिहार गृह विभाग के आरक्षी शाखा की ओर से जारी नोटिस के मुताबिक बालू के अवैध खनन में संलिप्तता के आरोप में सस्पेंड किये गए  चार अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों यानी कि डीएसपी को शो कॉज किया गया है. इनमें पालीगंज के तत्कालीन एसडीपीओ तनवीर अहमद, डेहरी के तत्कालीन एसडीपीओ संजय कुमार, भोजपुर के तत्कालीन एसडीपीओ पंकज कुमार रावत और औरंगाबाद सदर के तत्कालीन एसडीपीओ अनूप कुमार भी शामिल हैं.

बालू के अवैध खनन में संलिप्तता के आरोप में पद से हटाए गए डीएसपी तनवीर अहमद, डीएसपी संजय कुमार, डीएसपी पंकज कुमार रावत और डीएसपी अनूप कुमार से इनके ऊपर लगे गंभीर आरोपों को लेकर महज 15 दिनों के अंदर लिखित जवाब मांगा गया है. इन्हें 15 दिनों में लिखित जवाब देना होगा और वैसे सबूत की सूची भी देनी होगी जो ये अपने बचाव में प्रस्तुत करना चाहते हैं. शो कॉज नोटिस थमाने के साथ-साथ इन चारों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई संचालित करने का भी आर्डर दिया गया है.

सरकार के उप सचिव सुधांशु कुमार चौबे की ओर से जारी पत्र में लिखा गया है कि इन अफसरों के ऊपर कर्तव्य के प्रति उदासीनता, स्वेच्छाचारिता, सरकारी आदेश की अवहेलना और सरकारी सेवक के रूप में राज्य के सुरक्षा हितों पर प्रतिकूल प्रभाव जैसे गंभीर आरोप लगे हैं. इसलिए इनके खिलाफ बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली 2005 के नियम 16(1) (क) के तहत विभागीय कार्रवाई संस्थित किया गया है.

 

गौरतलब हो कि बिहार प्रशासनिक और बिहार पुलिस सेवा के पांच अधिकारी भी नपे थे. डेहरी-ऑन-सोन के तत्कालीन एसडीओ सुनील कुमार सिंह और एसडीपीओ रहे संजय कुमार के साथ भोजपुर के तत्कालीन अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी पंकज कुमार राउत, औरंगाबाद सदर के तत्कालीन एसडीपीओ अनूप कुमार और पालीगंज के एसडीपीओ रहे तनवीर अहमद को भी निलंबित कर दिया गया था।

बालू के अवैध खनन के मामले में खान एवं भूतत्व विभाग के पांच पदाधिकारियों को भी निलंबित कर दिया गया था. साथ ही अवैध बालू खनन मामले में तीन अंचलों के तत्कालीन अंचलाधिकारियों को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने निलंबित किया गया था।

रिपोर्टर : रोहित कुमार दुबे

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