भाजपा विधायक को पीटने में किसान नहीं कांग्रेस के गुंडे थे- पूर्व मंत्री मोहन लाल

केंद्र सरकार द्वारा पारित तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसानों में नाराजगी देखने को मिल रही है. वहीं पंजाब और हरियाणा में भाजपा नेताओं और जनप्रतिनिधियों को लोगों के गुस्से का खूब सामना करना पड़ रहा है.  बता दे कि शनिवार को पंजाब के अबोहर में भाजपा विधायक अरुण नारंग नाराज किसानों के गुस्से का शिकार हो गए. इस हमले में अरुण नारंग के कपड़े पूरी तरह से फट गए. हालांकि किसी तरह पुलिस वालों ने उन्हें हिंसक भीड़ से बचाया था. इस हमले के बाद भाजपाइयो ने सरकार पर आरोप लगाने शुरू कर दिये. और पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग भी की. 
  
क्या है पूरा मामला?

                               

शनिवार को प्रेसवार्ता करने मलोट पहुंचे अबोहर से भाजपा विधायक अरुण नारंग को किसानों व समर्थकों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा. भड़के प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की मौजूदगी में ही विधायक पर हमला कर दिया, उनके कपड़े फाड़ दिए और चेहरे पर कालिख पोतने की कोशिश की. काफी मशक्कत के बाद पुलिस प्रशासन ने घेराबंदी कर विधायक को एक दुकान में घुसाया और शटर बंद किया. इसके बाद भी प्रदर्शनकारी शांत नहीं हुए. उन्होंने विधायक की गाड़ी पर कालिख पोत दी और भाजपा दफ्तर में घुसकर तोड़फोड़ की. वहां टंगे फ्लैक्स और झंडों को भी उन्होंने फूंक डाला. जिसे बाद माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया था, हालाँकि बाद में मामले को शांत कराया गया.

इस घटना में हमारे लोग शामिल नहीं थे- राकेश टिकैत  

                                                  

वही इस घटना पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का बयान आया है. राकेश टिकैत ने कहा कि भाजपा विधायक के साथ हुई घटना में हमारे लोग शामिल नहीं हैं. हमारे लोगों ने काले झंडे दिखाए लेकिन घटना में शामिल नहीं रहे हैं. टिकैत ने आगे कहा कि यह उनके लोगों द्वारा ही किसान को बदनाम करने के लिए किया गया है.

पंजाब में नहीं संभल रही कानून व्यवस्था- पूर्व मंत्री

                                           

दूसरी तरफ भाजपा विधायक अरुण नारंग पर हुए हमले और अमानवीय व्यवहार पर पठानकोट भाजपा ने वाल्मीकि चौक पर धरना लगाया. इससे पूर्व भाजपा ने जिलाध्यक्ष विजय शर्मा के नेतृत्व में शहर में रोष रैली निकाली. इस दौरान कैप्टन सरकार और कांग्रेस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. वही धरने में पूर्व कैबिनेट मंत्री मास्टर मोहन लाल भी पहुंचे. भाजपाइयों ने पंजाब में बिगड़ती कानून-व्यवस्था का हवाला देकर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की. मास्टर मोहन लाल ने कहा कि पंजाब में बिगड़ती कानून व्यवस्था के जिम्मेदार सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और डीजीपी दिनकर गुप्ता हैं. उनसे पंजाब में कानून व्यवस्था नहीं संभाली जा रही. मास्टर ने आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा किसानों के भेष में गुंडा तत्वों को बुलाकर विधायक को पिटवाया गया. यह किसान नहीं कांग्रेस के गुंडे थे.

 

BY- NAVED MAJID 

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