कला महोत्सव में हुई ममता की चित्रकारी चयनित

जांजगीर चांपा :     भारतीय कलाकार संघ एवं छत्तीसगढ़ पेंटर चित्रकार कल्याण संघ के संयुक्त तत्वाधान में प्रदेश स्तरीय छत्तीसगढ़ कला महोत्सव 2023 का आयोजन स्क्ती जवाहरलाल नेहरू महाविद्यालय खेल मैदान में किया गया। इस आयोजन में उत्तरप्रदेश , मध्यप्रदेश , झारखंड सहित प्रदेश भर से पहुंचे चित्रकार साथियों के द्वारा पेंटिंग प्रदर्शनी लगाई गई। कार्यक्रम के प्रथम दिवस जहां उद्घाटन अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमति सुषमा जायसवाल एवं जवाहर लाल नेहरू महाविद्यालय की प्राचार्या श्रीमती शालू के आतित्थ में कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। वहीं कार्यक्रम के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना उपस्थित रहीं तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता पुलिस अधीक्षक एम०आर० आहिरे ने की एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला शिक्षा अधिकारी बीएल खरे सहित छग पेंटर चित्रकार कल्याण संघ के पदाधिकारी विशेष रूप से उपस्थित थे। छत्तीसगढ़ प्रदेश स्तरीय आयोजित इस कला महोत्सव में कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना एवं पुलिस अधीक्षक एम०आर० आहिरे ने तीन उत्कृष्ट चित्रकलाओं में राजकुमार यादव सक्ती की रेस्क्यू पेंटिंग , चिरमिरी के मुकेश भानु की ऑयल कलर टाइगर पेंटिंग और चांपा की ममता देवांगन की चारकोल ड्राइंग का चयन किया। बताया जा रहा है कि इन तीनों की कलाकृतियां कलेक्ट्रेट या उनके बंगले की शोभा बढ़ायेंगी।

शिक्षा से चित्रकारी तक का सफर 

वहीं कार्यक्रम समाप्ति पश्चात ममता देवांगन (25 वर्षीया) ने चर्चा के दौरान बताया कि वे अपने मामा हरीश देवांगन जो स्वयं एक बेहतरीन कलाकार हैं उनके माध्यम से जानकारी मिलने पर पहली बार इस कला महोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने पहुंची थी। इनके द्वारा सभी कालाकारों की कला का बहुत ही बारिकी से निरीक्षण किया गया। इस दौरान पहली ही बार में मेरी चित्रकला का चयन होना मेरे लिये बेहद खुशी का क्षण महसूस हुआ। यहां सभी कलाकारों की प्रदर्शनी बहुत शानदार रही और मुझे भी बहुत कुछ सीखने को मिला। उन्होंने बताया कि वे चांपा निवासी अनिता युधिष्ठिर देवांगन की इकलौती बेटी हैं और उनका एक छोटा भाई हैं। शिक्षा के बारे में पूछे जाने पर ममता ने बताया कि उन्होंने भिलाई के शंकराचार्य महाविधालय से कम्प्यूटर साइंस में बी०टेक किया है और अभी कृतिका कला संगम से वे पेंटिंग में डिप्लोमा कर रही हैं। चित्रकारी के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे चारकोल पेंसिल और ग्रेफाइट पेंसिल के माध्यम से चित्रकारी करती हैं। अभी वे वास्तविक (रियलिस्टिक) चित्रकारी करने की अधिक से अधिक प्रयास करती हैं , साथ ही साथ एक्रिलिक के माध्यम से पेंटिंग करती हैं। उन्होंने बताया कि उसे रंगोली से भी वास्तविक (रियलिस्टिक) चित्रकारी करना अच्छा लगता हैं , स्कूल के दिनों में अपने पुस्तकों के चित्र को देखकर साधारण चित्र बना लिया करती थी लेकिन रंगोली और मेहंदी बहुत रुचि थी। समय के साथ साथ पेंसिल चित्रकारी तो छूट गई परंतु त्यौहारों में रंगोली और मेहंदी थोड़ा बहुत बना लेती थी। चित्रकारी में विशेष रूचि की शुरुआत पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि उनकी रुचि वर्ष 2020 से पेंसिल चित्रकारी में बढ़ी जब हम सब कोविड के समय घर पर थे। तब उनका ग्रेजुएशन का अंतिम वर्ष था और उन्होंने हरियाणा के अभिनव गुप्ता से ऑनलाइन मानवीय चित्र ( ह्यूमन पोर्ट्रेट) सीखा। ममता ने बताया कि वे मेरे पहले गुरु हैं , उनसे सीखने के बाद मैं अपने चित्रकला की ओर अधिक ध्यान देने लगी l उच्च शिक्षा के बाद चित्रकारी में रूचि की पारिवारिक प्रतिक्रिया पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि शुरूआती दिनों में  पिताजी को बहुत बुरा लगता था कि मैंने बी. टेक. कर के उस क्षेत्र को छोड़ दिया। हालांकि बचपन में मेरे पिताजी को भी चित्रकला में रुचि थी , पर वे उसमें आगे नहीं बढ़ पाये। इसके साथ ही साथ हमारे चाचाजी लक्ष्मण प्रसाद देवांगन भी चित्रकला में रुचि रखते हैं। वर्तमान में ले रही प्रशिक्षण के बारे में पूछे जाने पर ममता ने बताया कि अभी वे डिप्लोमा के साथ साथ चित्रकला के टेक्नीक और वाटरकलर की ट्रेनिंग ले रही हैं , जो रेयांश राहुल सर के द्वारा आयोजित ऑनलाइन ट्रेनिंग हैं। प्रेरणा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि चित्रकारी के साथ साथ उसे महान चित्रकारों के बारे में जानकारी हासिल करने की भी कोशिश रहती है , उनसे ही बहुत ही ज्यादा प्रेरणा मिलती हैं। उन्होंने लियोनार्डो डा विंची की आत्मकथा पढ़ी हैं , उनकी पेंटिंग तो विश्व में मशहूर है ही किंतु वे उनके पेंटिंग के साथ साथ उनकी हर चीज के प्रति जिज्ञासा वाली विचारधारा से वे बहुत प्रभावित हैं। वे राजा रवि वर्मा  जो हिंदुस्तान के महान चित्रकार थे , उनकी कला से भी बहुत प्रभावित हैं। साथ ही साथ रंगोली में चित्रकारी करने की प्रेरणा उनको प्रमोद साहू (रायपुर) की रंगोली देखकर मिली की ऐसा भी कुछ किया जा सकता हैं।

कला का बयां करना असंभव - ममता देवांगन 

दुनियां में हर व्यक्ति के अंदर कोई ना कोई कला जरूर होता है , काम से ही कलाकार पहचाना जाता है‌। अगर आप अपनी प्रतिभा को पहचान लें और उसे निखरने के लिये सही माहौल और प्रशिक्षण लें तो आप एक कलाकार बन सकते हैं। दुनियां को अपनी कला दिखाने वाला एक कलाकार बड़ी सिद्दत से मेहनत करता है। अगर कला को शब्दों में बयाँ किया जा सकता तो शायद उसको पेंट करने का कोई कारण नहीं होता। जो कुछ भी आप करना चाहते हैं उसका अभ्यास करों , यही से आपकी कला का निर्माण होगा। एक अच्छा कलाकार वह नहीं है जो प्रेरित होता है , बल्कि वह होता है जो दूसरों को प्रेरित करता है। मुझे आगे बढ़ाने में मेरे माता - पिता का बहुत सहयोग है। मैं जो भी युवा कला में रुचि रखते हैं उनको यह संदेश देना चाहूंगी कि यदि आपके माता -पिता आपके कला के प्रति सहयोग नहीं करते तो आप प्रयास करें कि आप पहले अपने लिये कला का महत्व समझें और उसके बाद अपने माता पिता को भीआयोजित समझायें।सभी कला से जुड़े युवकों के माता पिता से मेरा निवेदन है , यदि आपके संतान को कला के प्रति रुचि है तो कृपा करके उन पर भरोसा रखे , उन्हें थोड़ा और सीखने और जानकारी हासिल करने में सहायता करें।

रिपोर्टर : भुपेन्द्र यादव 

 

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