किसान की जान की दुश्मन बन गई भूपेश सरकार, कदम कदम पर लूटमार हर बोरे पर एक किलो धान की पुरौनी क्या यूपी चुनाव फंड के लिए ले रहे हैं बोरे के नाम पर किसान की जेब पर डाका, ऊपर से आरटीओ की वसूली

    छत्तीसगढ़ :  छत्तीसगढ़ भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा है कि भूपेश बघेल सरकार किसानों की जान की दुश्मन बन गई है। गरीब किसानों के साथ कदम कदम पर लूटमार हो रही है। ऐसा कृत्य करने से तो डकैत भी शरमा जाएं लेकिन इन्हें तनिक सी भी न तो लज्जा आ रही है और न ही उस किसान पर जरा सा रहम आ रहा है, जिसको छलकर सत्ता सुख भोग रहे हैं।

श्री जायसवाल ने आरोप लगाया है कि पूरे प्रदेश में भूपेश बघेल सरकार के धान खरीदी केन्द्रों में किसान से प्रति बोरा एक किलो धान ज्यादा लिया जा रहा है। क्या यह पुरौनी यूपी चुनाव फंड के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर ली जा रही है? इसके अलावा बोरे के नाम पर किसानों की जेब पर डाका डाला था रहा है। उसे बोरे की तय रकम से कम राशि दी जा रही है। इतने से भी इस सरकार का पेट नहीं भर रहा तो प्रदेश भर में आरटीओ के जरिये किसान से अवैध वसूली भी कराई जा रही है। किसान धान बेचने खरीदी केंद्र पहुंचता है तो रास्ते में आरटीओ की वसूली गैंग को दक्षिणा देकर ही पहुंच पाता है। उसे तरह तरह से प्रताड़ित करके यूपी चुनाव फंड में अंशदान करने विवश किया जा रहा है। कागज की कमी बताकर धमकी दी जाती है कि वाहन जप्त कर लिया जायेगा। एक तो किसान पहले ही धान भीग जाने से परेशान हैं। सरकार न उचित मुआवजा दे रही और न भीगा धान खरीद रही। ऐसे में हालात और भूपेश बघेल सरकार के जुल्म का मारा किसान किसी तरह सुरक्षित बच गए धान को बेचने पहुंचता है तो रास्ते से लेकर खरीदी केंद्र तक चौतरफा मची लूट का शिकार हो रहा है।

  श्री जायसवाल ने कहा कि किसानों के नाम पर तीन साल से ओछी राजनीति कर रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किसानों के साथ लगातार छलकपट कर रहे हैं। कर्ज माफी का वादा करके सत्ता में आई कांग्रेस ने सबसे पहले तो इसी मामले में किसानों को धोखा दिया। उनके साथ विश्वासघात किया। फिर किसानों की जिस जमीन को लौटाने का राग भूपेश बघेल अलापते हैं, वह तो प्रक्रिया के तहत बस्तर के किसानों को मिलनी ही थी। भूपेश बघेल के राज में तो सरकारी और आदिवासी किसानों की जमीन पर भूमाफिया कब्जा कर रहा है। पहाड़ी कोरवाओं तक की जमीन लील गए! इसके बाद भी खुद को किसान और सरकार को किसानों की सरकार बताते लाज नहीं आती। यह कैसा किसान है और यह कैसी किसानों की सरकार है जो किसानों को ही गन्ने की तरह निचोड़ रही है। इस सरकार के पाप का घड़ा भर गया है। किसान को मरने और आह भरने के लिए मजबूर करने वाले अब बच नहीं पायेंगे। यदि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल में थोड़ी सी भी गैरत बची है तो किसान न्याय का नगाड़ा बजाने की बजाय किसान के साथ हो रहे अन्याय, अत्याचार और लूटमार को बंद करें। झूठ की राजनीति बहुत हो चुकी। अब उनकी असलियत खुलकर सामने आ चुकी है।

रिपोर्टर- मुस्ताक कुरैशी

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