बच्चे को सर्दी-जुकाम होने पर सोच समझ कर दें दवाइयां

ठण्ड का मौसम शुरू होते ही अक्सर सभी का स्वास्थ्य ख़राब हो ही जाता है. बच्चे तो बच्चे बड़े भी इस मौसम में सावधानी न बरतें तो आसानी से उन्हें सर्दी-जुकाम, वायरल इन्फेक्शन घेर लेता है. बात की जाए बच्चों की तो बच्चों की इम्युनिटी कमजोर होती है जिसके चलते बच्चों को आसानी से कोल्ड या वायरल हो सकता है, ऐसे में अमूमन पेरेंट्स अपने बच्चों को घर पर ही रखी कोई भी दवाई दे देते हैं, जिससे बच्चों का फीवर उतर जाये. लेकिन क्या आपको मालूम है इन दवाइयों के साइड इफेक्ट्स के बारे में, जो आम तौर पर लोग नज़रंदाज़ कर देते हैं.... तो चलिए आज आपको उन दवाइयों के साइड इफेक्ट्स के बारे में बताते हैं जो आप अपने छोटे बच्चों को बिना सोचे समझे दे देते हैं.

*दावा के ऊपर लिखे डिस्क्रिप्शन को जरुर पढ़ें -
बच्चों को कोई भी दावा देने से पहले पैकेट या बोतल पर लिखे निर्देशों को ध्यान से पढ़ें और उनको नज़रंदाज़ न करें.
 
*उम्र का ध्यान रखें-
लोग अक्सर हलके बुखार या तबियत ख़राब होने पर समे दवाई को प्रयोग करते हैं चाहे खुद के लिए हो या बच्चे के लिए, ऐसे में आगे फैक्टर वाले निर्देश का जरुर ध्यान रखें.
 
*दवा पिलाते समय उचित मात्रा का ध्यान रखें-
जब भी बच्चे को कोई सिरप पिलायें तो उचित मात्र और सही अमाउंट में ही पिलायें वरना बच्चे के शरीर में इसके नेगेटिव इम्पैक्ट भी पड़ सकते हैं. 
 
कभी भी 20 साल से कम उम्र के बच्चों को एस्पिरिन या एस्पिरिन युक्त उत्पाद न दें. इसी के साथ बच्चों के एक मार्ज़ को ठीक करने के लिए उसे दो चार दवाएं न दें.
सर्दी जुकाम होने पर सावधानी जरुर बरतें-
 
*बच्चों को हमेशा हाथों को शबुन से अच्छे से धोएं सर्दी जुकाम होने पर खांसने या छीकने पर हाथों को अच्छे से साफ़ करें इससे कई बीमारियों और रोगों से बचा जा सकता है. 
*हमेशा कोशिश करें खांसते या छींकते समय रुमाल या टिश्यू पेपर का प्रयोग जरुर करें या किसी भी तरीके से अपने मूह कर ढँक कर ही खांसे या छींके. 
*यदि आपको फ्लू या कोल्ड है तो घर पर ही देख रेख करें और दूस्रून से मिलने से बचें इससे संक्रमण फैलने के खतरे से बचा जा सकता है. 
*फीवर ख़त्म होने के बाद भी कम से कम 24 घंटों तक ध्यान रखें और घर पर ही रहें. 
 
इन सभी के साथ ही एक सबसे जरुरी बात कभी भी बिना सोचे समझे बच्चों को दावा न करें हमेशा पहले डॉक्टर से कंसल्ट करने के बाद भी किसी भी प्रकार की दावा बच्चे को दें और दावा देते वक़्त मात्रा का ध्यान जरूर रखें. अगर बच्चा ज्यादा छोटा है तो इन सब बातों का विशेष रूप से ध्यान रखें. वरना एक बीमारी सही करने की कोशिश में आपका बच्चा दूसरी कई परेशानियों से ग्रषित हो सकता है जो सायद बहार न दिखें पर उसके शरीर के अन्दर बहुत घटक शाबित हो सकती हैं. इसलिए विशेषज्ञ से सलाह जरुर लें उसके बाद ही दवाओं का सेवन करें.

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