वैक्सीन लगवाने से कतरा रहे ग्राम प्रधान, 497 में से 400 प्रधानों ने नही लगवाया अभी तक टीका

कोरोना की तीसरी लहर से पहले सभी को वैक्सिन लगनी ज़रूरी है ये बात सभी जानते है लेकिन वैक्सिन को लेकर लोगो के अंदर का डर इस अभियान में रुकावट बन रहा है जिसे हटाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रो में सरकार ने ग्राम प्रधानों को ये ज़िम्मेदारी सौपी है लेकिन अगर खुद ही प्रधान वैक्सिन न लगवाए तो सवाल उठेगा ही की आखिर अगर ऐसे प्रधान कैसे चला पाएंगे वैक्सिनेशन का अभियान ।

प्रधानों के हाथों में वैक्सिनेशन की कमान 
वैक्सिनेशन अभियान चलाने वाले प्रधान ही नादान

शहरों के साथ साथ ग्रामीण इलाकों में भी सभी को वैक्सिन की डोज़ लग सके इसके लिए प्रधानमंत्री ने सभी ग्राम प्रधानों को वैक्सिनेशन की कमान सौंपी थी,इतना ही नही जब सीएम योगी नवनियुक्त प्रधानों से मिले थे तो उन्होंने प्रधानों को वैक्सिनेशन के लिए आगे आने की अपील की थी मक़सद है की 18 साल से ज़्यादा उम्र वालो की ज़्यादा ज़्यादा संख्या में वैक्सिन लग सके ,इसके पीछे की वजह एक भी रही की लोगो के दिलो से वैक्सिन की डर खत्म की जा सके लेकिन हालात ये है की वैक्सिन लगवाने की कमान जिन ग्राम प्रधानों के हाथों में सौपी गई है वो ग्राम प्रधान ही वैक्सिन लगवाने में आनाकानी कर रहे है,किसी ने कहा स्लॉट नही मिल रहे है तो किसी का तर्क है

केंद्र पहुँचे तो वैक्सिन खत्म हो गई 

आलम ये है की लखनऊ में 494 ग्राम पंचायतों के प्रधानों में से अबतक 97 ने ही कोविड वैक्सिन लगवाई है मतलब ये है की हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में पूरे जोश खरोश से प्रचार कर जितने वाले प्रधान अब बच रहे है गांव निगरानी समितियों से लेकर सचिव लेखपाल बीडीओ उनको बार बार वैक्सिन लगवाने की याद दिला रहे है बावजूद इसके इक्का दुक्का ही केंद्रों का रुख कर रहे है ,

वैक्सिनेशन की ज़िम्मेदारी नही निभा रहे है प्रधान
वैक्सिन के डर से प्रभावित हो रहा अभियान

ये वैक्सिन को लेकर डर ही जिसको लेकर ग्राम प्रधान खुद ही वैक्सिनेशन करवा रहे है न ही अपनी जिम्मेदारियों को निभाने की कोशिश कर रहे है जिसकी वजह से वैक्सिनेशन अभियान प्रभावित हो रहा है ,क्यो की ग्राम प्रधानों का अपनी ग्राम और आस पास के इलाकों में अच्छा प्रभाव होता है,उनकी बात गाँव वाले भी मानते है,इसलिए जबतक वो खुद वैक्सिन नही लगवाएंगे ग्रामीण इलाकों में वैक्सिनेशन अभियान का सफल हो पाना बेहद मुश्किल है,ऐसे में अब ज़िला प्रशासन ग्राम प्रधानों को घेरने के मूड में है,

लखनऊ के 494 में ग्राम प्रधानों में से सिर्फ 97 का वैक्सीनेशन कराना बड़े सवाल खड़े कर रहा है ,जब इस मामले में ग्राम प्रधानों से अधिकारियों ने बात करने की कोशिश की तो बेहद दिलचस्प बहाने हर किसी प्रधान के पास मौजूद दिखे हर कोई भी प्रधान वैक्सिन लगवाने को लेकर कोई भी कुछ भी नही बोल रहा है बल्कि सब अलग अलग बहाने बना कर वैक्सिनेशन को टालने की कोशिश में जुटे हुए है जिससे अधिकारियों के सामने बड़ी मुश्किल खड़ी है,लेकिन अब ऐसे ग्राम प्रधानो की सूची बनाई जा रही है जिंन्होने अभी तक वैक्सिनेशन नही कराया ,अधिकारियों का कहना है,की सभी ग्राम प्रधानों को वैक्सिन लगवाई जाएगी,साथ ही उन्हें ज़िम्मेदारी निभाने के लिये आगे आना होगा,दूसरी लहर में कोरोना ने ग्रामीण इलाकों को बड़ी तादाद में अपनी चपेट में ले लिया,जिसको देखते हुए तीसरी लहर की अभी से तैयारी की जा रही है,कोरोना से निपटने के लिए सबसे कारगर हथियार वैक्सिन ही है अगर ग्राम प्रधानो की लापरवाही जल्द खत्म नही हुई,तो तीसरी लहर से लड़ने के लिए सरकारी तैयारी को बड़ा झटका लगना तय है,

बड़े बड़े डॉक्टरों का ये कहना है जबतक पूरे देश में 70 प्रतिशत लोगो को वैक्सिन नही लग जाती है तब तक कोरोना से डर बना रहेगा लेकिन सवाल ये भी उठता है की आखिर सरकार 70 प्रतिशत लोगो का आंकड़ा कैसे पूरा कर पाएगी जब वैक्सिनेशन का डर खुद जिम्मदार लोगो मे ही हो जाए ग्रामीण इलाकों में ग्राम प्रधान हो या शहरी इलाकों में पार्षद इन सभी की ज़िम्मेदारी बनती है की खुद वैक्सिनेशन करवाए ताकि अपने क्षेत्र के लोगो को वैक्सिनेशन करवाने की अपील कर सके और लोगो को कोरोना की आने वाले तीसरी लहर से बचा सके ।

 

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