गोचर भूमि पर दबंगों ने किया अतिक्रमण

पथरिया : जहां प्रशासन आवारा सड़क पर भटक रहे मवेशियों के लिए गौशाला बनवाया जा रहें है एवं उनके रखरखाव नस्ल सुधार के लिए लाखों रुपए की राशि व्यय की जा रही है तो उसी के विपरीत ग्रामीण क्षेत्र एवं शहरी क्षेत्र की वन भूमि एवं गोचर भूमि पर अतिक्रमण भी बढ़ता जा रहा है जिस को हटाने को लेकर एक मुहिम की आवश्यकता है आपको बता दें कि गोचर भूमि पर दबंगों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है जिसके चलते जानवरों को चढ़ने के लिए जगह नहीं बची जिससे ग्राम सड़कों पर भटकते हुए नजर आ रहे हैं जिस कारण से आवागमन प्रभावित हो रहा है एवं दुर्घटनाएं बढ़ रही है।

नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में घूम रहे आवारा मवेशियों से लोगों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शाम ढलते ही आवारा मवेशियों का जमावड़ा नगर के चौक चौराहों व गलियों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों पर भी नजर आने लगता है। नगर में घूम रहे आवारा मवेशियों पर अंकुश लगाने नगरपालिका द्वारा कोई कारगर कदम नहीं उठाया जा रहा है, तो वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में तो इस ओर किसी का ध्यान ही नहीं जा रहा है। शहरी क्षेत्रों में रात्रि के समय सड़कों पर उजाले की व्यवस्था होने की वजह से, कुछ हादसे टल जाते हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में यह व्यवस्था उपलब्ध नहीं है जिससे अक्सर कर ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों पर ही हाथ से अधिक हो रही है फिर भी प्रशासन अनजान एवं मूंकदर्शक की भांति सब कुछ देख रहा।

आवारा मवेशियों का जमावड़ा नगर के मुख्य चौक, सब्जी मंडी ,व एवं बंडा तिराहा, दमोह -पथरिया मार्ग, बाजार मार्ग, पर देर शाम के बाद से सुबह तक इन मवेशियों को सड़क पर बैठे देखा जा सकता है। लेकिन मवेशी मालिकों पर कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से इनके हौंसले बुलंद है। मवेशी मालिकों द्वारा अपने मवेशियों को बरसात के मौसम खुला छोड़ दिया जाता है। जिससे यह नगर की हर गली में अपना कब्जा जमाए रहते हैं।जिससे छोटे बच्चे,बुजुर्ग,सभी परेशान रहते हैं।मोटर साइकिल वाले तो आय दिन इन के कारण दुर्घटनाओं का शिकार होते रहते हैं।

आवारा मवेशियों द्वारा लोगों को नुकसान भी पहुंचाया जा रहा है। गुजरी बाजार में सब्जी व फलों की दुकान में दुकानदार की नजर हटने पर मवेशियों द्वारा दुकान में मुहं मार नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इसके अलावा नगर से लगे खेत में घुस व बाड़ी में घुस जाने पर फसलों व सब्जियों को भी नुकसान पहुंचाया जाता है।इनका कहना है नगर परिषद के पास पैसा नहीं है कि पिंजरा खरीद कर आवारा पशुओं को जंगलों में छोड़ सके लेकिन हां यदि सहयोग मिले तो चार-पांच लोग इकट्ठे होकर इन आवारा मवेशियों को जो सड़कों पर दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं जंगलों में या गौशाला में छोड़ा जा सकता है। सुंदर लाल सोनी, सीएमओ नगर परिषद पथरिया अनुविभागीय अधिकारी अंजलि द्विवेदी से बात करनी चाही तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

रिपोर्टर : शुभम राठोर

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