कलेक्टर एवं विधायक तक पहुंचा विवाद

पथरिया : विधायक और कलेक्टर के बीच हुए विवाद की वजह है जनपद पंचायत स्तर के अधिकारी हैं, यह कहना इसीलिए गलत नहीं होगा क्योंकि जिस बात को लेकर विधायक और कलेक्टर के बीच विवाद हुआ है उन सभी कामों की जिम्मेदारी जनपद पंचायत की होती है वह कार्य कलेक्ट्रेट स्तर के नहीं है सोचने वाली बात यह है कि अगर किसी जरूरतमंद व्यक्ति को शासन की योजनाओं का लाभ 15 साल से नहीं मिल पा रहा है तो इससे संबंधित जनपद के अधिकारियों पर कार्यवाही क्यों नहीं होती।

जनपद पंचायत पथरिया मैं पदस्थ अधिकारी लगातार भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं, उच्च अधिकारियों के द्वारा कार्यवाही ना करने से जनपद के अधिकारियों एवं सरपंच सचिव का मनोबल बढ़ा हुआ है। यह कहना गलत नहीं होगा कि पथरिया जनपद पंचायत भ्रष्टाचार का गढ़ बनी हुई है। धरातल पर देखा जाए तो मुख्यमंत्री के निर्देश अनुसार जन समस्या निवारण शिविर का आयोजन किया जा रहा है लेकिन वास्तविकता में पात्र हितग्राही आज भी परेशान है जिसका उदाहरण कल पथरिया विधायक एवं जिला कलेक्टर के बीच हुए विवाद में देखने को मिला ।

दोष सिद्ध होने के बाद भी नहीं हुई कार्यवाही कुछ दिन पूर्व पथरिया जनपद पंचायत से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत सासा से मृत व्यक्तियों के नाम पर मजदूरी आहरण का मामला प्रकाश में आया था मामला प्रकाश में आने के बाद मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने जांच भी कराई थी जांच में पाया कि रोजगार सहायक एवं सचिव के द्वारा मृत व्यक्तियों के नाम पर मजदूरी का आहरण किया गया है आपको बता दें कि उक्त मामले में दोष सिद्ध होने के बाद भी ना तो सचिव राहुल चौरसिया पर कोई कार्यवाही की गई और ना ही जीआरएस पर कोई कार्यवाही की गई है आपको बता दें कि सचिव राहुल चौरसिया के रिश्तेदार जनपद पंचायत पथरिया में पदस्थ हैं जिनके संरक्षण के चलते राहुल चौरसिया पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है।

 इसके पूर्व भी आ चुका हैं भ्रष्टाचार का मामला-तो वहीं ग्राम पंचायत बांसा कला में नापेड गड्ढों का काम चल रहा है लेकिन गड्ढों में घटिया निर्माण के चलते डस्ट का उपयोग किया जा रहा है, जिस पर ना तो उपयंत्री ललित पारदी ध्यान दे रहे हैं और ना ही वर्तमान सचिव आरिफ खान या फिर कहें तो वर्तमान सरपंच यतेंद्र बांकड़ा आपको बता दें कि ग्राम पंचायत भाषा में सोख्ता गड्ढा के नाम पर राशि के गबन का मामला सामने आया था जिसकी जांच कराए जाने के बाद दोष सिद्ध हो गया था जिसके बाद मुख्य कार्यपालन अधिकारी के द्वारा दिनांक 9 सितंबर को सचिव से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था जो कि 3 दिन में इसका जवाब मांगा गया था लेकिन आज दिनांक तक उक्त मामले में ना तो कोई जवाब प्रस्तुत किया गया और ना ही संबंधित सरपंच सचिव पर या अधिकारियों पर कोई कार्यवाही की गई है इन सब को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि जनपद पंचायत में पदस्थ अधिकारी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं

इनका कहना है बांसा ग्राम पंचायत का मामला मेरे समय का नहीं है आपके द्वारा मामला संज्ञान में आया है मैं जांच करवाता हूं निश्चित ही कार्यवाही की जाएगी एवं बांसा ग्राम पंचायत के मामले में रिपोर्ट बनाकर जिला पंचायत अधिकारी को प्रेषित कर दी गई है दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी
आशीष अग्रवाल मुख्य कार्यपालन अधिकारी पथरिया सासा के मामले में सचिव एवं रोजगार सहायक को दोषी पाया गया था जिसका जांच प्रतिवेदन जिला पंचायत प्रेषित कर दिया गया था कार्यवाही जिला पंचायत से की जानी है।

 

रिपोर्टर : शुभम राठौर

 

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