बिना फर्नीचर खरीदें निकाली करीब 82000 की राशि

दमोह : पथरिया जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत खेजरा लखरोनी जो कि ग्राम पंचायत में लगातार हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में बनी रहती है लेकिन राजनैतिक संरक्षण एवं अधिकारियों की सह होने के कारण उक्त सचिव पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।

बता दें कि इस ग्राम पंचायत में यात्री प्रतीक्षालय के नाम पर भी फर्जी बिल लगाकर राशि निकाली गई थी इस ग्राम पंचायत में लगातार हो रहे भ्रष्टाचार को देखते हुए विगत दिनों जनपद पंचायत पथरिया से एक जांच टीम गठित होकर ग्राम पंचायत खैजरा लखरौनी गई थी एवं जांच प्रतिवेदन बनाकर अधिकारियों को प्रेषित किया गया था। लेकिन वहीं सूत्रों के अनुसार राजनैतिक दबाव एवं अधिकारियों की सह के कारण सचिव दशरथ पटेल पर कोई कार्यवाही ना हो सकी एवं अधिकारियों द्वारा जांच प्रतिवेदन को भी दबाया जा रहा है। तो वहीं ताजा मामला ग्राम पंचायत खेजरा लखरोनी से फिर सामने आया है जहां फर्नीचर खरीदी के नाम पर फर्जी बिल लगाकर राशि आहरित की गई है।

जिसमें टेस्ट कार्य के नाम पर फर्नीचर खरीदी का फर्जी बिल लगाकर जैन इलेक्ट्रिकल्स के नाम से करीब ₹82900 ग्राम पंचायत खैरा का लखनऊ के सरपंच सचिव द्वारा आहरित किए गए हैं बता दें कि उक्त बिल में फाइबर कुर्सी ऑफिस टेबल अलमारी कंप्यूटर टेबल पंखा डोरी एलईडी बल्ब जैसी सामग्री के नाम पर करीब ₹82900 की राशि का आह्ररण किया गया है उक्त बिल 5 सितंबर 2022 की तारीख का ग्राम पंचायत द्वारा पोर्टल पर दर्शाया गया है। जिसकी राशि का भुगतान 29 सितंबर 2022 को पोर्टल पर दर्शाई गई दिनांक के अनुसार किया गया है। वहीं सूत्रों की मानें तो ग्राम पंचायत द्वारा उक्त सामग्री की खरीदारी नहीं की गई।

यहां तक कि ग्राम पंचायत भवन तक जाने के लिए रास्ता तक की सुविधा ग्राम पंचायत में नहीं है यहां पर लगातार अनेकानेक भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं लेकिन अधिकारियों के संरक्षण के कारण सचिव दशरथ पटेल पर कोई भी कार्यवाही नहीं की जा रही है वही इस संबंध में जब हमने सचिव दशरथ पटेल से बात की तो उनका कहना था कि बिल लगाया है लेकिन राशि अभी दुकानदार के खाते में नहीं आई है जबकि विभागीय पोर्टल के अनुसार 29 सितंबर 2022 को भुगतान दर्शाया गया है।

अब सवाल यह उठता है कि आखिरकार सचिव दशरथ पटेल झूठ बोल रहे हैं या फिर विभागीय पोर्टल। जो भी हो अब देखना होगा कि जनपद पंचायत के अधिकारी उक्त मामले को संज्ञान में लेते हुए ठोस कदम उठाते हैं या फिर अन्य मामलों की तरह इस मामले को भी दिखावटी जांच कर फाइलों में दबा दिया जाएगा।

 

 रिपोर्टर : शुभम राठौर

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