कागजों में ही संचालित होती हैं योजनाएं पात्र हितग्राही आज भी सुविधाओं से वंचित

पथरिया : ग्रामीण तबके के लोगों को मूलभूत सुविधाओं एवं उनकी समस्याओं के उत्थान हेतु प्रशासन के द्वारा तरह-तरह की योजना एवं अभियान चलाए जा रहे हैं एवं ग्रामीण क्षेत्रों एवं पंचायतों में परेशान हितग्राहियों की समस्याओं के निवारण हेतु प्रशासन के द्वारा जन समस्या निवारण जैसे शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।लेकिन इसके विपरीत कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित है, प्रधानमंत्री आवास योजना, विकलांग पेंशन आदि जैसी सुविधाओं का लाभ लेने के लिए हितग्राहियों को दरबदर भटकना पड़ रहा है एवं जनप्रतिनिधि सहित पंचायत कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। जिन पात्र व्यक्ति को मूलभूत आवश्यकता मकान, प्रधानमंत्री आवास योजना मिलनी चाहिए वह पात्र व्यक्ति आज भी प्रधानमंत्री आवास योजना विकलांग पेंशन आदि जैसी सुविधाओं से वंचित है। 

बरहाल हम बात कर रहे हैं पथरिया विधानसभा अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत जगथर की, जनपद मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत जगथर में एक परिवार ऐसा भी है जो प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए पूर्ण तरह पात्र होने के वावजूद भी प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित है, बता दें कि ग्राम पंचायत जगथर में 65 वर्षीय मन्नू बंसल एक कच्चे मकान में रह कर अपना जीवन यापन कर रहा है मन्नू की माने तो उनके 3 पुत्र थे जिनमें से एक पुत्र की मृत्यु हो गई तो वही दूसरा पुत्र मानसिक विक्षिप्त होने की वजह से गुम हो गया तो वही तीसरा पुत्र भी मानसिक विक्षिप्त है, जो किसी से मांग कर खाना भी नहीं खा सकता, जिसकी पेंशन के लिए चक्कर काट रहा है। मन्नू बंसल ने जानकारी देते हुए बताया कि वह पिछले कई वर्षों से अपने पुत्र की पेंशन के लिए चक्कर काट रहा है, एवं प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए पूर्व सरपंच एवं सचिव के कई बार आग्रह भी कर चुका है साथ ही उन्हें कागज भी जमा किए हैं लेकिन आज तक उसे ना तो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान प्राप्त हुआ और ना ही पुत्र की पेंशन बन सकी है।

उक्त व्यक्ति के घर में कमाने वाला कोई भी नहीं है 65 वर्ष की आयु में मजदूरी कर के अपनी पत्नी एवं विकलांग पुत्र का भरण पोषण कर रहा है। मन्नू का कहना है कि उसकी पत्नी पिछले कई महीनों से बीमार बिस्तर पर पड़ी हुई है उसकी दवा के लिए भी उसके पास पैसे नहीं है साथ ही पुत्र मानसिक विक्षिप्त है जो कुछ कर भी नहीं सकता अगर वह भूखा हो तो किसी से मांग कर खाना भी नहीं खा सकता ऐसे में मेरी आखिरी ख्वाहिश है कि मेरे जीते मेरे पुत्र की विकलांग पेंशन बन जाए ताकि उसके मानसिक विक्षिप्त पुत्र के लिए कोई भी पेंशन के लोभ में ही सही पर कोई उसे दो रोटी खिलाता रहे।

जब इस संबंध में वर्तमान सरपंच कुंदन अहिरवार से बात की तो उन्होंने बताया कि मन्नू बंसल आवास योजना के लिए पूरी तरह पात्र है। लेकिन ना तो उसे प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है और ना ही अभी जो वंचित हितग्राहियों की सूची बनाई गई है उस सूची में भी नाम जुड़ा है। लेकिन मैं जैसे भी प्रयास करके उसे प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने का प्रयास करूंगा। साथ ही उसके पुत्र को मैं खुद दमोह ले जाकर विकलांग सर्टिफिकेट बनवा कर एवं उसकी पेंशन बनवाने का प्रयास करूंगा।

इनका कहना है आपके द्वारा मामला संज्ञान में आया है सरपंच सचिव के माध्यम से जांच करा लेते हैं अगर वह पात्र हैं तो जल्द से जल्द उन्हें लाभ दिलाया जाएगा। आशीष अग्रवाल- मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पथरिया।

रिपोर्टर : शुभम राठौर

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