पंचायत में होने वाले सीसी सड़क निर्माण में कार्य कर रहे बाल मजदूर

पथरिया : जहां एक तरफ सरकार बाल मजदूरी रोकने के लिए तरह-तरह के प्रयास कर रही है एवं बच्चों की शिक्षा दीक्षा और उनके उज्जवल भविष्य के लिए कई तरह की योजनाएं सरकार द्वारा संचालित की जा रही हैं तो वहीं दूसरी ओर पथरिया जनपद पंचायत अंतर्गत बाल श्रम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही यहां पर नाबालिक बच्चों से मजदूरी करवा कर सीसी सड़क निर्माण कराया जा रहा है। 

मानों ग्राम पंचायत एवं जनपद के जिम्मेदारों के लिए कानून का कोई खौफ ही ना हो।हम बात कर रहे हैं पथरिया जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत नैगुंवा की जहां पर नवनिर्वाचित सरपंच एवं सचिव द्वारा लगभग ढाई लाख की लागत से पुल से गांव की तरफ सीसी सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। जिसमें छोटे-छोटे बच्चे भी मजदूरी करते हुए देखे गए जैसा कि आप तस्वीरों में साफ तौर पर देख सकते हैं कि यहां पर किस तरह से नाबालिगों से मजदूरी करवाई जा रही है जबकि ज्ञात हो कि स्थानीय क्षेत्रों में मजदूरी ना मिलने के कारण आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से भी लोग पलायन करते हुए बाहर जाकर मजदूरी करते हैं। क्योंकि यहां पर मजदूरी नहीं मिलती तो वहीं मनरेगा योजना अंतर्गत कागजों में मजदूरी दर्ज कर रोजगार का एक नया साधन बनाकर भ्रष्टाचार की भेंट मनरेगा योजना को चढ़ाया जाता है लेकिन वास्तविक जरूरतमंदों को मजदूरी नहीं मिलती तो वही पंचायत में होने वाले इस निर्माण कार्य में बच्चों से मजदूरी करा कर आखिर कर सरपंच सचिव क्या सिद्ध करना चाहते हैं ? या फिर मजदूरी कम देनी पड़े और काम पूरा हो सके इसलिए नाबालिगों से मजदूरी कराई जा रही है।

यह सब देखकर यह प्रतीत होता है कि जनपद पंचायत में पदस्थ उपयंत्री सहित अन्य अधिकारी कार्यालय में बैठकर ही निरीक्षण निर्माण कार्यों का कर लेते हैं यदि निर्माण स्थल पर जाकर निरीक्षण किया गया होता तो शायद बाल मजदूरी की प्रथा पर रोक लगा पाती। अब देखना होगा कि मामला प्रकाश में आने के बाद उक्त मामले मैं जिला कलेक्टर या फिर बाल आयोग द्वारा उक्त मामले को संज्ञान में लेते हुए क्या कार्यवाही की जाती है।

रिपोर्टर : शुभम राठौर

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