शिक्षक जीवन भर छात्र ही रहता है-डीन डॉ दिनेश उदेनिया

 

दतिया : आज दिनांक एक अक्टूबर को , शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के मेडिकल टीचर एसोसिएशन ने , एनाटोमी के भीष्म पितामह , डॉ बी डी चौरसिया का 85बा जन्म दिवस, मेडिकल टीचर्स डे के रूप में मनाया । इस अवसर पर  मेडिकल कॉलेज के सभागार में अधिष्ठाता डॉ दिनेश उदेनिया , सभी चिकित्सा शिक्षको ,और  चिकित्सा छात्र छात्राओं ने डॉ बी डी चौरसिया के चित्र पर माला पहना कर एवम पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धा का प्रदर्शन किया ।

इस कार्यक्रम के दौरान अधिष्ठाता डॉ दिनेश उदेनिया ने कहा कि शिक्षक वह है जो जीवन भर छात्र बन कर सीखे , और अपने शिष्यों को अपने अनुभव बताए।डॉ प्रदीप शुक्ला, डॉ सुरेंद्र कुमार बौद्ध और डॉ राजेश गुप्ता ने भी अपने उद्गार प्रकट किए।इस दौरान एनाटोमी के प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ हर्ष छावरे का सम्मान छात्रों ने किया।कार्यक्रम का संचालन मेडिकल टीचर एसोसिएशन की अध्यक्षा डॉ अमिता शर्मा ने किया।डॉ भगवान दीन चौरसिया का संक्षिप्त

जीवन परिचय - द्वारा डॉ हेमंत जैन

डॉ बी ड़ी चौरसिया का जन्म छतरपुर जिले के बारीगढ़ गांव में एक अक्टूबर 1937 को हुआ, उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा महोबा और इलाहाबाद में ग्रहण की , सन 1960 में एम बी बी एस और सन 1965 में एम एस की डिग्री इंदौर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज से पूर्ण की , 1975 में पी एच डी जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर से की।

सर्वप्रथम उन्होंने लेक्चरर के रूप में महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में काम किया फिर गजरा राजा मेडिकल कॉलेज में एनाटोमी विषय के रीडर बने और जीवन पर्यंत यही रहे। इस दौरान उन्होंने एनाटोमी विषय पर एक किताब लिखी जिसका शीर्षक है ह्यूमन एनाटोमी । यह किताब देश विदेश के मेडिकल छात्र छात्राओं के लिए वरदान मानी जाती है। 05.05.1985 को उनका निधन ग्वालियर में हुआ। उन्हें एनाटोमी का गॉडफादर भी कहा जाता है।

 

रिपोर्टर : नितिन

 

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