ऐसे करें हरियाली अमावस्या का व्रत, जानें धार्मिक महत्व एवं पूजा विधि
हिंदू पंचांग के अनुसार, हरियाली अमावस्या सावन मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अमावस्या को कहते हैं। इसे हरियाली अमावस्या, सावन अमावस्या और श्रावणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस साल हरियाली अमावस्या 8 अगस्त, रविवार के दिन पड़ रही है।
सावन महीने की अमावस्या तिथि को हरियाली अमावस्या कहते हैं. हिंदू धर्म में सावन अमावस्या का विशेष महत्व होता है. हरियाली अमावस्या का पर्व 8 अगस्त को मनाया जाएगा. इस अमावस्या को कुछ ऐसे उपाय हैं जिनको करने से दंपत्ति जीवन में प्रेम और सौहार्द बना रहता है. बहुत सुखमय एवं सरस होता है. घर परिवार में सुख शांति बनी रहती है. आइये जानें ये उपाय:-
ऐसे करें पूजन विधि
हरियाली अमावस्या के दिन पति पत्नी को एक साथ मिलकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए. पूजा के दौरान दंपत्ति को मिलकर शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए. इसके बाद उन्हें सफ़ेद पुष्प चढ़ाना चाहिए. माता पार्वती की पूजा में उन्हें 16 श्रृंगार की वस्तुएं अवश्य अर्पित करना चाहिए. भगवान शिव और माता पार्वती के सामने घी का दीपक जलाएं.
भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के दौरान ऊँ उमामहेश्वराय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए. पूजा के बाद पति-पत्नी प्रसाद अवश्य ग्रहण करें तथा इसे पूरे परिवार के सदस्योंम में भी बांटे. मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ और पार्वती की इस प्रकार पूजा करने से वैवाहिक जीवन अच्छा रहता है और परिवार में खुशियां आती हैं.
वृक्षारोपण
हरियाली अमावस्या के दिन वृक्षारोपण जरूर करना चाहिए. यदि संभव हो तो यह वृक्षारोपण सार्वजनिक स्थल पर या किसी मंदिर पर करें और पूरे समय इसकी देखभाल करें. कहा जाता है कि जब तक यह वृक्ष हरा भरा रहेगा तबतक पति –पत्नी का वैवाहिक जीवन आनंदित रहेगा.
पितरों का तर्पण करें
यह अमावस्या पितरों के तपर्ण के लिए भी विशेष महत्व रखती है. हरियाली अमावस्याब के दिन गंगाजल मिले पानी से प्रातः काल सूर्योदय के पूर्व स्नान करें. और मन में सभी तीर्थों को नमन करें. इसके बाद पितरों का श्रद्धापूर्वक श्राद्ध और तर्पण करें. तत्पश्चात गरीब व जरूरत मंद लोगों को भोजन कराएं. तथ उन्हें यथा शक्ति दान जरूर दें. इससे पितरों की कृपा से पति-पत्नी में प्रेम और सौहार्द बना रहता है.
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