तुलसी पूजन में भूलकर भी न करें ये गलतियां, जानें सही पूजा विधि

हिंदू धर्म में तुलसी को पूजनीय स्थान प्राप्त है. कहते हैं कि तुलसी जी को घर में रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है. ये जीवन में सुख-शांति प्रदान करने वाला माना गया है.

तुलसी पूजा नियम
हिंदू धर्म में तुलसी को पूजनीय स्थान प्राप्त है. कहते हैं कि तुलसी जी को घर में रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है. इतना ही नहीं, तुलसी का पौधा जीवन में सुख-शांति प्रदान करने वाला माना गया है. कहते हैं कि कार्तिक मास में तुलसी की पूजा से जीवन में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलते हैं. लेकिन इसके लिए तुलसी के पौधे की पूजा सही विधि से की जानी जरूरी है. गलत तरीके या पूजा के दौरान की गई गलती से लाभ के बजाय हानि पहुंचा सकती है।

आइये जानते हैं तुलसी पूजा का सही तरीका.

तुलसी पूजा का सही तरीक
- कहते हैं कि अगर आप घर में तुलसी का पौधा लगाने की सोच रहे हैं, तो इसे गुरुवार के दिन लगाना शुभ होता है.
- गुरुवार के साथ ही कार्तिक के महीने में तुलसी का पौधा लगाना उत्तम होता है.
- मान्यता है कि कार्तिक महीने में तुलसी के पौधे की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
- कहते हैं कि तुलसी का पौधा घर या आगन के बीच में लगाना चाहिए. साथ ही इसे लगाते समय दिशा का भी ध्यान रखना चाहिए. इसे हमेशा उत्तर या ईशान दिशा में ही लगाना चाहिए.  
- इतना ही नहीं, सोने के कमरे की बालकनी में भी तुलसी के पौधे को लगाया जा सकता है.
- मान्यता है कि सुबह स्नान आदि के बाद साफ वस्त्र पहनने के बाद तुलसी के पौधे में जल डालकर उसकी परिक्रमा करना लाभदायी होता है.
- नियमित रूप से शाम को तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाना उत्तम होता है.

भूल से भी न करें ये गलती
- धार्मिक ग्रंथों में तुलसी को लेकर कई नियम और सावधानियां हैं, जिनका ध्यान रखना बहुत जरूरी है. इन बातों का ध्यान रखने से किसी की भी किस्मत चमक सकती है. तो चलिए जानते हैं इन नियमों के बारे में.
- कहते हैं कि तुलसी के पत्ते हमेशा सुबह के समय ही तोड़ने चाहिए. सूर्यास्त के बाद तुलसी पत्र तोड़ना पाप का भागीदार बनाता है.
- रविवार के दिन तुलसी के पौधे में जल अर्पित नहीं करना चाहिए इसके साथ ही उस दिन शाम को दीपक न जलाएं.
- भगवान विष्णु को तुलसी अत्यंत प्रिय है इसलिए श्री हरि और उनके अवतारों को तुलसी दल जरूर अर्पित करें.
- कहते हैं कि तुलसी के पत्र कभी बासी नहीं होते, इसलिए पुराने तुलसी के पत्तों को भी पूजा में इस्तेमाल किया जा सकता है.

 

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.