पति की लंबी आयु के लिए समर्पित है करवा चौथ व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

करवा चौथ व्रत 24 अक्टूबर को रखा जाएगा. इस व्रत पर रात 11.35 मिनट तक वरियान योग रहेगा. इस योग में किए गए सभी कार्यों में सफलता मिलती है.

हिंदी पंचांग के अनुसार, करवा चौथ व्रत हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. इस साल यह करवा चौथ व्रत 24 अक्टूबर दिन रविवार को है. यह व्रत सुख-समृद्धि और पति की लंबी आयु के लिए समर्पित होता है. इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती है और रात को चंद्रमा के दर्शन के बाद व्रत का पारण करती है. करवाचौथ को करक चतुर्थी और दशरथ चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है.

धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव, गणेश जी और स्कन्द यानि कार्तिकेय के साथ बनी गौरी के चित्र की पूजा की जाती है. इससे जीवन में सुख-समृद्धि  प्राप्त होती है. पति की आयु लंबी होती है. इससे महिलाओं का अखंड सौभाग्य बना रहता है. इस बार करवाचौथ के दिन एक विशेष वरियान योग बन रहा है. यह योग अति मंगलकारी और शुभ फलदायक होता है.

करवा चौथ का शुभ मुहूर्त

    चतुर्थी तिथि प्रारम्भ: 24 अक्टूबर को तड़के 3 बजकर 2 मिनट से
    चतुर्थी तिथि समाप्त: 25 अक्टूबर सुबह 5 बजकर 43 मिनट तक
    चन्द्रोदय समय: शाम 7 बजकर 51 मिनट पर होगा.

करवा चौथा की पूजा विधि

करवा चौथ के दिन ईशान कोण पर भगवान शिव, मां गौरी और गणेश की प्रतिमा या चित्र, जल से भरा लोटा या कलश स्थापित करें. कलश में चावल डाले. अब कलश पर रोली, चावल का टीका और लोटे की गर्दन पर मौली बांधे. अब गौरी की पूजा करें और उन्हें सिंदूर चढ़ाएं.

चार पूड़ी और चार लड्डू को तीन अलग अलग जगह लेकर एक कलश पर, दूसरा करवे पर रखें. तीसरे को अपनी साड़ी के पल्ले में बांधे. अब मां देवी के सामने घी का दीपक जलाकर कथा पढ़ें और अंत में आरती करें. पानी से भरे कलश को रात में चांद देखने पर इसे चांद को अर्घ्य दें. वह व्रत का पारण करें.

 

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