दिल्ली में रोहिंग्या मुसलमानों को स्थायी ठिकाना देने की हो रही साजिश; मनीष सिसोदिया

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी में रोहिंग्या शरणार्थियों को ‘स्थायी आवास' देने की ‘गुपचुप' कोशिश कर रही है. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय के इस दावे को खारिज कर दिया कि इस बारे में दिल्ली सरकार ने प्रस्ताव दिया था. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार शहर में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के फ्लैटों में रोहिंग्या शरणार्थियों को स्थानांतरित करने की घोषणा को सुबह उपलब्धि बता रही थी, लेकिन जब आम आदमी पार्टी (आप) ने इस पर विरोध जताया तो उसने बाद में इसकी जिम्मेदारी दिल्ली सरकार पर डालना शुरू कर दिया.

एलजी के निर्देश पर किया गया फैसला

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने किसी का नाम लिये बगैर आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस और कुछ अधिकारियों ने उप राज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना के निर्देश पर और केंद्र सरकार के इशारे पर शहर में रोहिंग्याओं को स्थायी आवास देने का फैसला लिया. उन्होंने कहा कि वे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के गृह मंत्री के संज्ञान में लाये बिना प्रस्ताव को सक्सेना की मंजूरी के लिए भेज रहे थे. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि केजरीवाल सरकार दिल्ली में रोहिंग्याओं को अवैध तरीके से बसाने की इस‘साजिश' को सफल नहीं होने देगी.

गृह मंत्रालय ने किया इनकार

इस बारे में विवाद उठने पर गृह मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए इस तरह का कोई कदम उठाने की बात से इनकार किया. उसने कहा कि दिल्ली सरकार ने रोहिंग्याओं को एक नये ठिकाने पर भेजने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि ‘अवैध विदेशी प्रवासी' उनका प्रत्यर्पण लंबित रहने तक शिविरों में रहेंगे.

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