स्वास्थ्य और प्रकृति का संगम है प्राकृतिक चिकित्सा
गाजीपुर : प्राकृतिक चिकित्सा सबसे पुरानी स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में से एक है जो पारंपरिक उपचार विधियों को आधुनिक वैज्ञानिक ज्ञान के साथ जोड़ती है। राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस पर इशोपुर स्थित आयुर्वेदिक वेलनेस सेंटर में लोगों को प्रकृति प्रेम और प्राकृतिक उपचार के लाभ बताये गए। डॉ समीक्षा बरनवाल ने बताया कि नेचुरोपैथी शरीर की प्राकृतिक उपचार क्षमता पर ध्यान केंद्रित कर आहार, व्यायाम, उपवास, जल चिकित्सा, होम्योपैथी, वनस्पति चिकित्सा, विषहरण और जीवनशैली परामर्श जैसे उपचारों पर जोर देता है। मानव शरीर प्रकृति के पंचतत्वों से निर्मित है। मिट्टी, पानी, धूप, हवा और आकाश जैसे तत्वों से शरीर की सफाई व मरम्मत करना उचित है। प्राकृतिक चिकित्सा स्वस्थ जीवन बिताने की एक कला एवं विज्ञान है। यह ठोस सिद्वान्तों पर आधारित बिना दुष्प्रभाव के रोग निवारण पद्वति है। स्वास्थ्य, रोग तथा चिकित्सा सिद्वान्तों के संबंध में प्राकृतिक चिकित्सा के विचार अत्यंत मौलिक है। प्रकृति स्वयं में सबसे बड़ा चिकित्सक और औषधि है। शरीर में स्वंय को रोगों से बचाने व अस्वस्थ हो जाने पर पुन: स्वास्थ्य प्राप्त करने की क्षमता विधमान है। गोरखा में डॉ संतप्रताप ने बताया कि मनुष्य के शरीर में स्वंय को रोग मुक्त करने को अपूर्व शक्ति है। प्राकृतिक चिकित्सा का महत्व समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, रोगों की रोकथाम करने, शारीरिक और मानसिक संतुलन बनाने में है। प्राकृतिक चिकित्सा एक समग्र दृष्टिकोण है जो प्राकृतिक जीवनशैली, जैसे स्वस्थ आहार, व्यायाम और प्राकृतिक तत्वों के माध्यम से शरीर की उपचार क्षमता को बढ़ाती है।
रिपोर्टर - गोविन्द कुमार

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