धर्मशाला बाजार में रेलवे की जमीन करा ली अपने नाम, बना लिया दुकान व मकान

गोरखपुर : धर्मशाला बाजार में रेलवे की भूमि पर रेलवे का नाम गायब कर कब्जा करने का नया प्रकरण सामने आया है। दर्जन भर लोगों ने धर्मशाला पुलिस चौकी से गोरखनाथ पुल के बीच स्थित 1.196 एयर (295 डिस्मिल) भूमि पर दुकान और मकान खड़ा कर लिया है। साथ ही खतौनी से रेलवे का नाम हटवाकर अपना नाम दर्ज करा लिया है। रेलवे प्रशासन ने खतौनी में अपना नाम पुन: दर्ज कराने व कब्जा दिलाने के लिए जिलाधिकारी को चिट्ठी लिखी है ।

पूर्वोत्तर रेलवे के उपमुख्य इंजीनियर (गोरखपुर क्षेत्र) रविन्दर मेहरा ने पांच अप्रैल, 2021 को जिलाधिकारी को लिखे गए पत्र में कहा है कि मौजा- जटेपुर, तप्पा- कस्बा, परगना हवेली, तहसील सदर गोरखपुर स्थित आराजी संख्या 428 में स्थित भूमि रेलवे की है। इस आराजी संख्या में कुछ लोगों ने गलत तरीके से रेलवे का नाम हटवाकर अपना नाम दर्ज करा लिया है। रेलवे प्रशासन ने बगल के खातेदारों, राजस्व विभाग और पुलिस की उपस्थिति में आठ जून, 2019 तथा 12 फरवरी, 2020 को इस भूमि का सीमांकन कराने का प्रयास किया, लेकिन आज तक इस भूमि का सीमांकन नहीं हो पाया है और लोगों का अवैध कब्जा बरकरार है। उपमुख्य इंजीनियर ने जिलाधिकारी से पूरे प्रकरण की जांच कराकर आराजी संख्या 428 में रेलवे का नाम दर्ज कराने व कब्जा दिलाने की मांग की है ।

रेलवे की यह जमीन लोगों की कमाई का जरिया भी बन गई है। अपना नाम दर्ज कराने वाले कुछ लोगों ने तो दूसरों को भूमि बैनामा भी कर दिया है। कुछ ने बैंक से लोन भी ले लिया है ।

धर्मशाला बाजार ही नहीं रेलवे स्टेशन गोरखपुर के आसपास शहरी क्षेत्र की कई जमीनों पर भी लोगों का अवैध कब्जा है। जानकारों के अनुसार स्टेशन के ठीक सामने वाली सड़क के दक्षिण तरफ रेलवे की जमीन पर होटल और रेस्टोरेंट खुल गए हैं। फिलहाल, रेलवे प्रशासन ने अपनी जमीनों को खोजना शुरू कर दिया है ।

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने कहा कि रेलवे प्रशासन अतिक्रमण करने वालों पर विधिक कार्रवाई करता है। रेलवे की भूमि को अतिक्रमणमुक्त कराया जाता है इस कार्य में सामान्य प्रशासन भी रेलवे की मदद करता है यदि कहीं लीगल अड़चन आती है तो उसका नियमानुसार समाधान किया जाता है ।

Reporter - Shakti Tiwari

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