बाढ़ की टूटी कहर,धान की हजारों एकड़ फसल बर्बाद

पाली विकासखंड के लगभग दर्जनों गांवों के हजारों  एकड़ धान की फसल बाढ़ की कहर से बर्बाद हो गई है । जिसमें-  मांट, चरड़ाव,मारण,बिड़ार , सिसईं,भक्सा समेत अनेक गांव   शामिल हैं । बाढ़ की विभीषिका इतना तेज थी कि-  किसानों के कई एकड़ फसल जल मग्न हो गए हैं । जिससे वह  खराब हो गई है । किसानों का आरोप है कि- कोई भी ज़िम्मेदार मौके पर आकर  हमारी  हाल-चाल नहीं ले रहा  है और नहीं फसलों के बारे में पूछ रहा है । खरीफ की फसल संभलने से हम सब को, रबी  फसल के लिए पूंजी मिल जाती थी । अब जब खरीफ की फसल  बर्बाद हो गई, तो आगामी रवी फसल कैसे उगाई जाएगी, इसकी काफी चिंता सता रही है ।

भारतीय खेती हमेशा  प्रकृति पर ही निर्भर रहती है। यदि प्रकृति  साथ दिया, तो किसानों की उपज अच्छी होती है और उनकी आय  बढ़ती है । परंतु यदि मौसम ने जरा सी भी करवट ली, तो बेचारे किसान  मारे मारे फिरते हैं । यहां तक कि- उनकी सुनवाई कहीं नहीं होती है ‌  ।
सरकार द्वारा दी जाने वाली  सहयोग राशि भी इतनी मिलती है कि वह ऊंट के मुंह में जीरा साबित होती है ।  यदि बची खुची फसल को किसान क्रय केंद्रों पर बेचने ले जाता है तो,

केंद्रों पर लघु एवं सीमांत किसानों को कोई महत्व नहीं दिया जाता है। उसका फायदा बड़े किसान उठाते हैं ।  गरीब किसानों को हार मानकर   उपज को औने-पौने दाम पर बिचौलियों को देना पड़ता है ।    नाम न छापने की शर्त पर किसानों का कहना है  कि-  सरकारी मुलाजिम समय रहते यदि हम सब की सुधि ले लेते हैं, तो  हमें दी जाने वाली सरकारी सहायता समय पर मिल जाती ।  हम साहूकारों के चंगुल से उधार लेने से बच जाते । उक्त संदर्भ में-में तहसीलदार सहजनवा बृज मोहन शुक्ल ने कहा कि- किसानों के बर्बाद फसल की सर्वे कराई जा रही है, लाभ उसी मिलेगा जिसने बीमा कराया होगा ।

रिपोर्टर-हरिगोबिन्द चौबे

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.