अपराधी की चाय बिस्किट का फर्ज निभाते पत्रकार साहब ...

गोरखपुर : पत्रकारिता के गिरते स्तर पर अब चिंता नहीं होती बल्कि अब घिन आने लगी है । चंद पैसों के लिए पत्रकारिता की मां बहन करने वालों की पत्रकारिता जगत में कोई कमी नहीं रह गई है । इन्हें आज तक यही अहसास नही हुआ कि पैसे तो वैश्या भी कमा लेती है और अपना पेट तो कुत्ता भी भर लेता है । यदि आप भी पत्रकारिता के नाम पर यही कर रहे हैं तो इनमे और आप में फर्क क्या है यह सोचना चाहिए ।आज कभी कोई एंकर दारू पीकर स्टूडियो में बैठ जा रहा है तो कभी कोई एंकर झां....जैसा क्रांतिकारी शब्द ऑन एयर बोल पड़ता है । कभी कोई एंकर होटल में रंगरलिया मनाने के बाद अपने परिवार को मूर्ख बनाने और अपने कुकर्मो को छिपाने के लिए अपने साथ फर्जी लूट की कहानी गढ़ के बड़ी बेशर्मी से उसका बखान करता है तो कभी कोई एंकर स्टूडियो में मुझे ड्रग्स दो ड्रग्स दो चिल्लाने लगता है । गोरखपुर जनपद में भी आज एक खोजी पत्रकारिता का किस्सा सामने आया है । गोरखपुर जनपद के पुलिस की फाइलों में दर्ज गैंगस्टर  रासुका तथा लूट जैसी सनसनीखेज घटनाओं को अंजाम देने वाला अपराधी मुख्यमंत्री दरबार में पहुंचा और प्रार्थना पत्र दिया कि पुलिस ने उसके सेंटर को बंद करा दिया है । असंख्य प्रार्थना पत्रों की भीड़ में से छांटकर हिंदुस्तान अखबार के एक खोजी पत्रकार ने इस गैंगेस्टर के प्रार्थना पत्र को खोज निकाला और उस पर खबर प्रकाशित कर दी । यह बात और है कि यह खोजी पत्रकार साहब इस अपराधी के आपराधिक इतिहास से बखूबी वाकिफ हैं । यह चर्चा आम है कि ये खोजी पत्रकार साहब अक्सर अपराधियों और दो नंबर का धंधा करने वालो की चाय पीते नजर आ जाते हैं और बिस्कुट की जगह बिस्कुट के पैसे अपने घर लेकर चले जाते हैं । पत्रकार साहब को अच्छी तरह पता है कि यह सेंटर भी अवैध है और उसका संचालक भी गोरखपुर पुलिस का अपराधी है लेकिन बेचारे क्या करें ? चाय बिस्कुट का फर्ज तो निभाना ही पड़ेगा । लेकिन पत्रकार साहब आपको बता दे कि आप यहां भी अपना फर्ज पूरी ईमानदारी से नही निभा रहे हैं । आपको बता दूं कि इस अपराधी ने बीस दिन पहले स्वांग रचा था कि सरेआम और सरेराह असलहे के बल पर लूट करने वाले इस अपराधी के साथ पंद्रह हजार की लूट हो गयी थी और यह बाप बाप चिल्लाता हुआ न्यायालय पहुँचा था लेकिन वहां से भी इसे बैरंग लौटना पड़ा । इतनी बड़ी घटना घट गयी ..एक लूटेरे के साथ लूट हो गयी और पत्रकार साहब ने इतनी बड़ी खबर अपने अखबार में छापी भी नही ! बहुत नाइंसाफी है ये ... 

 

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