बिगड़ते हालात पर गुजरात हाईकोर्ट में सुनवाई : कोर्ट ने कहा -अप्रैल में कोरोना की सुनामी आ गई

बिगड़ते हालात पर गुजरात हाईकोर्ट में सुनवाई :  कोर्ट ने कहा -अप्रैल में कोरोना की सुनामी आ गई , राज्य सरकार भी अंदाजा नहीं लगा सकीगुजरात में जैसे - जैसे कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं , वैसे - वैसे प्रदेश में संकट गहराता जा रहा है । मरीजों को जहां अस्पताल में अपनी लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है , वहीं दवा के लिए भी परिजन दर - दर भटक रहे हैं । चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर गुजरात हाईकोर्ट ने चिंता जाहिर की थी । इस मामले 12 अप्रैल को संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने सरकार से 15 अप्रैल तक विस्तृत जवाब मांगा था ।इसी मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई । गुजरात हाईकोर्ट के गुजरात हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति भार्गव डी . कारिया की खंडपीठ ने कहा कि लोगों को अभी भी टेस्टिंग , ऑक्सीजन और दवाओं के लिए भटकना पड़ रहा है ।

सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि रेमडेसिवीर को लेकर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की अलग व्याख्या है । ' आईसीएमआर कुछ अलग ही कहता है और सरकार कुछ और ही बताती है । इन सब में जनता भ्रमित है । उसे नहीं पता कि करना क्या है । स्पष्टता न होने के कारण रेमडेसिवीर की व्याख्या ' अमृत ' सरीके होने लगी है आऔर लोगों को लगने लगा है कि रेमडेसिवीर लेने से बच जाएंगे ? पर हकीकत में ऐसा नहीं है ।इधर , गुजरात की भयावह स्थिति को बताते ये आंकड़े रिकॉर्ड 8152 केस , 81 लोगों की मौत गुरुवार को प्रदेश में अब तक का सर्वाधिक 8152 केस आए । सबसे ज्यादा अहमदाबाद में 2672 जबकि सूरत में 1864 संक्रमित मिले । संक्रमितों का कुल आंकड़ा अब 3,75,768 पर पहुंच गया है । वहीं , पिछले 24 घंटे में 81 लोगों ने कोरोना के कारण दम तोड़ दिया । अब तक 5076 की मौत हो चुकी है ।सबसे ज्यादा 28 मौतें अहमदाबाद में जबकि सूरत में 26 मौतें दर्ज की गईं । नए केसों के मुकाबले ठीक होने वालों की संख्या में 5000 का अंतर रहा । गुरुवार को 3023 लोग ठीक हुए । अब तक कुल 3,26,394 लोग डिस्चार्ज हो चुके हैं । सक्रिय मरीजों की संख्या 44,298 पर पहुंच गई है ।

 

रिपोर्टर : मयंक जोशी 

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