देश भर में गुजरात मॉडल की हो रही है सराहना।

गुजरात : भारत का एक पश्चिमी राज्य है जिसकी सीमा पश्चिम में अरब सागर, उत्तर मे पकिस्तान , उत्तर पूर्व मे राजस्थान, पूर्व में मध्यप्रदेश और दक्षिण में महाराष्ट्र , दादर नगर हवेली और दमन दीव से मिलती है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह भारत का पांचवा और जनसंख्या की दृष्टि से यह भारत का नौवा सबसे बड़ा राज्य है। राज्य में प्राचीन सिंधु सभ्यता के कई महत्वपूर्ण स्थल मिले हैं जैसे - लोथल, धोलाविरा, गोलाधीर आदि ।

लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, विक्रम साराभाई जैसे महापुरुष गुजरात की पावन धरती पर जन्मे है , जिन्होने न सिर्फ इस देश को नई ऊंचाई दी बल्कि आज भी इनकी गाथाएं सम्पूर्ण देश को प्रेरित करती हैं। इसके प्राकृतिक वातावरण, शिल्प वास्तुकला और अनेक पर्यटन स्थल जैसे साबरमती आश्रम, अक्षरधाम मंदिर, सोमनाथ मंदिर, द्वारकाधीश मंदिर, स्टेच्यू ऑफ यूनिटी (दुनिया कि सबसे बड़ी प्रतिमा) , गिरनार पर्वत इस राज्य की सुंदरता को और निखारते हैं। समुद्र तट से लगे होने के कारण भौगोलिक और आर्थिक दृष्टि से यह भारत का एक महत्वपूर्ण राज्य रहा है। इस राज्य की सम्पूर्ण विविधताएं अखंड भारत के छोटे स्वरूप की याद दिलाती है।

      गुजरात अपने औद्योगिक विकास और हर क्षेत्र में बेहतरीन व्यावसायिक परिस्थिति के लिए जाना जाता है। देश भर में गुजरात मॉडल की सराहना की जाती है। क्या है गुजरात मॉडल ? आसान भाषा में, यह वह काल है जो 2002-14 के वर्षों में गुजरात की नीतियों से उत्पन्न हुए सार्थक विकास दर की अनुभूति कराता है जो आज के समय मे और निखर रहा है । इस मॉडल का मुख्य उद्देश्य गुजरात के आर्थिक , समाजिक, व्यावसायिक, शिक्षा , कृषि  को नया आयाम देना था। उस समय के मुख्यमंत्री  श्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने नवाचार नीतियों से गुजरात मॉडल को लोकप्रिय किया। इस मॉडल में विकास की रणनीति के तीन मुख्य भाग हैं -1. आधारभूत संरचना को स्थापित करने के क्षेत्र में विशाल कदम लेना ; 2. सुशासन का सशक्तिकरण और 3. बड़ी संख्या में प्रोत्साहन और अनुवृत बढ़ोतरी, जिससे निवेश में वृद्धि लाई जा सके । उद्यमियों , छोटे व्यापारियों और नए आइडिया को बढ़ावा देने  के लिए राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

गुजरात को निवेश के नजरिए से वैश्विक केंद्र बनाए रखने के उद्देश्य के साथ राज्य सरकार हर दूसरे वर्ष भारत का सबसे प्रतिष्ठित निवेश शिखर सम्मेलन "वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन" का आयोजन करती है। इस अभिनव पहल की शुरुआत तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने वर्ष  2003 में की थी।  आज गुजरात विकसित रुप से आगे बढ़ रहा है और 25.9% वार्षिक उत्पादन क्षेत्र में योगदान देता है।राज्य सरकार की कई महत्वपूर्ण पहलुओं की वजह से गुजरात तीन वर्षों (2018, 2019 और 2021) में उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग की स्टार्टअप रैंकिंग में शीर्ष पायदान पर रहा है। हाल ही में हुए वाइब्रेंट गुजरात समिट को संबोधित करते हुए माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र रजनीकांत पटेल जी ने कई विशाल औद्योगिक परियोजनाओं जैसे धोलेरा स्मार्ट सिटी , डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस सिटी , ड्रीम सिटी  आदि के बारे मे बताया और आने वाले समय में हाइब्रिड सोलर और वायु रिन्यूएबल ऊर्जा की ओर जोर दिया तथा 2023 तक अक्षय ऊर्जा में गुजरात को देश की राजधानी बनने का लक्ष्य रखा है, जो राज्य के साथ देश की भी बिजली की आपूर्ति करेगा। गुजरात अधिशेष बिजली वाला राज्य है। काकरापार परमाणु ऊर्जा और मुंद्रा पावर प्लांट जैसे कई केंद्र आज गुजरात के साथ साथ कई अन्य राज्य की भी बिजली आपूर्ति करता है।
      
        आज पूरा विश्व जलवायु परिवर्तन से होने वाले समस्याओं से जूझ रहा है। बदलते जलवायु को बचाने के लिए आज पूरी दुनिया इलेक्ट्रिक व्हीकल तकनीक को तेजी से अपना रही है। गुजरात सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल की लोकप्रियता व इसकी उपयोगिता को बढ़ाने के लिए 'गो- ग्रीन योजना' की शुरुआत की। इस योजना के तहत ग्राहककर्ता को अधिकाधिक सब्सिडी दी जाएगी। इसके फलस्वरूप आम नागरिक तेजी से इलेक्ट्रिक व्हीकल की तरफ बढ़ेगा और इससे पर्यावरण को होने वाले नुकसान और वायु प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।
        
         किसी भी राज्य के विकास में कृषि का महत्त्वपूर्ण योगदान होता है। गुजरात कृषि के क्षेत्र में भी आज बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। जलवायु विविधता , विविध फसलों का उत्पादन और राज्य सरकार द्वारा स्थापित कृषि विश्वविद्यालयों का अस्तित्व कृषि दक्षता और स्थिरता में अनुसंधान को बढ़ावा देते हैं। सहकारी समितियां, ग्रीन हाउस और शेड-नेट हाउस जैसी अनेक तकनीक कृषि अर्थव्यवस्था को एक नई ऊंचाई दे रहा है। पशुपालन और डेयरी फार्मिंग गुजरात की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गुजरात भारत में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। अमूल दुग्ध सहकारी संघ  पूरे देश में प्रसिद्ध है और एशिया में सबसे बड़ी डेयरी है। अमूल ने कई सारे गांवों में सामूहिक रूप से सहकारी संस्थानों का निर्माण किया और आज 26 लाख  दूध उत्पादक इसके अंशधारी मालिक हैं।

गुजरात में सहकारी समितियों को अपनाने का श्रेय व्यापक रूप से गुजरात के किसान भाइयों को दिया जाता है। किसानों को कृषि के लिए अत्याधिक बिजली की आपूर्ति के लिए राज्य सरकार ने किसान सर्वोदय योजना का निर्माण किया जिसके तहत किसानों  को सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली दी जाएगी। कृषि और बागवानी के विकास में तेजी लाने और हर्बल पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए  गुजरात सरकार ने बागवानी  विकास मिशन की घोषणा की जिसके तहत  किसानों और गैर - किसानो को एक अवधि के लिए पट्टे पर जमीन आवंटित की जाएगी। राज्य सरकार द्वारा चलाए गए विभिन्न योजनाओं का मुख्य उद्देश्य किसान की आय को दुगुना करना और कृषि और रोजगार को बढ़ावा देना है।
         
         पिछले दो दशक से गुजरात ने शिक्षा में भी अत्याधिक प्रगति किया है। गुजरात सरकार वर्ष 2020 में शिक्षा के क्षेत्र मे सकारात्मक बदलाव लाने के लिए विश्व बैंक और एशिया इनफ्रस्ट्रक्चर डेवलपमेंट बैंक द्वारा वित्त पोषित मिशन 'स्कूल ऑफ एक्सीलेंस परियोजना' लेकर आई। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, उच्च शिक्षण सामग्री और शिक्षा का वैकल्पिक माध्यम प्रदान करना था। सरकारी और अनुदान प्राप्त स्कूलों में शिक्षा को गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने स्कूलों को शैक्षणिक प्रदर्शन के आधार पर अनुदान आवंटित करने की घोषणा की है। इसके तहत स्कूलों के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का माहौल पैदा होगा और राज्य बेहतरीन शिक्षा की तरफ अग्रसर होगा। कन्या केलवाणी निधि योजना के तहत राज्य सरकार ने बेटियों की शिक्षा को प्रोत्साहित किया है। यह योजना मुख्य रूप से बालिका शिक्षा पर केंद्रित है। इस योजना के तहत राज्य सरकार राज्य में लड़कियों की शिक्षा का खर्च उठाएगी और निजी स्कूलों में इस योजना के तहत 50% शुल्क वहन करेगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में स्त्री- पुरुष समानता को बढ़ावा देना है।
         
        अगर गुजरात मॉडल में पर्यटन और पर्यटन नीतियों की बात न हो तो यह गलत है। साल 2020 में पूर्व मुख्यमंत्री श्री विजय रुपाणी जी ने 5 साल (2021-25) के लिए पर्यटन नीति की घोषणा की और राज्य में धार्मिक पर्यटन पर जोर देने की बात कही है। इस नीति के तहत 'आत्मनिर्भर भारत' और 'वोकल फॉर लोकल' को बढ़ावा दिया जाएगा। इस नीति में होटल ,मनोरंजन पार्क, सम्मेलन कक्ष आदि के निर्माण पर निवेश सब्सिडी दिया जाएगा। गुजरात प्राचीन शिल्प और सभ्यताओं के समृद्ध विरासत के अलावा प्राकृतिक आकर्षण जैसे गिर राष्ट्रीय उद्यान, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, सरदार सरोवर बांध,विश्व का सबसे बड़ा स्टेडियम, भारत का पहला विश्व धरोहर शहर और ब्लू फ्लैग प्रमाणित समुद्र तट देश दुनिया से पर्यटकों को आकर्षित करता रहा है। राज्य ने अतिथि देवो भव के मंत्र को आत्मसात किया और दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आए पर्यटकों को एक सुरक्षित वातावरण प्रदान किया है।
        
         आज गुजरात हर क्षेत्र मे एक प्रतिष्ठित राज्य बनकर उभरा है। गुजरात के विकास का मॉडल पूरे देश के विकास के लिए हमे दिशा देता है। यह और भी महत्त्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि गुजरात ने 2001में भीषण भूकंप का सामना किया, फिर 2005 में अक्षरधाम आतंकी हमला, 2002 में गोधरा जैसे दंगो का सामना किया। गुजरात का प्रभावशाली विकास प्राकृतिक आपदा, आतंकवाद और साम्प्रदायिक दंगो से विकास और प्रगति की ओर सफल कदम की कहानी है। गुजरात ने सभी क्षेत्रों में तेजी से विकास दर दिखाया है फिर चाहे वह राज्य की सकल विकास दर हो, उत्पादन दर हो या कृषि क्षेत्र की बात हो। इस प्रगति का श्रेय भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार को जाता है जिसने अपनी नीतियों से गुजरात को एक प्रगतिशील राज्य की तरफ अग्रसर किया है और यही कारण है कि पिछले दो दशकों से गुजरात की जनता राज्य के नेतृत्व के लिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार को चुनती आ रही है।

 

रिपोर्टर : चंद्रकांत पुजारी

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