बहुआयामी व्यक्तित्व स्वामी श्रद्धानन्द जी" पर गोष्ठी हुई संपन्न

पंचकूला : 25 दिसम्बर 2022 ,(चंद्रकांत सी पुजारी) केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में "बहुआयामी व्यक्तित्व स्वामी श्रद्धानंद जी" विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह करोना काल से 483 वा वेबिनार था।

वैदिक प्रवक्ता डॉ. नरेन्द्र आहुजा विवेक पूर्व राज्य औषधि नियंत्रक हरियाणा एवं युवक परिषद के प्रान्तीय प्रभारी ने कहा कि क्रांतदर्शी महर्षि दयानन्द के उपरान्त दूसरा सबसे बड़ा आर्य स्तम्भ स्वामी श्रद्धानन्द हैं। पूर्व में महात्मा  मुंशीराम के नाम से विख्यात देव दयानन्द के मानस पुत्र , नवजागरण के अग्रदूत , पंजाब में आधुनिक चेतना के निर्माता , स्वाधीनता संग्राम सेनानी क्रांतिकारी , निर्भय आर्य सन्यासी , निर्भीक पत्रकार , हिन्दू मुस्लिम एकता के सूत्रधार , श्रद्धा व्रत के पालक , क्रांतदर्शी युगपुरुष , गुरुकुलीय शिक्षा प्रणाली के पुनः संस्थापक , क्रियात्मक जीवन के धनी , करुणा त्याग सत्य के पोषक , राष्ट्रभाषा हिन्दी के प्रचारक , सामाजिक चेतना के नायक , आर्य समाज के उज्ज्वल रत्न , सर्वस्व त्यागी महादानी , सामाजिक समरसता के प्रतीक , अछूतोद्धारक , कन्या शिक्षा के पक्षधर , वैदिक सिद्धान्त प्रचारक , शुद्धि आंदोलन के प्रणेता , आत्म बलिदानी अमर हुतात्मा स्वामी श्रद्धानन्द जी महाराज का बलिदान दिवस 23 दिसम्बर 1926 को हुआ था।

जब अब्दुल रशीद नाम के धार्मिक मतान्ध ने धर्म चर्चा की इच्छा व्यक्त की और अपनी पिस्तौल से गोलियां चला कर स्वामी जी की हत्या कर दी। स्वामी श्रद्धानन्द चाहे सशरीर हमारे साथ नहीं रहे लेकिन अपने जीवन काल में किए गए कार्यों के कारण सदा सर्वदा के लिए जनमानस विशेष रूप से आर्य जगत में अपनी अमिट छाप छोड़ कर अमर हो गए। 
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि स्वामी श्रद्धानंद निर्भीक संन्यासी थे, उन्होंने चांदनी चौक घंटाघर पर अंग्रेजी सेना के आगे सीना तान दिया।उनका बलिदान सदियों तक समाज को मार्ग प्रशस्त करता रहेगा। उन्होंने सिखो के गुरु भाग के आंदोलन सक्रिय भूमिका निभाई।

मुख्य अतिथि आचार्य गवेंद्र शास्त्री व अध्यक्ष ईश आर्य हिसार ने कहा कि स्वामी श्रद्धानंद जी के जीवन से प्रेरणा लेकर ऊंच नीच को समापत कर समाज को जोड़ने का कार्य करें। राष्ट्रीय मंत्री प्रवीन आर्य ने धन्यवाद ज्ञापित किया।गायिका कमलेश चांदना, अंजू आहुजा, कमला हंस, कृष्णा गांधी,संध्या पाण्डेय,जनक अरोड़ा, प्रतिभा कटारिया, मधु खेड़ा, कुसुम भंडारी आदि के मधुर भजन हुए।

रिपोर्टर : चन्द्रकांत पुजारी

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