ऐसे अपनी जीभ से पहचानें कि आपको कौन सी बीमारियां होने वाली है

मानव शरीर अपने आप में अनमोल है . हम और आप सब ये समझ सकते है कि आखिर हमारे शरीर का हर अंग कितना जरूरी है. सिर के पैर से लेकर पैर के तलवों तक हर अंग हमारी सेहत का राज होता है. ऐसे में आपको जानकर हैरानी होगी की जीभ भी हमारी सेहत का राज बता सकती है ..आपकी जीभ कैसी है इससे पता लगाया जा सकता है कि आपके शरीर मे कौन सी बीमारी पनप रही है या फिर हो सकती है .ये काफी दिलचस्प बात है कि जिस जीभ को स्वाद का साथी माना जाता है वो असल में सेहत की साथी है . कुछ अध्ययनों में ये बात साबित हो चुकी है कि जीभ में कैंसर और डायबिटीज जैसी बीमारियों के संकेत छिपे हो सकते हैं. यानी जीभ की रंगत से सेहत का हाल पता चल सकता है. तो आइए जानते हैं जीभ में बदलाव किन-किन बीमारियों के संकेत हो सकते हैं.

 

जीभ का काला होना

कुछ लोगों की जीभ का रंग काला पड़ने लगता है. ऐसा तभी होता है जब आपने एंटासिड टैबलेट लिया है. एंटासिड में बिस्मथ रहता है जो थूक के साथ जीभ की उपरी परत में फंस जाता है. आमतौर पर यह कोई गंभीर या चिंताजनक स्थिति नहीं है और मुंह की सफाई रखने से अक्सर ठीक हो जाती है. हालांकि डायबिटीज के कुछ रोगियों में जीभ का रंग काला हो जाने की समस्या हो सकती है. यदि आपने एंटासिड नहीं लिया है तो आपको डॉक्टर से दिखाने की जरूरत है.

 

जीभ का सुर्ख लाल होना

जब जीभ का रंग गुलाबी से हटकर सुर्ख लाल हो जाए तो यह चिंता का कारण हो सकता है. यह कावासाकी बीमारी हो सकती है. इसके अलावा विटामिन 3 की कमी के कारण भी ऐसा हो सकता है. बच्चों में होने वाले कावासाकी रोग में भी जीभ लाल रंग की हो जाती है. इसके अलावा स्कार्लेट फीवर की स्थिति में जीभ का रंग सुर्ख लाल हो सकता है.

 

जीभ में जलन हो

अगर जीभ में जलन हो तो यह भी अच्छी चीज नहीं है. आमतौर पर यह एसिडिटी के कारण हो सकती है लेकिन कभी-कभी तंत्रिका संबंधी गड़बड़ियों के कारण जीभ में जलन होने लगती है.

 

जीभ पर सफेद धब्बे

अगर जीभ पर सफेद धब्बे या कोटिंग जैसी बनावट दिखे तो यह यीष्ट इंफेक्शन हो सकता है. ऐसा बच्चों और बुजुर्गों में ज्यादा देखा जाता है. इसके अलावा जीभ पर सफेद कोटिंग ल्यूकोप्लाकिया के कारण भी हो सकता है. तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों में यह समस्या अधिक होती है.

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