डार्क चॉकलेट आपके शरीर को पहुंचा सकती है ये बेहतरीन फायदे

बच्चों की एक बहुत पंसदीदा चींज होती है , चॉकलेट. लेकिन हम बच्चों को अक्सर चॉकलेट को मना करते ही नजर आते है .मगर क्या आपको पता है यही चॉकलेट स्वास्थ के मामले में कितना काम आ सकती है . हम सभी ने अपनी ज़िन्दगी के किसी ना किसी पड़ाव पर स्वयं को उदास और हताश महसूस किया होगा. असफलता, संघर्ष और किसी अपने से बिछड़ जाने के कारण दुखी होना बहुत ही आम और सामान्य है.लेकिन अगर अप्रसन्नता, दुःख, लाचारी, निराशा जैसी भावनायें कुछ दिनों से लेकर कुछ महीनों तक बनी रहती है और व्यक्ति को सामान्य रूप से अपनी दिनचर्या जारी रखने में भी असमर्थ बना देती है तब ये डिप्रेशन नाम के  मानसिक रोग का संकेत हो सकता है.  और इसी उदासी और डिप्रेशन में काम आ सकती है चॉकलेट .लोग उदासी महसूस होने पर मन बदलने के लिए तमाम उपाय अपनाते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि इस मामले में डार्क चॉकलेट खाना कारगर हो सकता है. एक हालिया अध्ययन में यह बात सामने आई है.कोरिया में हुए एक नए अध्ययन के अनुसार, डार्क चॉकलेट के कुछ टुकड़े खराब मूड को बेहतर कर सकते हैं. शोधकर्ताओं ने पाया है कि जिन स्वस्थ वयस्कों ने 85 प्रतिशत डार्क चॉकलेट में से प्रतिदिन कुल 30 ग्राम चॉकलेट खाईं, वे उन स्वस्थ वयस्कों की तुलना में अधिक खुश देखे गए, जिन्होंने कम कोको वाली चॉकलेट का सेवन किया या चॉकलेट खाई ही नहीं. 100 ग्राम वाली चॉकलेट का करीब एक तिहाई हिस्सा 30 ग्राम होता है. ऐसा माना जाता है कि चॉकलेट खाने से मूड में हुआ सुधार माइक्रोबियल बदलावों से जुड़ा होता है. अध्ययन के नमूनों में यह पाया गया.

दूध वाली चॉकलेट से दूर रहें: शोधकर्ताओं ने कहा कि यह फायदे सिर्फ 85 प्रतिशत कोको युक्त चॉकलेट खाने से पाए गए. दूध युक्त चॉकलेट से व्यवहार और खुशियों में बदलाव नहीं देखा गया. शोधकर्ताओं ने कहा कि दूध युक्त चॉकलेट को कम मात्रा में खाना चाहिए और नियमित रूप से नहीं खाना चाहिए. उच्च कोको प्रतिशत वाले चॉकलेट उत्पाद बेहतर होते हैं, क्योंकि उनमें चीनी, वसा और रंग व तेल जैसे अन्य यौगिक कम होते हैं.

 

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