अगर मिल रहे हैं ये सकेंत तो समझ लिजिए आपके फेफड़ें हो रहे हैं खराब

हम अपनी भागती दौड़ती जिंदगी में इतना व्यस्त है कि हम अक्सर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को तब तक नज़रअंदाज़ कर देते हैं जब तक वो गंभीर नहीं हो जातीं और जब फेफड़ों की बीमारियों की बात आती है, तो यह बहुत अलग नहीं हो सकता है. फेफड़े मानव शरीर का एक अहम हिस्सा हैं, जो ब्लड वेसेल्स यानी रक्त वाहिकाएं तक ब्लड पहुंचाने का काम करते हैं. लेकिन ज्यादातर लोग फेफड़े की हेल्थ के प्रति जागरूक नहीं रहते हैं. फेफड़े में किसी भी तरह की दिक्कत आने से सांस संबंधी समस्या पैदा होने का रिस्क रहता है.फेफड़ों से संबंधित किसी भी हेल्थ कंडीशन का संकेत देने वाले हल्के लक्षण मुश्किल से ही दिखाई देते हैं, जो बाद में बदले में स्थिति को गंभीर रूप से बढ़ा देते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति से बचने के लिए फेफड़ों की बीमारियों के लक्षणों के बारे में जानना जरूरी है.

सीने में दर्द

अचानक सीने में दर्द जो एक महीने या उससे अधिक समय तक रहता है खासकर अगर सांस लेने या खांसने पर ये और तेज हो जाता है, तो यह एक वार्निंग साइन  है.

ज्यादा बलगम बनना

बलगम  जिसे कफ भी कहा जाता है, बलगम, फेफड़ों के काफी अन्दर से निकाला जाने वाला गाढ़ा पदार्थ होता है न कि मुंह या गले के अन्दर का पतला थूक. बलगम का संबन्ध रोगग्रस्त फेफड़े, श्वास नली एवं ऊपरी श्वसन नाल में हवा के आने-जाने से है. अगर आपको एक महीने से ज्यादा बलगम वाली खांसी है तो ये फेफड़ों की बीमारी का संकेत हो सकता है.

अचानक वजन कम होना

न्यूट्रीशनिस्ट लवनीत बत्रा का कहना है कि यदि बिना किसी डाइट प्लान के या एक्सरसाइज के आपके वजन में भारी गिरावट आ रही है, यह एक संकेत हो सकता है कि आपका शरीर यह दिखाने के लिए साइन दे रहा कि आपके अंदर एक ट्यूमर बढ़ रहा है.

श्वास में परिवर्तन

अगर आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही है या बहुत आसानी से हवा लग रही है, तो यह फेफड़ों की बीमारी का संकेत हो सकता है. फेफड़े में एक ट्यूमर या कार्सिनोमा से फ्ल्यूड का निर्माण वायु मार्ग को अवरुद्ध करता है, जिससे सांस की तकलीफ होती है.

खून के साथ लगातार खांसी/खांसी

आठ सप्ताह या उससे अधिक समय तक खांसी में खून आने को एक पुराना और एक महत्वपूर्ण प्रारंभिक लक्षण माना जाता है, जो बताता है कि आपके श्वसन तंत्र में कुछ गड़बड़ है. न्यूट्रीशनिस्ट लवनीत बत्रा का कहना है कि इन सभी संकेतों पर नज़र रखें. इन्हें हल्के में न लें और भविष्य में समस्याओं से बचने के लिए इन चीजों की जांच करवाना हमेशा बेहतर होता है.

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