Intermittent Fasting शुरू करने से पहले जान लें ये 5 जरूरी बातें

अगर आप वजन कम करना चाहते हैं या हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना चाहते हैं, तो आपने इंटरमिटेंट फास्टिंग का नाम जरूर सुना होगा।
लेकिन रुकिए! इसे शुरू करने से पहले जान लीजिए ये 5 ज़रूरी बातें, वरना फायदे की जगह नुकसान भी हो सकता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है? - समझिए बेसिक्स
इंटरमिटेंट फास्टिंग कोई डाइट प्लान नहीं है, बल्कि यह खाने का एक टाइम-टेबल है। इसमें खाने और न खाने के समय को फिक्स किया जाता है।
सबसे लोकप्रिय मेथड्स हैं:
16:8 मेथड – 16 घंटे फास्ट, 8 घंटे खाना
5:2 मेथड – हफ्ते में 5 दिन सामान्य खाना, 2 दिन कम कैलोरी
ईट-स्टॉप-ईट – हफ्ते में 1-2 बार 24 घंटे का फास्ट
इस पैटर्न से मेटाबॉलिज्म तेज होता है और फैट तेजी से बर्न होता है।
क्या हैं इसके फायदे? - जानिए इसकी ताकत
इंटरमिटेंट फास्टिंग के ये प्रमुख लाभ हैं:
वजन तेजी से कम होने में मदद
ब्लड शुगर कंट्रोल और इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार
डैमेज्ड सेल्स की रिपेयर यानी ऑटोफैजी
दिमागी फोकस और मेमोरी बेहतर
हार्ट हेल्थ में सुधार और कोलेस्ट्रॉल कम
किसे नहीं करनी चाहिए इंटरमिटेंट फास्टिंग? - जानिए सीमाएं
हर किसी के लिए ये फास्टिंग तरीका नहीं है। ये लोग सावधानी बरतें:
गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाएं
डायबिटीज या लो ब्लड शुगर के मरीज
बहुत कम वजन या ईटिंग डिसऑर्डर वाले लोग
क्रॉनिक बीमारियों जैसे किडनी या लिवर प्रॉब्लम्स वाले
कोई भी हेल्थ कंडीशन हो तो डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।
फास्टिंग में क्या खाना चाहिए? - स्मार्ट ईटिंग है ज़रूरी
फास्टिंग के समय और उसके बाद सही खाना बहुत जरूरी है:
खाएं:
प्रोटीन: अंडे, दालें, पनीर, चिकन
फाइबर और हरी सब्जियां: पालक, ब्रोकली
हेल्दी फैट्स: नट्स, एवोकाडो, ऑलिव ऑयल
कम शुगर वाले फल: सेब, कीवी, बेरीज़
बचें:
जंक फूड
प्रोसेस्ड और शुगरी ड्रिंक्स
धीरे-धीरे शुरू करें – बॉडी को टाइम दें
फास्टिंग की शुरुआत धीरे-धीरे करें।
शुरू में हफ्ते में 1-2 दिन से ट्राय करें।
शुरुआत में सिरदर्द, चिड़चिड़ापन हो सकता है, लेकिन कुछ दिनों में शरीर इसके अनुसार एडजस्ट हो जाएगा।
अगर आप इंटरमिटेंट फास्टिंग शुरू करना चाहते हैं, तो इन 5 बातों को ज़रूर ध्यान में रखें। सही तरीका अपनाइए और अपनी सेहत को दीजिए एक नई दिशा।
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