ऐसा मंदिर जंहा चांदी की थाली में लगता हैं चूहों को भोग

भारत एक ऐसा देश जो अपने आप में तमाम रहस्य लिए हुआ है ,भारत के लोग परम्पराओ,रीती रिवाजो और आस्था में काफी विश्वास करते है,भारत में तमाम मंदिरों की अपनी एक कहानी अपना एक अलग इतिहास है,तो वही कुछ मंदिरों की प्रथा और इतिहास जानकर आप खुद चौक जायेंगे और उनपर आपको विश्वाश करना बेहद मुश्किल हो जायेगा.

अगर हम आपसे कहे की एक ऐसा मंदिर है जहाँ चाँदी की थाल में चूहों को दिया जाता है भोग,या फिर ये कहे एक ऐसा मंदिर जंहा चूहों का लिया जाता है आशीर्वाद तो आप यकीन करेंगे ,नहीं ना ....लेकिन ये सच है ... ये भारत में करणी माताजी का एक ऐसा मदिर है जहा चूहों का आशीर्वाद लिया जाता है तो चलिए बताते है आपको पूरी बात –

आखिर क्या है पूरी कहानी

राजस्थान के बीकानेर जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर देशनोक नामक कस्बे में स्थित है ,  करणी माताजी के इस मंदिर की अजीब बात यह हैं कि यहां माता को प्रसन्न करने हेतु चूहों को प्रसाद खिलना पड़ता हैं और इन चूहों की संख्या 2 हजार से अधिक बताई जाती हैं। कहा जाता है कि यह चूहे करणी माता के परिवार के सदस्य हैं और इन चूहों की झूठी प्रसाद खाने से ही माता प्रसन्न होती हैं। बताया जाता हैं कि करणी माता बीकानेर राजघराने की कुलदेवी हैं और इन्हीं के आशीर्वाद से बीकानेर और जोधपुर अस्तित्व में आए हैं।

आखिर क्यों है सफ़ेद चूहे का खास महत्व

मंदिर परिसर में चूहों द्वारा धमाचौकड़ी मचाना आम बात हैं। मंदिर में अधिकांश काले चूहें नजर आते हैं। लेकिन अगर सफेद चूहा नजर आ जाए तो उसे पुण्य माना जाता हैं। यहां आने वाले भक्तों का कहना हैं कि अगर सफेद चूहें को देखकर अगर कोई मनोकामना करते हैं तो वह जल्द ही पूरी हो जाती हैं।

कराया जाता है चाँदी की थाली में भोग

यहां मौजूद हजारों चूहें करणी माता के परिवार के सदस्य हैं। जिन्हे कोई भी नुकसान नहीं पहुँचा सकता है। चूहों को अन्य जानवरों से खतरा ना हो इसलिए मंदिर परिसर में चूहों की सुरक्षा हेतु लोहे की जालियां लगाई गई हैं। मंदिर में दूध, मिठाई आदि प्रसाद के रूप में चूहों के लिए चांदी की एक बड़ी थाली में भोग लगाया जाता हैं। बताया जाता हैं कि चूहों की झूठी प्रसाद खाने से करणी माता प्रसन्न होती हैं।

 

 

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.