बगीचा - पूर्व अजाक मंत्री गणेश राम भगत ने थाने में कहा कर लो मुझे गिरफ्तार , सो गए मैदान में कहा भेज दो मुझे जेल

जशपुर / बगीचा - पूर्व अजाक मंत्री गणेश राम भगत ने थाने में कहा कर लो मुझे गिरफ्तार , सो गए मैदान में कहा भेज दो मुझे जेल। एसडीएम पर लगाया तहसीलदार के माध्यम से आंदोलन को विफल करने का आरोप, मचा बवाल , कहा एनजीओ के कार्यक्रम में जुटा रहे हजारों की भीड़, आदिवासियों के कार्यक्रम से हो रही समस्या…

जशपुर गणेश राम भगत के नेतृत्व में जनजातीय सुरक्षा मंच के तत्वाधान में बगीचा में महारैली एवं सभा का आयोजन किया गया था जिसमें छत्तीसगढ़ के मंत्री अमरजीत भगत के बेटे के विवादित जमीन मामले सहित मनमाने बिजली बिल वसूली व अन्य मुद्दे थे। जब गणेश राम भगत बगीचा पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि कार्यक्रम की अनुमति नहीं है। गणेश राम भगत ने जमकर आक्रोश व्यक्त किया और थाने में जाकर जमीन पर लेट गया और कहा मुझे गिरफ्तार कर लो अगर मैं गलत हूं तो। गणेश राम भगत ने कहा कि जब एसडीएम को फोन लगाया गया तो फोन काट दिया गया जबकि वह कलेक्टर से बात करके निकले थे। गणेश राम भगत ने यह भी कहा कि तहसीलदार के द्वारा यह कहा गया कि एसडीएम कार्यक्रम की अनुमति नहीं देने के लिए कहा है। घटना से बिफरे गणेश राम भगत ने कहा कि कल जब सन्ना में हजारों की संख्या में लोग जुटे थे इस कार्यक्रम की अनुमति किसके द्वारा दी गई थी। जब जनजातीय समाज के हित और उनकी रक्षा की बात आ रही है तो कोरोना वायरस रहा है।

बीजेपी के पूर्व नेता गणेश राम भगत थाने में गिरफ्तारी देने बैठे रहे , लेकिन किसी के द्वारा गिरफ्तार नहीं किया गया। बगीचा में जनजातीय सुरक्षा मंच की रैली थी आज,10 दिन पहले जनजातीय सुरक्षा मंच ने बगीचा एसडीएम से मांगी थी अनुमति। प्रशासन ने कार्यक्रम के 1 घंटे पहले कार्यक्रम करने से किया मना। आनन फानन में प्रशासन ने रोका तो गणेश राम भगत थाने में ही धरने में बैठे। श्री भगत ने कहा कि जब हमर अँचरा का एनजीओ कार्यक्रम एसडीएम कलेक्टर की उपस्थिति में हो सकता है तो जनजातीय सुरक्षा मंच द्वारा 10 दिन पहले दिए गए आवेदन में एसडीएम ने स्वीकृति क्यों नहीं दी। अगर प्रशासन को कैंसल ही करना था तो पहले बताते जब कार्यक्रम के लिए लोग इकट्ठे होने लगे तो तहसीलदार को भेजकर कार्यक्रम बंद कराना कहाँ तक उचित है।

लोगों का कहना है कि जब 2000 लोगों को इकट्ठा करके कल एनजीओ का कार्यक्रम सम्मेलन किया जा सकता है तो इसका परमिशन किसने दिया और कैसे दिया तब कोरोना का संक्रमण नहीं हुआ।

वही गणेश राम भगत ने कहा कि यह मंत्री अमरजीत भगत के द्वारा उनके जमीन विवाद मामले को दबाने के लिए किया गया प्रयास है और एसडीएम मंत्री के दबाव में इस कार्यक्रम को विफल करने अपनी ताकत झोंक रही है। वही मामले को लेकर प्रशासन का अब तक कोई पक्ष नहीं आया है। गणेश राम भगत का कहना है कि अगर अनुमति निरस्त करनी थी तो पहले बता देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं अपनी बात दुनिया के सामने जरूर रखूंगा।

उल्लेखनीय है कि जनजाति सुरक्षा मंच के इस महा सम्मेलन में सुरक्षा व्यवस्था के चाक-चौबंद व्यवस्था भी कर लिए गए थे और बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती भी कर ली गई थी। थाने में जाकर गणेश राम जी पहले बैठे और फिर लेट गए। गणेश राम जी के खबर की जानकारी जब गांव गांव तक पहुंची तो लोग गांव गांव से पुनः कार्यक्रम स्थल की ओर रवाना होना शुरू कर दिया है। यह कहा जा रहा है कि थोड़ी देर बाद फिर से सभा का शुभारंभ होगा। वही गणेश राम जी ने कहा कि अगर उनके समर्थकों और जनजातीय समाज को कार्यक्रम स्थल पर नहीं आने दिया जाता है तो भी वह अपनी बात रखेंगे भले ही वे पुलिस वालों को अपनी बात सुनाएंगे।

रिपोर्टर - दीपक वर्मा

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