मां कुदरगढी स्टील प्लांट नही लगेगा नही लगेगा, जल, जंगल, जमीन हमारा है, टांगरगाँव हमारा है", स्टील स्पंज आयरन कारखाना के खिलाफ ग्रामीण भड़के

जशपुर - मां कुदरगढी स्टील प्लांट नही लगेगा नही लगेगा, जल, जंगल, जमीन हमारा है, टांगरगाँव हमारा है", स्टील स्पंज आयरन कारखाना के खिलाफ ग्रामीण भड़के

जशपुर जिले के कांसाबेल टांगरगाँव में अब स्टील प्लांट के विरोध में ग्रामीण खुलकर सामन आ गए हैं। लगातार बैठकों का दौर जारी है ग्रामीण अपने स्तर पर पुरजोर विरोध की तैयारी में लगे हुए हैं। जैसे जैसे जनसुनवाई की तारीख करीब आती जा रही है वैसे वैसे ग्रामीणों एकजुट होते जा रहे हैं।

बताया जा रहा है ग्रामीण रोज गाँव में रैली निकालकर स्टील काम्पनी को सीधी चेतावनी देते नजर आ रहे हैं।खबर है कि आगामी 4 अगस्त को स्टील कारखाना की स्थापना के लिए होने वाले जनसुनवाई के विरुद्ध ग्रामीण अभी से लामबंद हो गए हैं। यहाँ गांव में आने जाने वाले लोगों पर ग्रामीणों का कड़ा पहरा है। पुष्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जनसुनवाई से पहले ग्रामीण नाकेबंदी की तैयारी में हैं। जिसके अनुसार किसी भी बाहरी व्यक्ति को गाँव में घुसने नहीं दिए जाने की बात सामने आ रही है।
आपको बता दें कि कुदरगढ़ी स्टील प्लांट के के विरोध की शुरुआत पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने शुरू की जिसके बाद जनजातीय सुरक्षा मंच ने गाँव में पहली बैठक कर ग्रामीणों को जागरूक करते हुए उनकी राय ली जिसमें सभी ने एक स्वर में इस स्टील उद्योग का विरोध किया। अब यह चिंगारी आग की तरह पुरे गाँव में फ़ैल चुकी है। घर घर से विरोध के स्वर उठने लगे हैं वहीँ आसपास के पारा, टोला, मोहल्ला सभी एकजुट होकर इस स्टील उद्योग की स्थापना व जनसुनवाई का विरोध कर रहे हैं।

जिले के दिग्गज नेता पूर्व मंत्री गणेश राम भगत, विधायक संसदीय सचिव यूडी मिंज, सांसद गोमती साय, पूर्व राज्यसभा सांसद रणविजय सिंह जूदेव समेत प्रबल प्रताप खुलकर स्टील उद्योग का विरोध कर रहे हैं वहीँ बीजेपी ने भी एकजुट होकर इसका विरोध किया है।
उल्लेखनीय है कि मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इस पुरे प्रोजेक्ट को गलत बताया गया है जिसमें वन विभाग से बिना अनापत्ति लिए उद्योग स्वीकृत कराने की बात सामने आ रही है वहीँ नदी के जल के उपयोग की बात कही गई है जबकि जल संसाधन विभाग से इसकी पूर्व स्वीकृति नहीं ली गई।प्रोजेक्ट में यह भी नहीं बताया गया है कि नदी से कारखाना के लिए पानी लेने से ग्रामीणों को कृषि के लिए जो सिचाई की समस्या आएगी उसके लिए क्या उपाय किये जाएँगे।
बहरहाल आगामी 2 अगस्त को अनावेदकों द्वारा मामले में जवाब प्रस्तुत करने के बाद कोर्ट का फैसला आएगा।  फिलहाल जनसुनवाई को लेकर स्थानीय प्रशासन पुरी तरह से मुस्तैद नजर आ रहा है। अब देखना होगा कि ग्रामीणों के विरोध की आवाज कहाँ तक पंहुचती है।

रिपोर्टर : दीपक वर्मा

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