"राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल शिक्षा ( ECCE) का महत्व "

जौनपुर : द्वारा आयोजित "राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल शिक्षा ( ECCE) का महत्व " पर सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ जेपी सिंह वरिष्ठ उपाध्यक्ष, पूर्वांचल विश्वविद्यालय शिक्षक संघ जौनपुर, प्रोफेसर जीडी दुबे , विभागाध्यक्ष अंग्रेजी विभाग तिलकधारी पीजी कॉलेज और डॉ योगेश शर्मा विभागाध्यक्ष बीएड विभाग, सिंगरामऊ पीजी कॉलेज जौनपुर द्वारा अपने अपने विचारों को प्रेषित किया गया।  डॉ योगेश शर्मा ने नई शिक्षा नीति 2020 में शून्य से तीन वर्ष और 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए  सामाजिक, शैक्षिक अनुसंधान और रचनात्मक ज्ञान के सीखने में उपयोगिता को विधिवत प्रोजेक्टर द्वारा समझाने का काम किया। उनके द्वारा प्राथमिक शिक्षको के रिस्पांसबिलिटी और अकाउंटेबिलिटी पर प्रकाश डाला गया । प्रो जीडी दुबे द्वारा शिक्षकों के जिम्मेदारी और बच्चों के प्री स्कूलिंग में  समन्वय को विशेष बताया गया। डॉ जेपी सिंह द्वारा अपने संबोधन में प्री स्कूलिंग एजुकेशन में बच्चों , आंगनबाड़ी वर्कर्स और ECCE में दिए विधान को बताया गया। उन्होंने कहा कि प्रधान, प्रशासन एवं प्रतिनिधियों द्वारा महत्वपूर्ण शिक्षा को इग्नोर किया जाता रहा है। जहां गार्जियन में शिक्षा, जागरूकता, रुचि , नैतिकता और कर्त्तव्य बोध में कमी पाई जाती है वहीं सरकारों द्वारा प्रशिक्षित आंगनबाड़ी वर्कर्स की कमी, आंगनबाड़ी केंद्र की उपेक्षा ,भवन, बाउंड्रीवाल, खिलौना, एक्टिविटी के सामग्री,मॉडल्स, स्वच्छता , स्टॉफ आदि में  फिसड्डी होना भी पूर्व बाल्यावस्था देखभाल शिक्षा नीति को मनसा को पलीता लगा रहा है। पोषण, स्वास्थ्य और सीखना तीनों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।   डायट के प्राचार्य डॉ विनोद कुमार शर्मा ने  तीनों अतिथियों का बुके और साल देकर सम्मानित किया। । प्राचार्य ने सरकार के निर्देशन में चल रहे प्रशिक्षण में आयोजित सेमिनार को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि भारत की संस्कृति है बच्चे मां के पेट से ही सीखना प्रारंभ करते हैं और तीन वर्षों तक स्वतंत्र रूप से सीखते हैं । अर्जुन पुत्र अभिमन्यु उदाहरण है ।परंतु 3 से 6 वर्षों तक हमें  इसीसीई का विशेष ध्यान देना नैतिक, शैक्षिक और सामाजिक जिम्मेदारी है। अंत में उप प्राचार्य ने आभार व्यक्त किया , डॉ नीलमणि तिवारी  ने संचालन किया। डॉ पाण्डेय ,डॉ अमित यादव, डॉ सोनू , आशीष श्रीवास्तव आदि लोगों ने सहयोग किए।

रिपोर्टर : कृपाशंकर यादव

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