सजि बन साजु समाजु सबु बनिता बंधु समेत.......

सजि बन साजु समाजु सबु बनिता बंधु समेत....................

केवट संवाद प्रसंग का मंचन देख भाव-विभोर हुए श्रद्धालु

हे खग मृग हे मधुकर श्रेनी तुम देखी सीता मृगनयनी

राम विलाप देख दर्शकों की आंखे नम हुई

जौनपुर। कबूलपुर बाजार स्थित श्री दया नारायण लीला समिति  के तत्वावधान में चल रहे रामलीला मंचन के तीसरे दिन शनिवार की रात राम केवट संवाद सहित विभिन्न लीलाओ का मंचन किया गया। केवट संवाद प्रसंग का मंचन देख श्रद्धालु भावविभोर हो गए। रामलीला में सुमंत ने प्रभु श्रीराम से 14 दिन बाद घर जाने के लिए आग्रह किया तो राम ने मना कर दिया। यह सुनकर राम आगे बढ़े सुमंत वापस अयोध्या को आ गए। उधर, भगवान श्री राम सरयू नदी किनारे खड़े केवट से नदी पार करने के लिए नाव में बिठाने का आग्रह करने लगे।
केवट प्रभु श्री राम के पास आया और बोला कि आप कौन हैं कहां से हैं और कहां जा रहे हैं। अपना परिचय दीजिए। प्रभु श्री राम ने केवट को अपना परिचय दिया तो केवट वहां से भाग कर दूर हो गया और कहा कि आप वही राम हैं जिनके छूते ही पत्थर की शिला आसमान में उड़ गई। मेरी नाव काठ की है यह तो छूमंतर हो जाएगी। मैं अपने परिवार का पालन पोषण कैसे करूंगा। उधर, अयोध्या में श्रीराम को छोड़ सुमंत जी के पहुंचते ही राम को वापस नहीं आने की खबर राजा दशरथ को मिलते ही राम राम कहते ही प्राण त्याग देते हैं जिसे देख दर्शक द्रवित हो गए। इसके बाद भरत, शत्रुघ्न ननिहाल से सूचना के बाद आयोध्या आते हैं। फिर उधर सीता हरण  लीलाओं का मंचन हुआ । राम विलाप देख दर्शकों की आंखे नम हो गई। रामलीला में पंचवटी में के समीप से एक दिन सुपर्णखा गुजर रही थी। वह लक्ष्मण जी को देख कर मोहित हो जाती है। वह विवाह का प्रस्ताव देती है। लक्ष्मण क्रोधित उसका नाक कान काट देते है। वह रोती बिलखती खर दूषण के पास पहुंची। भगवान राम ने दोनों को मार दिया। इसके बाद सुपर्णखा रावण के पास जाती है। रावण बदला लेने के लिए अपने मामा मारीच के पास पहुंचता है। मारीच सोने का मृग बनकर पंचवटी के चारों ओर घूमता है। राम उसका आखेट करने के लिए चल देते है। मारीच ने प्रभु श्री राम की आवाज में लक्ष्मण को पुकार लगाई। सीता जी के बार-बार आग्रह पर लक्ष्मण जी कुटिया के द्वार पर एक रेखा खींच देते हैं और सीता जी को रेखा से बाहर ना आने किसी की हिदायत देते हुए प्रभु श्री राम की सहायता के लिए चल देते हैं। उधर कुटी को सूनी पाकर रावण सीता का हरण कर लेता है। राम पशु पक्षी से पूछते है हे खग मृग हे मधुकर श्रेनी तुम देखी सीता मृग नैनी। राम विलाप देख दर्शकों की आंखे नम हो गई। राम की भूमिका लोकनाथ प्रजापति, लक्ष्मण मोनू गुप्ता, केवट दिनेश जायसवाल, खरदूषण ज्ञानेश श्रीवास्तव, निषादराज रोमी श्रीवास्तव, मंथरा प्रदीप श्रीवास्तव, आदिवासी रामआसरे मिश्रा, सुमन्त प्रिंस श्रीवास्तव, रावण अरविंद जायसवाल, आदि लोगो ने निभाई।

रिपोर्टर : मोहम्मद जावेद

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