वरिष्ठ नागरिक परिसंघ की केन्द्रीय कार्य समिति की बैठक में उठाए महत्वपूर्ण मुद्दे

झांसी। आज भारतीय मजदूर संघ द्वारा संचालित वरिष्ठ नागरिक परिसंघ नागपुर की केन्द्रीय कार्य समिति की बैठक  1 व 2 दिसम्बर 2025 को हुबली कर्नाटक में हुई। 
बैठक में हिमांचल, उडीसा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, उत्तरप्रदेश सहित 18 प्रदेशों के वरिष्ठ नागरिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया जिसमें वरिष्ठ नागरिक परिसंघ की उ०प्र० इकाई वरिष्ठ नागरिक एवं पेंशनर्स कल्याण समिति के प्रदेश महामन्त्री सन्त प्रकाश वर्मा ने उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर वापिस लौटने पर जानकारी दी।
 भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक दत्तोपन्त ठेंगड़ी, भारत माता व भगवान विश्वकर्मा के चित्रों पर माल्यार्पण कर उनके समक्ष राष्ट्रीय अध्यक्ष रविरमण, महामन्त्री चन्द्रकान्त देशपाण्डे, पूर्व महामन्त्री बसन्तराव पिपलापुरे, उपाध्यक्ष विवेक देशपाण्डे द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ वन्देमातरम् गीत से किया गया। 
वरिष्ठ नागरिक परिसंघ के पूर्व राष्ट्रीय महामन्त्री वसन्तराव पिपलापुरे ने वरिष्ठ नागरिकों की संख्या पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सरकार के वर्ष 2011 के सर्वे के अनुसार वर्ष 1991 में 5.7 करोड़, 2001 में बढ़कर 7.9 करोड़, 2011 में 10.4 करोड़ हुई। इस प्रकार विगत दो दशकों में वृद्धजनों की संख्या में 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई। अन्तर्राष्ट्रीय संगठन UNO के अनुसार विगत वर्ष 2000 से 2050 तक इस संख्या में 700 प्रतिशत वृद्धि होने की सम्भावना है। वर्तमान में भारतवर्ष में वृद्धजनों की संख्या लगभग 18 करोड़ है जो कुल आबादी का 11 प्रतिशत है।
राष्ट्रीय संगठन मन्त्री सुरेश पालीवाल से कहा कि भारत सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए राष्ट्रीय नीति के साथ कुछ कानून बनाए हैं ।
परिसंघ के राष्ट्रीय महामन्त्री चन्द्रकान्त देशपाण्डे ने  कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 41 के अनुसार राज्य अपनी आर्थिक सामर्थ्य और विकास की सीमाओं के भीतर वृद्धावस्था में लोक सहायता प्रदान करने के अधिकारी है। जिसके क्रम में परिवहन की बसों में यात्रा रियायत एवं ईपीएस 95 की न्यूनतम पेंशन रु0 1000/- में प्रदेशों की ओर से समुचित धनराशि अतिरिक्त रूप से मिलाकर वृद्धजनों तथा अन्य सुविधायें देकर को कुछ राहत दी आ सकती है।अन्य वक्ताओं द्वारा रेलवे, बस, हवाई जहाज की यात्रा रियायत में, आयुष्मान कार्ड 60 वर्ष में बनाने, बैंकों में बचत योजना में ब्याज दर बढ़ाने आदि मांगों को दोहराया।अन्य वक्ताओं द्वारा कहा कि जिन बच्चों ने माता-पिता को वृद्धाश्रम जाने को मजबूर किया उनकी काउन्सिलिंग करने की आवश्यकता है। यदि फिर भी नहीं मानते तो सीनियर सिटिजन एक्ट 2007 के अन्तर्गत सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।रविरमण ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि हम लोग नौकरी, व्यवसाय में रहकर मांगते ही रहे, हमें अपना मान-सम्मान बढ़ाना है तो अपने अनुभव को समाज में देने की आदत डालनी होगी व समाज परिवर्तन हेतु चल रहे उपक्रमों से जुड़ना होगा संगठन को समय दान करें।अन्त में महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष ने आभार व्यक्त किया ।

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