एफपीओ आय बढ़ाने के लिए प्राकृतिक खेती पर अधिक फोकस करें, जीवामृत/घनामृत से उत्पादन में होगी बढ़ोतरी :- जिलाधिकारी

झांसी।  किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए एफपीओ की महत्वपूर्ण भूमिका है। जनपद में गठित एफपीओ विशेषज्ञ बनते हुए अपने क्षेत्र के कृषकों को संगठित खेती के लिए प्रेरित करें, उनकी फसल का वाजिब दाम दिलाने के साथ ही उनकी आय बढ़ाने में सहयोग करें। एफपीओ क्षेत्र में मोटे अनाज की खेती के लिए प्रेरित करें और आगे आएं। उक्त उद्गार जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने आज विकास भवन सभागार में आयोजित उत्तर प्रदेश कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) नीति-2020 का अनुश्रवण समन्वय एवं कार्यकलापों की बैठक में एफपीओ के कार्यों की समीक्षा की करते हुए एवं उन्हें आने वाली समस्याओं के निस्तारण हेतु आयोजित बैठक में व्यक्त किए। उन्होंने बैठक में उपस्थित विभिन्न विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि क्षेत्र में गठित एफपीओ को विभागीय योजनाओं की बिंदुवार जानकारी दी जाए ताकि योजनाओं का व्यापक प्रचार प्रसार एफपीओ के माध्यम से किया जा सके और किसान योजनाओं का लाभ उठा सकें।
जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने उपस्थित कृषक उत्पादक संगठन के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा की वर्ष-2023 अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स दिवस के रूप में मनाया जा रहा है, जनपद में भी मिलेट्स के अंतर्गत अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने एफपीओ को मिलेट्स रेस्टोरेंट खोलने के लिए प्रेरित किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि क्षेत्र के किसानों को मोटा अनाज उत्पादन के लिए भी प्रेरित करें क्योंकि मोटे अनाज की खेती में नुकसान कम और किसानों को लाभ अधिक मिलेगा। जिलाधिकारी ने बैठक में जनपद में हल्दी,अदरक,कटिया गेहूं को जीआई टैग कराए जाने के लिए उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि जी आई टैग के बाद ही किसानों के उत्पादन की विशेषता होने पर किसानों को उनकी फसल का अधिक लाभ मिलेगा।
इस अवसर पर उपस्थित एफपीओ को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अपनी आय बढ़ाने के लिए (प्राकृतिक)ऑर्गेनिक खेती पर अधिक फोकस करें,काऊ बेस्ट खेती करने से किसान की लागत में जहां कमी आएगी वही उत्पादन में बढ़ोतरी होगी और आय में भी इजाफा होगा। उन्होने सुझाव देते हुए कहा कि वैज्ञानिक विधि से जैविक खेती करें तथा गोबर, कूड़ा-कचरा एवं फसल के अवशेष खाद के रूप में खेतों में प्रयोग करें। उन्होने एफपीओ को वर्मी कंपोस्ट के क्षेत्र में भी आगे आने का सुझाव दिया। उन्होंने एफपीओ का गठन करते हुए प्रोसेसिंग उद्योग से जोड़े जाने का आव्हान किया ताकि किसान के उत्पादन को प्रोसेसिंग और बेहतर पैकेजिंग के माध्यम से बाजार में उपलब्ध कराया जा सके और उनकी आए बढ़ाई जा सके। उन्होंने जनपद में एफपीओ द्वारा तुलसी की व्यापक खेती की जानकारी ली और कहा कि यदि प्रोसेसिंग और पैकेजिंग के माध्यम से किसानों की उत्पादन को बाजार उपलब्ध कराया जाए तो उन्हें उनके उत्पादन का अधिकतम दाम प्राप्त होगा।
जिलाधिकारी ने विभिन्न एफपीओ के निदेशकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप स्वयं बीज उत्पादन के क्षेत्र में आगे आएं ताकि किसानों को स्थानीय बीज का लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि उपयुक्त वातावरण और जलवायु में किसान का उत्पादन और उत्पादकता में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने इस अवसर पर सुझाव देते हुए कहा कि यदि एफपीओ आपसी समन्वय और तालमेल के साथ यदि कार्य करें तो क्षेत्र के किसानों को उनकी उपज का अधिक लाभ प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने कहा की मार्केटिंग और उत्पादन के लिए एफपीओ मिलकर कार्य करें। आयोजित बैठक मे जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने उपस्थित विभिन्न एफपीओ के निदेशकों से उनकी कार्ययोजनाओं पर बिंदुवार चर्चा की तथा संबंधित अधिकारियों को एफपीओ से सामंजस्य स्थापित कर विभागीय योजनाओं का लाभ देने के निर्देश देते हुए कहा कि कोई समस्या हो तो तत्काल उसका निस्तारण करना सुनिश्चित किया जाए। 
उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड के विकास का रास्ता किसानों के खेतों से ही जाता है, सभी विभाग किसानों की तरक्की और उनके विकास के लिए एफपीओ को सहयोग दें।
आयोजित बैठक में मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद, जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार, उप कृषि निदेशक महेंद्र पाल सिंह , डीडीएम नाबार्ड भूपेश पाल, डीपीआरओ जेआर गौतम, श्याम बिहारी गुप्ता, पुष्पेंद्र यादव, दीपक कुशवाहा सहित लगभग एक दर्जन से अधिक एफपीओ के निदेशक व सदस्य तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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